बारिश के मौसम में इंफेक्शन का खतरा अधिक होता है। खासकर यूरीन इंफेक्शन की संभावना तो और बढ़ जाती है। इसके कारण हमें बार-बार यूरीन पास करने की इच्छा होने लगती है। यूरीन इंफेक्शन के अलावा, किडनी या यूरीनरी ब्लैडर में स्टोन, डायबिटीज, प्रेगनेंसी और कभी-कभी ओवरएक्टिव ब्लैडर भी बार-बार पेशाब आने के कारक बनते हैं। इससे हमारी दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो जाती है। बार-बार पेशाब आने से हमारी नींद बाधित होने लगती है। इससे डिहाइड्रेशन की संभावना भी बनने लगती है, जिसका हमारे शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं, जो बार-बार यूरिन पास करने की इच्छा को कंट्रोल (How to control frequent Urination) कर सकते हैं।
मां कहती है कि उन्हें जब बार-बार यूरीन पास करने की इच्छा होने लगती है, तो वे रसोई से कुछ ऐसी चीजें निकाल लाती हैं, जो कुछ दिनों में इस परेशानी से उन्हें राहत दिला देती हैं। मां के अनुसार, दही, मेथी, अदरक, आंवला, काला चना न सिर्फ शरीर को जरूरी पोषण देते हैं, बल्कि बार-बार यूरीन पास होने पर भी लगाम लगाते हैं।
दही में कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, अन्य प्रोटीन, विटामिन B6 और विटामिन B12 जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इनके अलावा लैक्टोज, आयरन और फास्फोरस जैसे मिनरल्स भी दही में पाए जाते हैं।
कभी-कभी योनि क्षेत्र में इनफेक्शन होने से भी बार-बार पेशाब आने लगता है। दही में मौजूद लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया वैजाइनल इंफेक्शन को रोकने में मदद करता है। इससे योनि के यीस्ट बैलेंस को रिस्टोर करने में भी मदद मिलती है।
दिन में जब भी खाएं यानी ब्रेकफास्ट और लंच के दौरान 4-5 टेबलस्पून दही आहार में जरूर शामिल करें।
एक निश्चित मात्रा में रोजाना खाने से इंफेक्शन खत्म हो जाएगा और यूरीन भी जल्दी-जल्दी पास नहीं होगा।
रात के समय दही न खाएं, इससे गला खराब हो सकता है।
मेथी में पोटैशियम, कैल्शियम, सेलेनियम, मैंगनीज, मैग्नीशियम, सोडियम, आयरन, फास्फोरस, जिंक, विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें फाइबर भी भरपूर होता है। स्टोन के कारण यदि पेशाब बार-बार आ रहे हैं, तो यह फायदेमंद है।
एक टीस्पून मेथी के बीज को आग पर बिना तेल के भून लें।
इसका पाउडर बना लें। गुनगुने पानी के साथ रोज 10 दिनों तक लें। इससे राहत मिलेगी।
दिन भर में एक बार एक टीस्पून मेथी पाउडर के साथ आधा टीस्पून अदरक का पेस्ट मिलाकर सेवन करें। इससे भी मदद मिलेगी।
अदरक एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों वाला होता है। इसमें विटामिन सी, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, जिंक, कॉपर, मैंगनीज और क्रोमियम जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं। अदरक इंफेक्शन को खत्म करने में कारगर है।
अदरक को कूट कर 2 चम्मच रस निकालें।
सुबह-शाम 2 बार इसका सेवन करें, राहत मिलेगी।
पाइल्स वाले लोगों को अदरक से परेशानी बढ़ सकती है।
विटामिन सी, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड और फॉस्फोरस से भरपूर है आंवला। एंटी बैक्टीरियल गुणों के कारण बारिश के मौसम में यह खूब खाया जाता है। यह ब्लैडर को मजबूत बनाता है।
कच्चे आंवले से 2 चम्मच रस निकालें। बाजार में उपलब्ध आंवले रस का भी प्रयोग किया जा सकता है।
आंवला रस में 1 कप पानी डालकर रोजाना पिएं, इससे लाभ मिलेगा।
आंवले को चटनी, मुरब्बे, जेली के रूप में भी खाने से फायदा मिलता है।
काले चने में फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फोलेट, आयरन, फॉस्फोरस, कॉपर, मैंगनीज जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
रोज खाली पेट 2 टेबलस्पून अंकुरित चना खाने से फायदा मिलता है।
बिना तेल के भुने चने को गुड़ के साथ खाने पर भी कुछ दिनों में राहत मिल सकती है।
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