कुछ चीजों को हम भीतर ही दबा कर रखना चाहते हैं। पर अगर यहीं चीजें बहुत लंबे समय तक आपके भीतर ही दबाए रखी जाएंगी तो यह आप ही के लिए खतरा बन सकती हैं। फिर चाहें वह गुस्सा हो, दर्द, एक्ट्रा एनर्जी या फिर पेशाब ! जी हां, आपने बिल्कुल ठीक पढ़ा। यहां पेशाब यानी यूरीन ही लिखा है।
पेशाब रोकने की सलाह कई बार उन महिलाओं को दी जाती है, जो ओवरएक्टिव ब्लैडर से ग्रस्त होती हैं या जो कीगल मसल्स को मजबूत बनाना चाहती हैं। पर इस प्रैक्टिस के कुछ जोखिम भी हैं। इसलिए आपको तब तक पेशाब रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, जब तक आपकी डॉक्टर आपको ये सलाह न दे।
पेशाब एक जटिल प्रक्रिया है। यूरिनरी ब्लैडर की नर्व्स इसमें शामिल होती हैं। जब ब्लैडर आधा भर जाता है तब ये नसें मस्तिष्क को सिग्नल भेजती हैं, कि आपको पेशाब करने की जरूरत है। पर जब आप ऐसा नहीं करतीं तो एक तरह से आप अपनी बॉडी के कम्यूनिकेशन सिस्टम को नजरंदाज करती हैं। जबकि आपको उसे फॉलो करना चाहिए, कि अब आपको अपनी बॉडी के टॉक्सिन्स को बाहर निकालना है।
किडनी एंड यूरोलॉजी फाउंडेशन ऑफ अमेरिका (केयूएफए) के अनुसार, एक स्वस्थ वयस्क अपने ब्लैडर में दो कप तक यूरीन रख सकता है।
अगर आप गर्भवती नहीं हैं, डायबिटीज, यूटीआई या किडनी संबंधित ऐसी किसी बीमारी से ग्रस्त नही हैं है, तो आप इतना यूरीन कंट्रोल कर सकती हैं। पर सोचें अगर आपने दो कप कॉफी पी ली है, आधा लीटर पानी पिया है या जूस का एक बड़ा गिलास आप पी चुकी हैं, तब क्या होगा? जरा सोचें। ऐसी स्थिति में आप निश्चित ही बहुत ज्यादा परेशान और असहज हो जाएंगी।
सुल्तान कबूस यूनिवर्सिटी मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, आपके पेशाब को रोकने से मूत्र पथ के संक्रमण (UTI) होने का खतरा बढ़ सकता है और अगर आप पहले से इस समस्या से ग्रस्त हैं तो आपके लिए स्थिति और भी खराब हो सकती है।
ऐसा इसलिए होता है कि जब आप पेशाब रोकती हैं, तो उसमें मौजूद बैक्टीारिया को यूरिनरी ट्रैक्ट में और ज्यादा बढ़ने का मौका मिल जाता है। जिससे इंफेक्शन की संभावना और भी ज्यादा बढ़ जाती है।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि जब आप पेशाब को बेवजह रोकती हैं तो इससे आपकी पेल्विक मसल्स कमजोर होने लगती हैं। जिससे धीरे-धीरे आपकी पेशाब कंट्रोल करने की क्षमता ही प्रभावित होने लगती है और यूरीन लीक होने की समस्या बढ़ जाती है। जिसके परिणामस्वरूप, थोड़ा सा भी प्रेशर पड़ने पर जैसे खांसने / छींकने या दौड़ते समय पेशाब लीक होने लगता है।
एनल्स ऑफ ट्रांसलेशनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार पेशाब रोकने की आदत से किडनी यानी गुर्दे में पथरी होने का जोखिम बढ़ जाता है। खासतौर से उन लोगों में, जिन्हें पहले भी ऐसी समस्या रही हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि मूत्र में कैल्शियम ऑक्सालेट और यूरिक एसिड जैसे खनिजों की उच्च मात्रा होती है, जिससे पथरी बन सकती है।
कभी-कभी ऐसा भी होता है कि जब आप लंबे समय तक पेशाब को रोके रखती हैं, तो वह वापस किडनी की तरफ लौटने लगता है। यह किडनी के लिए खतरनाक स्थिति है। हालांकि यह दुर्लभ मामलों में ही होता है पर यह भी संभव है। इसलिए अपनी किडनी को किसी तरह के जोखिम में न डालें।
लगातार पेशाब रोकने का एक और दुर्लभ लेकिन मुमकिन परिणाम हो सकता है आपके ब्लैडर यानी मूत्राशय का फट जाना। अगर आपका ब्लैडर भर कर खतरनाक स्थिति तक पहुंच गया है और तब भी आप इसे बाहर नहीं निकाल रहीं हैं तो यह खतरनाक स्थिति भी हो सकती है। जिसके लिए इमरजेंसी सर्जरी करनी पड़ती है।