हॉर्मोनल असंतुलन महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है। पीरियड, प्रेगनेंसी, तनाव, उम्र और मेनोपॉज ये वे स्थितियां हैं जब हॉर्मोन में उतार-चढ़ाव आता रहता है। हॉर्मोनल असंतुलन सिर्फ उनके मूड ही नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य और सेक्स लाइफ को भी प्रभावित करता है। अगर आप भी किन्हीं कारणों से लो सेक्स ड्राइव या यौन इच्छा में कमी का सामना कर रहीं हैं, तो ये फीमेल सेक्स हॉर्मोन में कमी के संकेत हो सकते हैं। इसलिए इस स्थिति पर ध्यान देना जरूरी है। यहां हम एक एक्सपर्ट से इसके लिए जिम्मेदार कारणों के साथ-साथ समाधान (How to increase sex hormone in female) के बारे में भी जानेंगे।
हॉर्मोन्स का संतुलन बिगड़ने पर शरीर को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं बहुत से महिलाओं में सेक्सुअल हॉर्मोनल इम्बैलेंस देखने को मिलता है। आमतौर पर महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान सेक्सुअल हॉर्मोनल इम्बैलेंस का सामना करना पड़ता है। पर नियमित दिनचर्या में की जाने वाली कई ऐसी स्थितियां हैं, जैसे लो बॉडी वेट और न्यूट्रिशन की कमी जो मेनोपॉज के अलावा महिलाओं में सेक्सुअल हॉर्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती हैं। खासताैर से 30 और 40 की उम्र के बाद इसका खतरा अधिक बढ़ जाता है।
हालांकि, इसमें परेशानी की बात नहीं है, आप चाहें तो अपनी आदतों में उचित सुधर कर और एक हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ सेक्सुअल हॉर्मोन्स को बढ़ा सकती हैं (how to increase sex hormone in female)। हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर मैत्री वुमन की संस्थापक, सीनियर कंसलटेंट गायनोकोलॉजिस्ट और ऑब्सटेट्रिशियन डॉक्टर अंजली कुमार से सलाह ली। उन्होंने सेक्स हॉर्मोन्स को संतुलित रखने के कुछ प्रभावी टिप्स सुझाये हैं। तो चलिए जानते हैं इस विषय पर विस्तार से।
एस्ट्रोजन, टेस्टोस्टेरोन और प्रोजेस्टेरोन कुछ मुख्य फर्टिलिटी हार्मोन हैं, जो कामुकता और प्रजनन क्षमता में सहायक होते हैं। वे प्रेगनेंसी, सेक्स, पीरियड, मेनोपॉज, सेक्स ड्राइव, और अन्य शारीरिक गतिविधियों के लिए जिम्मेदार होते हैं। महिलाओं में ये हॉर्मोन ओवरी में उत्पन्न होते हैं। यह हॉर्मोन्स कई बार असंतुलित हो जाते हैं जिसकी वजह से इनफर्टिलिटी, लो सेक्स ड्राइव और कंसीव करने में परेशानी होती है।
आपके गट में तमाम अच्छे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो कई प्रकार के मेटाबोलाइट को प्रोड्यूस करते हैं, वहीं यह आपके सेक्स हॉर्मोन्स को प्रभावित कर सकते हैं। पब मेड सेंट्रल के अनुसार गट माइक्रोबायोम इंसुलित रेजिस्टेंस और आपको संतुष्टि प्रदान करते हैं साथ ही सेक्स हॉर्मोन्स को रेगुलेट करते हैं।
एक खराब पाचन क्रिया मेटाबॉलिज्म को बाधित करते हुए वेट गेन का कारण बन सकती है, और कई अन्य नकारात्मक स्वास्थ्य स्थितियां उत्तपन्न करती है। यह सभी फैक्टर रिप्रोडक्टिव हॉर्मोन्स को असंतुलित कर सकते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें साथ ही डाइट में उचित मात्रा में प्रोबायोटिक्स को शामिल करें।
