पीएमएस के लक्षणों को और भी ज्यादा खराब कर सकती हैं लाइफस्टाइल संबंधी ये 5 आदतें

माहवारी में ब्लीडिंग भले ही चार या पांच दिन होती हो, पर यह 28 से 31 दिन का चक्र होता है। इस दौरान आपका खानपान और जीवनशैली संबंधी खराब आदतें उन दिनों को और भी ज्यादा जटिल बना सकती हैं।
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पीएमएस के समय आपको जंक फूड की क्रेविंग बढ़ जाती है। चित्र : अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Updated: 23 Oct 2023, 09:04 am IST
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प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (Premenstrual syndrome) यानी पीएमएस (PMS) के लक्षणों का सामना हर महिला को करना पड़ता है। उम्र के अलग-अलग दौर में ये अलग-अलग तरह से आपको परेशान कर सकते हैं। कभी पेट में होने वाली भयंकर ऐंठन तो कभी हर बात पर गुस्सा आने वाले मूड स्विंग्स। कुछ महिलाएं तो पीएमएस के दौरान इतना ज्यादा खाने लगती हैं, कि ब्लॉटिंग और अपच का भी सामना करना पड़ता है। वहीं कुछ लड़कियां ऐसी भी हैं, जिन्हें पीरियड्स आते तो हैं, पर ज्यादा परेशान किए बिना आराम से गुजर जाते हैं। आखिर क्या है इसकी वजह? विशेषज्ञ इसके लिए लाइफस्टाइल संबंधी कुछ आदतों को जिम्मेदार ठहराते हैं। आइए जानते हैं उन्हीं आदतों (PMS causes) के बारे में जो आपके पीएमएस के लक्षणों को और भी जटिल बना सकती हैं।

क्या हैं पीएमएस के लक्षण

विशेषज्ञ कहते हैं, “आपकी जीवनशैली की कुछ चीजें भी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम को और ज्यादा जटिल बना देती हैं। हालांकि पीएमएस के दौरान मूड स्विंग होना बहुत आम है। बाकी लक्षणों में स्तनों का कोमल हो जाना, फूड क्रेविंग होना, थकान, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन शामिल हैं। मायो क्लीनिक के अनुसार हर 4 महिलाओं में से 3 महिलाओं को पीरियड आने से पहले किसी न किसी रूप में प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम का सामना करना पड़ता है।

कई बार ये लक्षण इतने कम होते है कि अनुभव नहीं हो पाते है। लेकिन कई बार प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम में आप शारीरिक और भावनात्मक रूप से इन चाजों को महसूस कर पाते है। इन समस्याओं को नजरअंदाज करने की बजाय आप अपने जीवनशैली में बदलाव करके इन लक्षणों को कम कर सकते है या प्रबंधित कर सकते है।

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क्यों इतना जटिल हो जाता है पीएमएस का सामना करना

न्यूट्रीशनिस्ट और वेलनेस एक्सपर्ट करिश्मा शाह बताती हैं कि पीएमएस बहुत आम है और कई शोध बताते है कि दुनिया में आधी महिलाएं इसका सामना करती है। कई महिलाओं में ये लक्षण कम होते है तो कई में इतना ज्यादा होता है कि ये उनके लिए परेशानी पैदा करने के साथ उनकी दिनचर्या को भी प्रभावित करता है। करिश्मा शाह कुछ ऐसी चीजें बता रही है जो पीएमएस के लक्षणों को कम करने में आपकी मदद कर सकते है।

PMS ke symptoms ko kam kare
पीएमएस के लक्षणो को कम करने के लिए आप नीचे दिए गए उपाय कर सकते है। चित्र : शटरस्टॉक

1 पोषण की कमी

पीएमएस के समय आपको जंक फूड की क्रेविंग बढ़ जाती है। लेकिन आप पीएमएस के दौरान ज्यादा शूगर, नमक या वसा का सेवन करेंगी तो ये आपके मूड को और ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। पीएमएस के समय जंक फूड के सेवन को थोड़ा सा कम कर दें और इसकी जग फल, सब्जियों और अनाज का सेवन करें जो आपको अच्छा पोषण देगा। ये सभी चीजें आपके ब्लड शूगर लेवल को गिरने से बचाएंगा और आपको पूरा दिन काम करने की उर्जा देगा।

2 व्यायाम न करना

जितना हो सके अपने आप को एक्टिव रखने की कोशिश करें। कम से कम 30 मिनट व्यायाम जरूर करें। वॉक करें इससे आपको एंक्जाइटी को दूर करने में मदद मिलेंगी। व्यायाम आपको अच्छा महसूस कराने में मदद करेगा और आपकी चीड़चीड़ाहट को भी खत्म कर सकता है। ज्यादा से ज्यादा व्यस्त रहने की कोशिश करें।

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3 स्ट्रेस लेना

अपने तनाव को प्रबंधित नहीं कर पाने के कारण भी आपको मूड स्विंग का सामना करना पड़ सकता है। इस चीज को कम करने के लिए आप गहरी सांस ले सकती है, मेडिटेशन कर सकता है, योगा कर सकती है इससे आपको शारिरीक और मानसिक दोनों रूपो से फायदा होगा। पीएमएस के लक्षणों के दौरान या उससे पहले अगर आप अपने शरीर को तैयार करेंगी तो आपको काफी मदद मिल सकती है।

4 अच्छी नींद न ले पाना

अगर आप अच्छी नींद नहीं ले रहे है तो ये आप में तनाव का कारण बन सकता है और आपको मूड स्विंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जब भी आपके पीरियड आने वाले हो तो उससे एक सप्ताह पहले आपको सात से आठ घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। नींद आपके तनाव को कम करेगी जिससे आपका माइंड रिलैक्स महसूस करेगा।

5 स्मोकिंग भी है एक कारण

एक अध्यन मे सामने आया कि धूम्रपान नहीं करने वाली महिलाओं को धुम्रपान करने वाली महिला मे पीएमएस के ज्या संकेत देखे गए। जो महिलाएं धुम्रपान करती है उनमें पीएमएस के ज्यादा और खराब लक्षणों को अनुभव किया गया।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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