हल्का दर्द, क्रैंप्स, थकान और तनाव इस बात की ओर इशारा करते है कि अब पीरियड साइकिल (Period cycle) आरंभ होने वाली है। बावजूद इसके हम दिन भर घर और ऑफिस के कामों कें बीच में मसरूफ रहते हैं। बाकी दिनों के समान इस दिन भी सभी कामों को उसी प्रकार से पूर्ण करते हैं। अगर आप इन दिनों में आलस को दूर रखकर अपनी बॉडी को अन्य दिनों की तरह एक्टिव बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज़ करना चाहती है, तो उसमें कुछ भी गलत नहीं है। इस बात का ध्यान रखें कि ये 5 तरह के व्यायाम दिनचर्या में शामिल न हों ( exercises avoid during periods) ।
सेलिब्रिटी ट्रेनर प्रवीण नायर के मुताबिक रेगुलर एक्सरसाइज़ हमारी बॉडी और माइंड को फायदा पहुंचाती है। ऐसा कोई साइंटिफिक रीज़न नहीं है कि आपको इन दिनों में वर्कआउट को छोड़ना चाहिए। वहीं प्रवीण नायर का कहना है कि आपको व्यायाम जारी रखना चाहिए, लेकिन स्पीड का ख्याल रखना ज़रूरी है। अगर आप थका हुआ महसूस कर रहे हैं, तो शरीर के फिट होने तक व्यायाम से दूरी भी बना सकते हैं।
फासट कार्डियो एक्सरसाइज पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो बढ़ने लगता है। इससे तनाव का असर आपके दिमाग के साथ साथ आपके शरीर पर भी नज़र आने लगता है। दिनभर थकान का अनुभव होने लगता है और मूड स्विंग्स की समस्या भी सामान्य होती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर आपको पहले दिन या उससे भी पूर्व क्रैंप्स महसूस होने लगे हैं, तो आराम करें। ऐसी कंडीशन में करीबन दो से तीन दिनों के लिए हैवी वेट ट्रेनिंग को अवॉइड करें। अपनी बॉडी को फिट होने के लिए थोड़ा सा समय दें। जब तक आप पूरी तरह से हेल्दी न हो जाएं, तब तक इस तरह के व्यायाम अपनी दिनचर्या में शामिल न करें।
योग मुद्राएं पीरियड्स के दौरान शरीर को आराम पहुंचाने का काम करती है। वो योग मुद्राएं जो सिर के बल खड़े होकर की जाती हैं। वे योगासन जिनमें मांसपेशियों में खिंचाव आता है। साथ ही कंधे के स्टैंड, हेडस्टैंड और हल मुद्रा को करने से बचना चाहिए। विशेषज्ञ कहते हैं अपने सिर के बल खड़े होने से आपके यूटर्स में वसकुलर कंजेशन होने का खतरा रहता है। जो अधिक ब्लड फ्लो का कारण बन जाता है।
वो महिलाएं, जिन्हें पेल्विक दर्द की समस्या है, उन्हें स्क्वाट करने से बचना चाहिए। अगर आपको इन दिनों में बहुत ज्यादा दर्द या ऐंठन रहती है, तो क्रंच करने से परहेज करें
यदि आप पूरे पांच दिन तक थका थका महसूस करती हैं, तो उच्च तीव्रता वाले व्यायाम से बचने की सलाह दी जाती है। इससे शरीर में ज्यादा थकान के साथ साथ शारीरिक अंगों में दर्द की समस्या हो सकती है।
पीरियड्स के दौरान अधिकतर महिलाएं व्यायाम करना पूरी तरह से छोड़ देती हैं। इन पांच दिनों को आसान बनाने के लिए इन एक्सरसाइज को रूटीन से करें।
महावारी में किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए सुबह सैर पर निकलें। मार्निंग टाइम में सनलाइट और प्राकृतिक दृश्य हमारे शरीर को हेल्दी रखने का काम करते है।
पीरियड्स के दौरान पिलेट्स अवश्य करें। इससे पेट में होने वाली ऐंठन, पेट दर्द और थकान को कम करने में मदद मिलती है।
इन दिनों को आसान बनाने के लिए आप अपनी दिनचर्या में हल्के योग एड कर सकते हैं। सूर्य नमस्कार की कुछ मुद्राओं के ज़रिए आप खुद को रिलैक्स महसूस करने लगते हैं।
हल्के एरोबिक व्यायाम से मूड स्विंग और तनाव से राहत मिलती है। साथ ही हमारा मांइड दूसरी ओर डायवर्ट हो जाता है।
इन्हें करने से शरीर में एंडोर्फिंस हार्मोन रिलीज होते हैं। इससे मूड स्विंग की समस्या अपने आप हल हो जाती है।
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