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पीरियड्स के बिना हो रही है स्पॉटिंग और क्रैम्प्स तो जानिए क्या हो सकते हैं इसके कारण

पीरियड क्रैम्प और स्पॉटिंग नज़र आने पर फ़ौरन डॉक्टर की सलाह लेने पर विचार करें। कई समस्याएं बेहद तेजी से बढ़ती हैं, यदि इनका पता सही समय पर लगा लिया जाए तो परेशानियों को शुरुआत में ही ट्रीट किया जा सकता है।
जानें पीरियड के बीच में स्पॉटिंग और क्रैंप्स के 6 संभावित कारण। चित्र : अडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 30 Jul 2024, 08:00 pm IST
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कई ऐसी महिला हैं जिन्हे पीरियड्स के बिच या पीरियड्स खत्म होने के कुछ दिनों के बाद क्रैम्प्स के साथ स्पॉटिंग की शिकायत होती है। ज्यादातर महिलाएं इसे नज़रअंदाज कर देती हैं पर ऐसा करना जानलेवा साबित हो सकता है। यह कई गंभीर समस्यायों का संकेत हो सकता है। ऐसा कुछ भी अनुभव होने पर फ़ौरन डॉक्टर की सलाह लेने पर विचार करें। कई समस्याएं बेहद तेजी से बढ़ती हैं, यदि इनका पता सही समय पर लगा लिया जाए तो परेशानियों को शुरुआत में ही ट्रीट किया जा सकता है। ज्यादातर महिलाएं स्पॉटिंग और क्रैम्प्स को लाइट पीरियड्स का नाम दे देती हैं, ये सबसे बड़ी भूल है।

डॉ. आस्था दयाल, डायरेक्टर – आब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी, सी के बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम ने पीरियड्स के बिच में होने वाले क्रैम्प्स और स्पॉटिंग के कुछ कारणों पर बात की है। तो चलिए जानते हैं क्या हो सकते हैं इसके संभावित कारण।

जानें पीरियड्स के बिना क्रैम्प्स और स्पॉटिंग के क्या कारण हो सकते हैं

1. स्थापना रक्तस्राव (Installation Bleeding)

आस्था दयाल के अनुसार “फर्टिलाइज़्ड एग के गर्भाशय की परत से जुड़ने के बाद हल्के स्पॉटिंग और क्रैम्प्स हो सकता है। यह आमतौर पर उस समय होता है जब महिलाएं पीरियड्स का इंतजार कर रही होती है, ऐसे में वे इंस्टालेशन ब्लीडिंग को पीरियड फ्लो समझ लेती हैं।”

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2. जन्म नियंत्रण (Birth Control)

हार्मोनल परिवर्तन के कारण स्पॉटिंग और ऐंठन हो सकती है, जो बर्थ कंट्रोल लेना शुरू करने, बंद करने या भूल जाने के कारण होती है। ये लक्षण संभावित रूप से हार्मोन इम्प्लांट और अंतर्गर्भाशयी (IUDs) उपकरणों के बाद अधिक बढ़ जाते हैं।

3. ओव्यूलेशन (Ovulation)

डॉक्टर कहती हैं “जब ओव्यूलेशन के दौरान ओवरी से अंडा निकलता है, तो कुछ महिलाओं को क्रैम्प्स का अनुभव होता है और पीरियड के बीच में स्पॉटिंग महसूस हो सकता है। सर्वाइकल म्यूकस में परिवर्तन और बेसल बॉडी तापमान में मामूली वृद्धि अक्सर इसके साथ होती है।”

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4. प्रसूति-संबंधी चिंता (Obstetric-Related Concerns)

जब फर्टिलाइज्ड एग यूट्रस के बाहर इम्प्लांट हो जाते हैं, तो एक्टोपिक गर्भावस्था के परिणामस्वरूप भयानक ऐंठन का एहसास और स्पॉटिंग नज़र आ सकती है। यह एक चिकित्सा आपात स्थिति है जिसपर तुरंत ध्यान दिए जाने की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के शुरुआती दौर में गर्भपात के लक्षण भी समान हो सकते हैं। इन्हे नज़रअंदाज किए बैगैर फ़ौरन डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

ज्यादातर महिलाएं स्पॉटिंग और क्रैम्प्स को लाइट पीरियड्स का नाम दे देती हैं, ये सबसे बड़ी भूल है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

5. एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)

यह एक रिप्रोडक्टिव प्रॉब्लम है, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं में दर्द, स्पॉटिंग और क्रैम्प्स देखने को मिल सकता है। यह यूट्रस लाइनिंग जैसे दिखने वाले टिश्यू के कारण होता है, जो इसके बाहर बढ़ते हैं। इसके गंभीर लक्षण जो समय के साथ खराब हो जाते हैं, उन्हें चिकित्सा और उपचार की आवश्यकता होती है। यदि स्पॉटिंग और क्रैम्प्स का अनुभव होता है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

6. गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा में वृद्धि (growths in the uterus or cervix)

गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा में सामान्य वृद्धि जो अनियमित क्रैम्प्स और ब्लीडिंग का कारण बन सकती है, उन्हें सर्वाइकल पॉलीप्स या फाइब्रॉएड कहा जाता है। बॉडी में इनके कई असामान्य लक्षण नज़र आ सकते हैं, वहीं समय के साथ यदि ये लक्षण अधिक गंभीर हो रहे हैं तो इन्हें निकलवाने की आवश्यकता हो सकती है। इसे नज़रअंदाज किये बैगैर डॉक्टर से मिले।

नोट : यदि आपको स्पॉटिंग या क्रैम्प्स हो रहे हैं तो इसे नज़रअंदाज न करें, इसके पीछे कई गंभीर बीमारियां जिम्मेदार हो सकती हैं। डॉक्टर से मिलकर सलाह लेना और जरुरी जांच करवाना आगामी परेशानियों से बचने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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