मेंस्ट्रुअल साइकिल का समय हर महिला के लिए अलग-अलग हो सकता है। यह साइकिल 24 से 28 दिनों के आसपास खत्म हो जाता है। जब कोई महिला प्रेगनेंट हो जाती है, तो मेन्स्ट्रुअल साइकिल बंद हो जाती है। क्योंकि यह भ्रूण में डेवलप होने लगता है। प्रेगनेंसी के अलावा, कई और कारणों से यह साइकिल मिस (causes of missed periods) हो सकती है।
मासिक धर्म के पहले कुछ वर्षों तक अनियमित मासिक धर्म होना सामान्य बात है। हार्मोन के स्तर में बदलाव सहित कई चीजें अनियमित पीरियड्स का कारण बन सकती हैं। लेकिन निश्चित समय के बाद पीरियड मिस होना शरीर के लिए सही संकेत नहीं है। हॉर्मोन में गड़बड़ी की वजह से भी मेनस्ट्रूअल साइकिल अनियमित हो सकती है। स्ट्रेस के कारण भी पीरियड मिस हो सकती है। मेन्स्ट्रुअल साइकिल अनियमित होने से पीरियड और रीप्रोडक्टिव सिस्टम में कई तरह की दिक्कतें आ सकती हैं।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ वीमेन डर्मेटोलोजी के अनुसार, लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियां लेते रहने से आपका पीरियड अनियमित हो सकता है। गोली रिप्रोडक्टिव सिस्टम में विभिन्न हार्मोनों को प्रभावित करती है। इससे आपका पीरियड भी प्रभावित हो जाता है। इसके कारण फ्लो कम हो सकता है या बिल्कुल नहीं हो सकता है।
हालांकि कुछ डॉक्टर माहवारी को नियमित करने के लिए कॉनट्रासेप्टिव देते हैं। इससे हार्मोन लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। हालांकि डॉक्टर के प्रेस्क्रिपशन के आधार पर ही गोली ली जा सकती है।
साइकोलॉजी ऑफ़ वीमेन क्वाटरली जर्नल के अनुसार, यदि वर्क लोड बढ़ गया है और आप अधिक तनाव ले रही हैं, तो इसके कारण पीरियड मिस होना आम बात है। अत्यधिक तनाव दिमाग और शरीर दोनों को प्रभावित कर सकता है। बहुत अधिक तनाव से ब्रेन का हाइपोथैलेमस प्रभावित हो सकता है और इसके कार्य में गड़बड़ी हो सकती है।
इससे हॉर्मोन सीक्रेशन भी प्रभावित हो जाता है। यदि आप अपने पीरियड को नियमित करना चाहती हैं, तो सबसे पहले तनाव को नियंत्रित करना होगा।
एंडोक्रिनोलोजी एंड मेटाबोलिज्म जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, तेजी से वजन घटाना और तेजी से वजन घटाना दोनों पीरियड मिस करने के कारण हो सकते हैं। इससे एंडोक्रिनो ग्लैंड्स और रिप्रोडक्टिव सिस्टम दोनों प्रभावित हो जाते हैं। इसके लिए 1000 से अधिक कोरियाई महिलाओं में शरीर के वजन में बदलाव और मासिक धर्म की अनियमितता के बीच संबंध का आकलन किया गया। जिन महिलाओं ने तेजी से वजन घटाया और बढाया, उनके पीरियड अनियमित हुए।
द जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलोजी एंड मेटाबोलिज्म के अनुसार, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का सबसे पहला लक्षण है- पीरियड का अनियमित होना। इसमें एन्ड्रोजेन हॉर्मोन लेवल बढ़ने के कारण हर महीने होने वाला ओव्यूलेशन नहीं पाता है। इसे हाइपरएंड्रोजेनिज्म भी कहा जाता है।
गर्भाशय में फाइब्रॉएड या एंडोमेट्रियल पॉलीप्स होने के कारण भी पीरियड आना बंद हो जाता है। पोलिप्स अधिक जटिल समस्या है। यह कैंसर कारक भी हो सकता है। लेकिन जब गर्भाशय में फाइब्रॉएड या एंडोमेट्रियल पॉलीप्स बन जाते हैं, तो पीरियड अनियमित हो जाता है। कई केसेज में यह पूरी तरह से बंद भी हो जाता है। अक्सर दोनों के कारण शरीर में कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है।
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