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पीरियड के दौरान ब्लोटिंग से रहती हैं परेशान, तो अपनी 6 आदतों पर दें खास ध्यान

मासिक धर्म के दौरान आपको सिर्फ पेट में ऐंठन ही नहीं, बल्कि ब्लॉटिंग का भी सामना करना पड़ता है। हार्मोन के बदलते स्तर के अलावा इसके लिए आपकी कुछ आदतें भी जिम्मेदार हो सकती हैं।
जूस से ब्लोटिंग की समस्या को ठीक करने के साथ लिवर को डिटॉक्स भी कर सकता है। चित्र शटरस्टॉक।
अंजलि कुमारी Published: 18 Jul 2022, 21:00 pm IST
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पीरियड्स के दौरान ब्लोटिंग, पेट दर्द और थकान जैसी समस्या आमतौर पर सभी महिलाओं में देखने को मिलती हैं। ये सभी समस्याएं हार्मोन लेवल में बदलाव होने के कारण होती हैं। पीरियड्स ब्लोटिंग के दौरान पेट फूल जाता है और आपको पूरे समय असहज महसूस होता रहता है। हालांकि ये एक आम समस्या है, पर आपकी कुछ आदतें इसे और भी ज्यादा बढ़ा सकती हैं। इसलिए कुछ खास चीजों पर ध्यान देकर आप पीरियड्स में ब्लॉटिंग (Bloating in periods) की समस्या को कंट्रोल कर सकती हैं।

पीरियड ब्लोटिंग एक सामान्य लक्षण है। एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 90% महिलाएं पीरियड्स के दौरान ब्लोटिंग की समस्या से परेशान रहती हैं। इसके साथ ही पीरियड्स में कई अन्य लक्षण भी नजर आते हैं, जैसे कि सिरदर्द, मूडस्विंग्स, कमर के निचले हिस्से में दर्द और फूड क्रेविंग्स। फूड क्रेविंग्स होने के कारण अनहेल्दी खाद्य पदार्थों का सेवन भी पीरियड ब्लोटिंग का कारण बन सकता है। तो चलिए जानते हैं किस तरह पीरियड ब्लोटिंग को कर सकती हैं कंट्रोल।

पहले जाने क्यों होती है पीरियड्स ब्लोटिंग

पीरियड्स के दौरान नजर आने वाले ज्यादातर लक्षणों का कारण हार्मोन्स के स्तर में बदलाव होता है। शरीर में हार्मोन लेवल कई तरह के बदलाव लेकर आता है। हर महीने जब आप प्रेगनेंट नहीं होती हैं, तो आपके शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स का लेवल तेजी से गिरता है।

जानिए पीरियड्स में क्यों होती है ब्लोटिंग की समस्या। चित्र: शटरस्टॉक

यह बदलाव शरीर में वाटर रिटेंशन और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। वहीं पीरियड्स के कुछ दिनों के बाद यह हॉर्मोन्स वापस बढ़ना शुरू हो जाते हैं। हालांकि, हार्मोन्स के अलावा पीरियड्स ब्लोटिंग का कारण आपकी डाइट में शामिल विटामिन और मिनरल्स की मात्रा भी हो सकती है। साथ ही हाई साल्टेड फूड्स, अल्कोहल और कैफीन का अधिक सेवन भी पीरियड्स ब्लोटिंग का कारण होता है।

यहां जानें पीरियड्स ब्लोटिंग को नियंत्रित रखने का सही तरीका

1. कम करें नमक का सेवन

पीरियड्स के दौरान जितना हो सके उतना साल्टेड फूड से परहेज रखें। इसके साथ ही प्रोसेस्ड फूड्स भी पीरियड्स ब्लोटिंग का कारण बन सकते हैं। क्योंकि इनमें अधिक मात्रा में साल्ट और अनहेल्दी इनग्रेडिएंट मौजूद होते हैं। हालांकि, ऐसी परिस्थिति में फल और सब्जियों के साथ अन्य स्वस्थ खाद्य पदार्थ जैसे कि सबूत अनाज, प्रोटीन और नट्स को भी अपनी डाइट में शामिल करें।

ज्यादा नमक का सेवन बन सकता है वॉटर वेट का कारण। चित्र-शटरस्टॉक.

2. खूब सारा पानी पिएं

पीरियड्स में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की कोशिश करें। क्योंकि डिहाइड्रेशन की वजह से भी ब्लोटिंग होने की संभावना बनी रहती है। पानी पीने की मात्रा आपके आसपास के वातावरण, पर्सनल हेल्थ और अन्य चीजों पर निर्भर करती है। परंतु एक सामान्य अनुमान के हिसाब से दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पीने की कोशिश करें।

3. अल्कोहल और कैफीन से परहेज करें

कई एक्सपर्टस का मानना है कि अल्कोहल और कैफीन का सेवन ब्लोटिंग और पीएमएस के लक्षणों को बढ़ा सकता है। इसलिए पीरियड्स के दौरान इन चीजों की बजाए हेल्दी पेय अपनी डाइट में शामिल करें। यदि आप अपनी सुबह की कॉफी को अवॉइड नहीं कर सकती हैं, तो कम से कम मात्रा वाले कैफीन ड्रिंक जैसे कि चाय का सेवन कर सकती हैं।

4. नियमित रूप से एक्सरसाइज करें

नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की आदत पीरियड्स में होने वाली समस्या एवं ब्लोटिंग से राहत पाने में मदद करती है। इसलिए महीने में कम से कम 20 दिन एक्सरसाइज जरूर करें।

घर पर करें फुल बॉडी वर्कआउट चित्र: शटरस्टॉक

5. ज्यादा स्ट्रेस न लें

पीरियड्स में नजर आने वाले सभी लक्षण तनाव से पीड़ित महिलाओं को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। ऐसी समस्यायों से उबरने के लिए योग, मेडिटेशन और मसाज जैसी गतिविधियों में भाग ले सकती हैं।

6. स्मोकिंग से परहेज रखें

स्मोकिंग करने की आदत ब्लोटिंग जैसी समस्या का कारण होती हैं। खासकर पीरियड्स के दौरान स्मोकिंग ब्लोटिंग को और ज्यादा उत्तेजित करती है।

ध्यान रहे
पीरियड्स के दौरान थोड़ी बहुत ब्लॉटिंग सभी को होती है। और अपने आप खत्म भी हो जाती है। पर अगर ये ज्यादा परेशान कर रही है, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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