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पौष्टिक आहार का पालन करने से परिसंचरण और हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है। लिबिडो को कम करने वाले विशिष्ट खाद्य पदार्थों को डाइट से बहार करें। ऐसा करने से आपके शरीर में सेक्स हॉर्मोन्स का उत्पादन बढ़ता है और आप बेहतर महसूस करती हैं। मेटाबोलिक सिंड्रोम और हृदय रोग शारीरिक यौन कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम हार्मोन के स्तर को प्रभावित करते हैं, जिससे लिबिडो बाधित हो सकती है। ऐसे में हरी सब्जी, कम चीनी और उच्च प्रोटीन युक्त आहार खाने से सेक्स हॉर्मोन्स के उत्पादन में सुधर होता है और लिबिडो बढ़ जाता है।
तनाव सेक्स हॉर्मोन्स के असंतुलन का एक बड़ा कारण है। तनाव एक मानसिक स्थिति है जिसकी वजह से कई सारी परेशानियां उठानी पड़ सकती है। इस स्थिति में आपको नींद की कमी हो सकती है, उचित नींद न लेने से तनाव बढ़ता है। तनाव की स्थिति में स्ट्रेस हॉर्मोन्स का बढ़ता स्तर सेक्स हॉर्मोन्स के स्तर को प्रभावित करता है, जिसकी वजह से सेक्स ड्राइव की कमी या वेजिनल ड्राइनेस का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसी परेशानियों से बचने के लिए आपको स्ट्रेस मैनेजमेंट के तरीकों पर काम करने की आवश्यकता होती है। मैडिटेशन, खुले वातावरण में कुछ समय बिताना अपने पसंदीदा कार्य में भाग लेने से मदद मिलेगी। इसके अलावा समय से सोने का प्रयास करें।
सिगरेट पीने से व्यक्ति के हृदय प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। वहीं सिगरेट का धुआं सेक्स हॉर्मोन्स को भी प्रभावित करता है। अच्छी यौन क्रिया के लिए हृदय स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है। यदि आप सिगरेट पीती हैं, तो इसे आज ही छोड़ें। सिगरेट छोड़ने के बाद आपकी ऊर्जा का स्तर और सेक्स ड्राइव दोनों ही बढ़ जाते हैं।
उच्च चिंता स्तर पुरुषों और महिलाओं के लिए यौन कार्यप्रणाली और कामेच्छा में एक आम बाधा है। यह जीवन के तनाव या विशिष्ट सेक्स-संबंधी चिंता के कारण होने वाली चिंता हो सकती है।
कई बार आप इतनी व्यस्त हो जाती हैं की आपको अपने रिश्ते के लिए समय नहीं मिल पाता, ऐसे में यह बेहद महत्पूर्ण है की आप अपने पार्टनर के लिए वक़्त निकालें। बहुत से लोग रिश्ते में कई बार यौन इच्छा और आवृत्ति में कमी का अनुभव करते हैं। यह लंबे समय तक किसी के साथ रहने के बाद या किसी व्यक्ति को अपने अंतरंग संबंधों में समस्याएं महसूस होने पर हो सकता है। रिश्ते को बेहतर बनाने पर ध्यान देने से सेक्स हॉर्मोन्स में वृद्धि होती है साथ ही सेक्स ड्राइव भी बढ़ सकती है।
रिश्ते को स्वस्थ व् संतुलित रखने के लिए एक दूसरे से खुलकर बात करें और अपनी व्यक्तिगत समस्यायों को सुलझाने की कोशिश करें। वहीं कुछ गतिविधियों में एक साथ भाग लें और एक-दूसरे के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने के लिए समय निकालें।
बेहतर यौन अनुभव होने से व्यक्ति की सेक्स की इच्छा बढ़ सकती है, वहीं यह सेक्स हॉर्मोन्स को भी बूस्ट करता है, जिससे लिबिडो बढ़ जाता है। इंटरकोर्स से पहले एक दूसरे को छूना, किश करना, सेक्स टॉय का उपयोग करने और ओरल सेक्स करने से आप अपने यौन अनुभव को बढ़ा सकती हैं। कुछ लोग इन क्रियाओं को आउटरकोर्स कहते हैं।
महिलाओं के लिए, फोरप्ले विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है। पब मेड द्वारा 2017 में किये गए एक शोध के अनुसार, लगभग 18% महिलाएं मास्टरबेशन से ऑर्गेज्म प्राप्त करती हैं, जबकि 33.6% महिलाओं की रिपोर्ट है कि ऑर्गेज्म के लिए क्लाइटोरिस की उत्तेजना आवश्यक है।
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