पीरियड के दौरान हमें कई तरह की समस्याएं होती हैं। बेक पैन, पीरियड क्रैम्प्स, कब्ज जैसी कई समस्याओं से हम परेशान रहते हैं। पर कई बार कुछ समस्याओं से हमारा रोजमर्रा का जीवन प्रभावित होने लगता है। इसके कारण हम न कुछ काम कर पाते हैं, बल्कि हमारा मन भी घबराता रहता है। विशेषज्ञ इस तरह की असामान्य समस्याओं (severe period condition) के बारे में जागरुक होने और तुरंत परामर्श की सिफारिश करते हैं। एंडोमीट्रियोसिस अवेयरनेस मंथ (Endometriosis awareness month) के दौरान आइए समझते हैं पीरियड्स से जुड़ी इन असामान्य स्थितियों के बारे में।
एंडोमीट्रियोसिस और असामान्य पीरियड के बारे में हमने बात की दिल्ली के प्राइमस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिशियन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. रश्मि बालियान से। डॉ. रश्मि बालियान बताती हैं कि कि हार्मोन में असंतुलन होने के कारण पीरियड्स में असामान्य समस्याओं (severe period condition) का सामना करना पड़ सकता है। इससे एंडोमेट्रियम अधिक मात्रा में विकसित होता है। और अंत में हैवी ब्लड फ्लो (Heavy Flow) होता है। हार्मोन असंतुलन के कारण पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome), मोटापा, इंसुलिन प्रतिरोध और थायरॉयड की समस्या हो सकती है।
मार्च एंडोमेट्रियोसिस अवेयरनेस का महीना है। यह एंडोमेट्रियोसिस के बारे में खुद को शिक्षित करने और इसके प्रति सतर्क रहने का महत्वपूर्ण समय है। एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) एक इनफलेमेट्री स्थिति (Inflammatory Condition) है। इसके कारण महिलाओं में ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगते हैं। इस महीने में लोगों के बीच इसके प्रति जागरुकता का संदेश देने के लिए पीला रिबन पहनकर जाया जाता है।
डॉ. रश्मि पूछती हैं कि आप 2 घंटे से भी कम समय में टैम्पोन या पैड बदलने की जरूरत महसूस करने लगती हैं? एक चौथाई या उससे अधिक आकार के थक्के पास होने लगते हैं, तो यह हैवी ब्लीडिंग की समस्या है। ऐसा होने पर तुरंत गायनेकोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए। लंबे समय तक इस तरह के रक्तस्राव होने या डॉक्टर से नहीं मिलने पर आप अस्वस्थ और कमजोर महसूस कर सकती हैं। इससे एनीमिया हो सकता है।
गर्भाशय और उसकी लाइनिंग में पॉलीप्स और फाइब्रॉएड का विकास हो सकता है। आपका पीरियड सामान्य से अधिक समय तक और भारी हो सकता है। कुछ फाइब्रॉएड बहुत अधिक हानिकारक नहीं होते हैं। लेकिन गर्भाशय गुहा के अंदर बढ़ने वाले सबम्यूकोसल फाइब्रॉएड से भारी रक्तस्राव और बड़े थक्के बनने की संभावना होती है।
खून जितना अधिक समय तक गर्भाशय के अंदर रहता है, उसका रंग उतना ही गहरा होता है। थक्के बनने की संभावना भी उतनी ही अधिक होती है।
पीरियड के दौरान गर्भाशय अपनी लाइनिंग को बाहर निकालने में मदद करने के लिए सिकुड़ता है। दर्द और सूजन में शामिल प्रोस्टाग्लैंडिंस हार्मोन गर्भाशय की मांसपेशियों के संकुचन को ट्रिगर करते (Period Cramps) हैं। प्रोस्टाग्लैंडिंस के हाई लेवल से गंभीर पीरियड क्रेम्प्स होने लगते हैं।
जब पीरियड के दौरान स्टूल पास करती हैं, तो कुछ चीजें दर्द का कारण बन सकती हैं। इनमें शामिल हैं: कब्ज, जो मल को सख्त और पास होने में दर्दनाक बना सकता है। पीरियड क्रेम्प्स तब और बदतर महसूस हो सकती है जब आप स्टूल पास करने के लिए जोर लगाती हैं। पेट में मरोड़ के साथ दस्त भी हो सकता है।
प्रोस्टाग्लैंडिंस और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन कब्ज़ बना सकते हैं। यदि पीरियड के दौरान सख्त और सूखे मल का अनुभव कर रही हैं, तो यह स्थिति दर्दनाक हो सकती है।
पीरियड शुरू होने के कुछ दिन पहले से बैक पेन और पेट के निचले हिस्से में दर्द शुरू हो जाता है। पीरियड के दौरान पीठ के निचले हिस्से में भी दर्द हो सकता है। आमतौर पर माना जाता है कि यह हार्मोन परिवर्तन (Hormonal Change) के कारण होता है। प्रोस्टाग्लैंडिंस से निकला हार्मोन गर्भाशय के संकुचन को बढ़ावा देता है। ये पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन डिसमेनोरिया (Dysmenorrhea) या एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) जैसी कुछ स्थितियों के कारण यह दर्द गंभीर हो सकता है।
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