गर्मी के मौसम में बार बार होने वाली स्वैटिंग से ब्रेस्ट रैश का खतरा बढ़ जाता है। इससे ब्रेस्ट के नीचे दाने, कालापन और जलन की समस्या बढ़ने लगती है। इससे निपटने के लिए लोग कई प्रकार के लोशन और रेमिडीज़ की मदद लेते हैं। रैशेज और कालेपन को दूर करने के लिए ऑइनमेंट या अन्स उपाय करने के अलावा कुछ खास बातों का ख्याल रखना भी ज़रूरी है, जिससे इस समस्या को पनपने से रोका जा सके। जानते हैं अंडरबूब रैशज की समस्या से बचने के लिए किन टिप्स को करें फॉलो (Itchy breast in summer)।
गर्मी में देर तक रहना और ब्रेस्ट फीडिंग मुख्यतौर पर अंडरबूब रैशेज का कारण साबित होते हैं। त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ निवेदिता दादू बताती हैं कि ब्रेस्ट के नीचे गर्मी के चलते जमा होने वाले मॉइश्चर के चलते संक्रमण का खतरा बन जाता है। वे महिलाएं जिनके स्तन झुके होते हैं। उन्हें स्तनों के नीचे खुजली और सूजन का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा
नहाने के दौरान ब्रेस्ट के नज़दीक क्लीनिंग के लिए किसी भी प्रकार के ब्रश या लूफा के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इससे त्वचा बैक्टीरिया की चपेट में आने से बच जाती है और स्किन हेल्दी व रैशेज से मुक्त रहती है। दरअसल, लूफा के प्रयोग से उसमें बैक्टीरिया की ग्रोथ बढ़ने लगती है, जो स्किन के संपर्क में आते ही त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं।
कुछ लोगों को रूखी त्वचा के चलते इचिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है, जो रैशेज की समस्या को बढ़ा देता है। इससे राहत पाने के लिए अंडरबूब स्किन को मॉइश्चराइज़ रखना ज़रूरी है। इससे स्किन पर बार बार होने वाली इचिंग को दूर करने में मदद मिलती है।
अमेरिकन अकेडमी ऑफ डर्माटोलॉजी के अनुसार खुशबू के चलते कॉटेक्ट डर्माटाइटिस की समस्रू का सामना करना पड़ता है। इसके चलते खुशबूदार प्रोडक्टस का प्रयोग करने से त्वचा पर बार बार रैशेज उभर आते हैं, जो एलर्जी की समस्या को बढ़ा देते हैं। इसे दूर करने के लिए सेंसिटिव स्किन वाले लोगों को फ्रैगरेंस वाले क्लीनिंग प्रोडक्टस के प्रयोग से बचना चाहिए।
स्किन को रैशेज से बचाने के लिए अपने वॉर्डरोब में सिथेटिक की जगह कॉटन के कपड़े एड करें। गर्मी के चलते बार बार आने वाला पसीना ब्रैस्ट के नीचे कैद होने लगता है, जिससे संक्रमण के बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में यीस्ट इंफेक्शन, एलर्जी और गर्मी से बचने के लिए हल्के और सूती कपड़ों का चुनाव करें। इससे त्वचा भी हेल्दी बनी रहती है।
उम्र के साथ ब्रा के साइज़ में फर्क आने लगता है। ऐसे में टाइट ब्रा पहनने से बचें। इससे शरीर पर निशान बनने और रैशेज का जोखिम बढ़ जाता है। शरीर को कूल रखने के लिए फिटिड ब्रा से बचें और स्तनों के साइज़ के हिसाब से ब्रा का चयन करें। साथ रात में ब्रा पहनकर सोने से भी बचें।
रात को सोने से पहले ब्रा को रिमूव करने के बाद ब्रेस्ट के आसपास होने वाली स्वैटिंग का क्लीन करना न भूलें। इससे त्वचा मुलायम और क्लीन रहती है। त्वचा को इचिंग से बचाने के लिए ब्रेस्ट के नीचे मॉइश्चराइजिंग क्रीम, लोशन और ऑयल अप्लाई करें। इससे त्वचा सॉफ्ट रहती है और संक्रमण का खतरा कम होने लगता है।
सोने से पहले स्तनों के नीचे कूलिंग इंफे्क्ट बनाए रखने और जलन दूर करने के लिए एलोवेरा जेल का प्रयोग करें। इससे स्किन रैशेज को कम किया जा सकता है।
स्किन को मॉइश्चराइज़ रखने के लिए ब्रेस्ट के नीचे नारियल का तेल अपलाई करें। इससे स्किन नेचुरली मॉइश्चराइज़ होने लगती है और त्वचा रूखापन भी कम हो जाता है।
जिम के बाद होने वाली स्वैटिंग को दूर करने के लिए बाथ अवॉइड न करें। इससे शरीर संक्रमण से बचा रहता है और त्वचा क्लीन रहती है।
रैशेज और दानों की समस्या बढ़ने से डॉक्टर से संपर्क करें और रैशेज की अवश्य जांच करवाएं।
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