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योनि संक्रमण से भी राहत दिला सकता है ओरिगेनो एसेंशियल ऑयल, जानिए कैसे करना है इस्तेमाल

आजवायन और ओरिगेनो लीव्स हमारे भोजन को सुपाच्य बनाने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी बनाते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि ओरिगेनो एसेंशियल आयल योनि के संक्रमण जैसी कई जटिल समस्याओं में राहत दे सकता है।
ओरिगेनो एसेंशियल आयल में प्राकृतिक रूप से कार्वैक्रोल और थाइमोल जैसे दो रोगाणुरोधी एजेंट मौजूद होते हैं। चित्र : शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 24 Nov 2022, 22:00 pm IST
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अपने भोजन को सुपाच्य बनाने के लिए हम सभी अजवायन का प्रयोग करते हैं। आजवायन की पत्ती यानि ओरिगेनो लीव्स (Oregano leaves) की जब बात आती है, तो झट से हमें इटेलियन खाने की याद आ जाती है। इसकी खुशबू यानी अरोमा जबरदस्त होता है। यह भूख को कई गुना बढ़ा देता है। अरोमा के कारण ही इससे एसेंशियल ऑयल भी तैयार होता है। पर यह जानकर आप हैरान हो जाएंगी कि ओरिगेनो एसेंशियल ऑयल आपकी योनि के स्वास्थ्य (Vaginal health) के लिए भी बढ़िया है। यह योनि में हुए बैक्टीरियल इन्फेक्शन (oregano essential oil for vaginal infection) से राहत दिला सकता है।

खूशबू ही नहीं पोषक तत्वों से भी परिपूर्ण है ओरिगेनो (nutrients of oregano essential oil)

ओरिगेनो एसेंशियल आयल में प्राकृतिक रूप से कार्वैक्रोल और थाइमोल जैसे दो रोगाणुरोधी एजेंट मौजूद होते हैं। यदि आपको वेजायनल यीस्ट इन्फेक्शन(vaginal yeast infection) हो गया है, तो ये एजेंट आपके ब्लड फ्लो में पानी के साथ प्रतिक्रिया करके यीस्ट के अधिक बढ़ने से से रोक सकते हैं। ये प्रभावी रूप से यीस्ट सेल को डीहायड्रेट कर खत्म कर देता है।

आयुर्वेद में भी अजवायन, अजवायन की पत्तियों और इसके तेल का उपयोग औषधीय उपचार के रूप में किया जाता रहा है। इसका शक्तिशाली एंटीफंगल गुण किसी भी संक्रमण को रोकने में कारगर है। ओरिगेनो एसेंशियल ऑयल एंटिफंगल होने के अलावा, एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल भी है। कुछ स्टडी बताती हैं कि यह कैंसर से बचाव भी कर सकती है ।

बैक्टीरिया से हुए इन्फेक्शन को रोकने में कारगर

ब्रिसल यूनिवर्सिटी के एक स्टडी आलेख के अनुसार, ऑरिगेनो आयल कैंडिडा अल्बिकन्स (bacterial infection) के विकास को भी पूरी तरह से बाधित करने में सक्षम है। ऑरिगेनो ऑयल को करियर आयल के साथ प्रयोग किया गया, तो इसके फायदे को अधिक प्रभावी पाया गया। अजवायन के तेल में मौजूद कार्वैक्रोल, टेरपेनॉइड फिनोल, यूजेनॉल और थाइमोल न केवल कैंडिडा अल्बिकन्स, बल्कि प्लैंकटोनिक कोशिकाओं को मारने में भी प्रभावी हैं। इनमें सबसे अधिक प्रभावी कार्वैक्रोल है।

दवाओं से अधिक प्रभावी है ये तेल (oregano essential oil is very effective) 

यूरोपियन जर्नल ऑफ़ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित शोध के अनुसार, अजवायन के तेल में पाए जानेवाला कार्वाक्रोल अलग-अलग तरह की 15 से भी अधिक फार्मास्युटिकल दवाओं की तुलना में अधिक प्रभावी एंटीबैक्टीरियल था।

ओरिगेनो एसेंशियल आयल के माध्यम से योनि में हुए यीस्ट इन्फेक्शन को काफी हद तक खत्म करने में मदद  मिल सकती है। चित्र: शटरस्टॉक

इसके माध्यम से योनि में हुए यीस्ट इन्फेक्शन को काफी हद तक खत्म करने में मदद मिली। आलेख के अनुसार, कार्वाक्रोल की कम मात्रा भी दूषित पानी को जीवाणुरहित करने और यीस्ट इन्फेक्शन का इलाज करने के लिए पर्याप्त थी।

अब जानिए कैसे करना है ओरिगेनो ऑयल का प्रयोग

मॉलिक्यूल जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख इस बात की पुष्टि करते हैं कि एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुणों के कारण इसका प्रयोग किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन में प्रभावी होता है। लेकिन इसका प्रयोग सावधानी से एक्सपर्ट के निर्देशन में ही करना चाहिए।

अजवायन का तेल आम तौर पर फ्लूइड टिंचर या कैप्सूल के रूप में उपलब्ध होता है।

1 फ्लूइड टिंचर का प्रयोग

1 गिलास पानी लें। इसमें 3 बूंद ओरिगेनो एसेंशियल ऑयल मिलाएं।
इस मिश्रण को दिन में दो बार पीना शुरू करें।

2 सॉफ़्टजेल

सॉफ़्टजेल कैप्सूल टिंचर की तरह ही प्रभावशाली हो सकते हैं।
किसी चिकित्सक से परामर्श लेकर ही इस्तेमाल करें।

ओरिगेनो  एसेंशियल आयल की तरह  ओरिगेनो लीव्स  भी योनि संक्रमण  को दूर करने में मददगार है। चित्र : शटरस्टॉक

3 कैसे करें स्किन पर प्रयोग

स्किन पर भी इस तेल का प्रयोग किया जाता है, लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के इसे लेना काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इसकी ज्यादा मात्रा का स्किन पर इस्तेमाल करने पर बहुत अधिक जलन के साथ कई और समस्या का कारण भी बन सकता है। ध्यान दें कि ओरीगेनो एसेंशियल आयल का स्किन पर प्रयोग हमेशा करियर आयल के साथ ही किया जाता है। तभी इसका फायदा अधिक मिलता है। इसे नारियल तेल के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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