पीएमएस (PMS) प्रीमेंस्ट्रूअल सिंड्रोम शारीरिक, भावनात्मक और व्यवहारिक लक्षणों का समूह है, जो महिलाओं में मेंस्ट्रुअल साइकिल शुरू होने से एक या दो हफ्ते पहले शुरू हो जाता है और पीरियड्स शुरू होने तक बना रहता है, फिर इनके लक्षणों में कमी आने लगती है। पीरियड शुरू होने के पहले शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव पीएमएस के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। होने वाले हार्मोनल बदलाव कुछ महिलाओं को अधिक प्रभावित करते हैं, जिसकी वजह से उन्हें पीएमएस के लक्षणों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, आप चाहे तो डाइट में कुछ आवश्यक न्यूट्रिशन ऐड कर इस परेशानी को आसानी से मैनेज कर सकती हैं।
न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ टोटल की फाउंडर अंजली मुखर्जी ने पीएमएस के सिम्टम्स को कंट्रोल करने के लिए कुछ आवश्यक न्यूट्रिशन टिप्स दिए हैं। उनके अनुसार 2 महीनों के लिए इस न्यूट्रिशस डायट (foods to control PMS) को फॉलो करने से पीएमएस के लक्षण में सुधार देखने को मिलेगा और पीरियड्स के पहले और पीरियड के दौरान आप पूरी तरह से उर्जा से भरपूर रहेंगी।
एक्ने की समस्या
ब्लोटिंग और वेट गेन
सिर दर्द
जोड़ों में दर्द
पीठ दर्द
कब्ज और डायरिया
फूड्स क्रेविंग्स
ब्रेस्ट में स्वेलिंग आना और दर्द महसूस होना
मूड सविंग्स
बेवजह रोना
डिप्रेशन
एंग्जाइटी
इरिटेशन होना
अधिक सोना या बहुत कम सोना
फोकस और कंसंट्रेशन की कमी
याददाश्त संबंधी समस्या
सेक्सुअल एक्टिविटी में इंटरेस्ट खोना
पीएमएस के लक्षण से परेशान हैं तो सबसे पहले आपको अपनी डाइट में सुधार करने की आवश्यकता है। ऐसे में खाद्य पदार्थों को पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कुकिंग ऑयल के कंजम्प्शन को सीमित रखना बेहद महत्वपूर्ण है। एक्सपर्ट के अनुसार आप दिन भर में जितने भी प्रकार के व्यंजन खा रही हैं, उन सभी को बनाने में केवल दो से तीन चम्मच कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल करें। मतलब कि एक दिन में व्यक्ति को 2 से 3 चम्मच से अधिक कुकिंग ऑयल नहीं कंज्यूम करना चाहिए।
एनिमल प्रोटीन शरीर में प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा करने का एक सबसे अच्छा तरीका है। परंतु यदि आप इसे नियमित रूप से ले रही हैं, तो यह आपके शरीर को हानि भी पहुंचा सकता है। खासकर यदि आप पीएमएस के लक्षण से परेशान रहती हैं तो आपको हफ्ते में केवल एक बार ही एनिमल प्रोटीन लेना चाहिए। हफ्ते में एक दिन आप अपनी कोई भी पसंदीदा नॉनवेज डिश खा सकती हैं। हालांकि, ध्यान रहे कि इसे बनाने की प्रक्रिया हेल्दी हो।
एक्सपर्ट के अनुसार पीएमएस के लक्षणों पर नियंत्रण पाने के लिए तमाम महत्वपूर्ण विटामिन मिनरल से भरपूर रॉ नट्स जैसे कि बादाम, अखरोट, मूंगफली, सोए नट्स आदि को डाइट में शामिल करें। इनमें मौजूद पोषक तत्व जैसे कि विटामिन ए, एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन, फाइबर आदि समग्र सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं और पीएमएस के लक्षणों से लड़ने में आपकी मदद करते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंअपनी नियमित डाइट में राजमा, काबुली चना, काला चना, चावली बींस, काली दाल और मसूर की दाल को शामिल करें। इनमें मौजूद महत्वपूर्ण पोषक तत्व आपको पीएमएस के लक्षणों पर नियंत्रण पाने में मदद करेगा।
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अपनी नियमित चपाती में एक्स्ट्रा फाइबर ऐड करने के लिए आटे के साथ गेहूं का भूसा मिलाएं जिसे हम वीट ब्रान भी कहते हैं। वहीं अगले दिन अपनी चपाती बनाने के लिए 1:1 के माप से गेहूं और सोया का आटा मिलाएं। इस तरह अपने डाइट में फाइबर और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की गुणवत्ता जोड़ सकती हैं। यह आपके शरीर को पीएमएस के लक्षणों से लड़ने के लिए तैयार करेगा।
यदि आप पीएमएस के लक्षण से अधिक परेशान रहती हैं और इससे उबरना चाहती हैं तो हर रोज कम से कम 2 से 3 बार ताजे फल जरूर खाएं। इसके अलावा कम से कम 2 कप कच्ची सब्जियां जैसे कि पत्ता गोभी, ब्रोकली, गाजर, टमाटर आदि को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। फल और सब्जियों में कई महत्वपूर्ण विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं, साथ ही साथ ये फाइबर और एंटी ऑक्सीडेंट का एक बेहतरीन स्रोत हैं, जो आपके स्थिति में फायदेमंद हो सकते हैं।
कैल्शियम, विटामिन बी6 और विटामिन ई सप्लीमेंट ब्रेस्ट टेंडर्नेस, ब्लोटिंग और क्रैम्पस जोसे लक्षणों को कम करने में आपकी मदद करेंगे। यदि आप पीएमए से अधिक परेशान रहती हैं तो इन्हें जरूर लें।
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