अपने शरीर से कनैक्ट होकर स्ट्रैस रिलीज़ करने की आसान प्राक्रिया को मास्टरबेशन कहा जाता है। हांलाकि सोशल टैबूज के चलते मास्टरबेशन को लेकर बातचीत करने में लोगों को हिचकिचाहट महसूस होती है। मगर सेल्फ प्लेजर का ये आसान उपाय तन और मन को रिलैक्स रखने में मदद करता है। मास्टरबेशन के बाद शरीर में रिलीज़ होने वाले हार्मोन कई प्रकार से फायदेमंद साबित होते हैं। मगर इस प्रक्रिया को करने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना ज़रूरी है। जानते हैं मास्टरबेशन को बेहतर बनाने की कुछ टिप्स (masturbation tips)।
इस बारे में सेक्सोलॉजिस्ट डॉ अजय पाल सिंह का कहना है कि मास्टरबेशन करने से शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन को बढ़ावा मिलता है। दरअसल, मास्टरमेशन के दौरान शरीर से डोपामाइन और एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होते है। डोपामिन न्यूरोट्रांसमीटर है, जो तनाव को बेहतर बनाने में मदद करता है और नींद न आन की समस्या भी हल हो हाजाती है। मास्टरबेशन के दौरान इंटिमेट हेल्थ का ख्याल रखना ज़रूरी है।
एनआईएच की साल 2012 के एक शोध के अनुसार मल्टीपल ल्यूब्रिकेंटस का प्रयोग करने से योनि की सेल लाइनिंग के अलावा रेक्टम को नुकसान पहुंच सकता है। इससे वेजाइना में सेक्सुअल ट्रासमिटिड इंफैक्शन का खतरा बना रहता है। इसके अलावा महिलाओं को ल्यूब्रिकेंट से एलर्जी की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। क्रीम ल्यूब्रिकेंट की जगह वॉटर बेस्ड ल्यूब्रिकेंट का प्रयोग एलर्जी के खरे का कारण नहीं बनता हे।
सेल्फ प्लेजर के लिए सबसे पहले अपने इरोजेनस ज़ोन के बारे में जानें और उंगलियों की मदद से मास्टरबेट करें। मास्टरबेशन में वेजाइना के अलावा निप्लस, लिप्स और कानों को भी इंवाल्व कर सकते हैं।इसके अलावा सेक्स टॉयज़ भी इस्तेमाल कर सकते हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही सेक्स टॉयज का प्रयोग करें। इन्हें इस्तेमाल करने से पहले पूरी तरह से क्लीन कर लें, ताकि संक्रमण के खतरे से बचा जा सके और इंटिमेट हाइजीन मेंटेन रह सके।
मास्टरबेशन में नयापन लाने के लिए बेडरूम की जगह बाथरूम और बेड की जगह चेयर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे प्लेजर बढ़ने लगता है। अलग पोज़िशन से अलग सेंसेशन का एहसास होने लगता है, जो सेटिसफेक्शन और एक्साइटमेंट लेवल बढ़ा देता है। पोज़िशन में बदलाव आने से मूड बूस्ट होता है और इससे प्लेजर ज़ोन वाइड होने लगता है।
केवल प्रेगनेंसी डिले करने के लिए ही नहीं बल्कि हाइजीन के लिए भी कण्डोम का इस्तेमाल आवश्यक है। कई बार फिंगर्स या सेक्स टॉयज से होने वाले संक्रमण के खतरे से बचने के लिए कण्डोम का इस्तेमाल कारगर साबित होता है। दरअसल, हाथों व नाखूनों की सफाई न होने से बैक्टीरियल इंफैक्शन का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में मास्टरबेट करने से पहले कण्डोम के इस्तेमाल को नज़रअंदाज न करें।
उंगलियों से मास्टरबेट करने से सेल्फ प्लेजर की प्राप्ति होती है। इस सेशन में रोमांच के साथ हाइजीन का ख्याल रखना भी ज़रूरी है। मास्टरबेट करने से किसी भी प्रकार के बैक्टीरियल इंफै्क्शन से बचने के लिए पहले हाथों को वॉश करें और नाखूनों को भी काट लें। इससे इंटिमेंट हाइजीन बनी रहेगी और किसी भी प्रकार के कट लगने का जोखिम कम हो जाता है। अपने वेजाइना को हेल्दी रखने के लिए मास्टरबेट करने के बाद यूरिन पास करें और योनि को क्लीन करना न भूलें।
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