आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां हमारे स्वास्थ्य के लिए एक वरदान हैं। ये हमारे इम्यून सिस्टम को मज़बूत करने से लेकर फर्टिलिटी बढ़ाने (herbs for infertility in females) तक हर काम में हमारी मदद करती है। बदल रहे लाइफस्टाल के कारण बहुत से लेग इस समस्या से दो चार हो रहे हैं। डब्ल्यू एच ओ (WHO) के मुताबिक इनफर्टिलिटी की समस्या लाखों लोगों को प्रभावित कर रही है। आंकड़ों के मुताबिक 48 मिलियन कप्लस और 186 मिलियन लोग विश्व स्तर पर इनफर्टिलिटी का शिकार हैं। महिलाओं में इनफर्टिलिटी (Infertility in women) का कारण फैलोपियन टयूब्स, ओवरीज़, एंडोक्राइन सिस्टम और यूट्रस में पाई जाने वाले दिक्कतें है। डब्ल्यू एच ओ (WHO) के मुताबिक विश्वभर में हर साल पांच मिलियन बच्चों का जन्म असिस्टिड रिप्रोडक्शंस तकनीक यानि आई वी एफ समेत अन्य तरीकों से होता है।
इस बारे में प्राकृतिक चिकित्सक अनिल बंसल का कहना है कि आयुर्वेद में जड़ी बूटियों के अलावा छुआरा भी फर्टिलिटी का बेहतरीन इलाज है। दूध में छुआरे उबालकर पीने से शरीर में ताकत और शुक्राणु दोनों बढ़ाते है। इसके अलावा रात को गर्म दूध में अंडा फेंटकर पीने से भी महिलाओं और पुरूषों दोनों को ही लाभ मिलता है। साथ ही पुत्र जीवक जड़ी बूटी भी कमज़ोर गर्भाश्य को मज़बूती प्रदान करती है। इसका सेवन आप दूध के साथ कर सकते है। इन उपायों के साथ साथ आइए जानते हैं कुछ अन्य जड़ी बूटियों के बारे में भी।
पारंपरिक जड़ी बूटियों में से एक अश्वगंधा महिलाओं के शरीर में रिप्रोडक्टिव हॉर्मोनस को रेगुलेट करने का काम करती है। ये शरीर में हॉर्मोनल इंबैलेंस को ठीक करने का काम करता है। कोर्टिसोल एक तनाव हॉर्मोन माना जाता है, जो सेक्सुअल हेल्थ और लिबिडो पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। साथ ही प्रोजेस्टेरोन के स्तर को भी कम करने का काम करता है। इस सिचुएशन से बाहर बाने के लिए अश्वगंधा का सेवन बेहद ज़रूरी है। ये न सिर्फ फर्टिलिटी को बढ़ाता है बल्कि महिलाओं की प्रजनन प्रणाली यानि रिप्रोडक्टिव सिस्टम को डिटॉक्स करने का भी काम करता है।
दो कप पानी में एक चम्मच अश्वगंधा कें पाउडर को डालें। कुछ देर तक बॉइल होने के बाद पानी को स्ट्रेनर से छान लें। अब उसमें शहद मिलाकर पी लें। आप चाहें, तो फीका भी पी सकते हैं। अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है। इसके चलते गर्मियों में रोज़ाना इसका सेवन करने से बचें। सप्ताह से दो बार इसे पीएं।
रात को सोने से पहले गर्म दूध के साथ आधा चम्मच अश्वगंधा का पाउडर ले सकते है। इससे शरीर में एनर्जी लेवल बढ़ता है और थकान दूर होने लगती है।
इनफर्टिलिटी की समस्या महिलाओं में होने वाले हॉर्मोनल असंतुलन का ही एक कारण है। विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑसीडेंटस से भरपूर शतावरी वुमेन रिप्रोडक्टिव सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। यूरिनरी ट्रैक्ट संक्रमण से लेकर मेनोपॉज के बाद मेमोरी डिसऑर्डर, हॉट फ्लैश और स्ट्रैस की समस्या से बाहर आने का एक आसान उपाय है। फाइबर रिच होने के कारण, इसके सेवन से पाच संबधी समस्याएं भी हल हो जाती है। इससे सेक्सुअल डिज़ायर बढ़ता है और पीरियड्स में होने वाली ऐंठन की समस्या से भी मुक्ति मिलती है।
इसे पकाने के लिए एक पैन में एक चम्मच सरसों का तेल लें। तेल गर्म होने के बाद उसमें एक बाउल कटी हुई शतावरी डालें। अब उसमें नमक और काली मिर्च को मिला दें। पूरी तरह से पकने के बाद इसका सेवन करें। शतावरी को आप कैप्सूल के तौर पर भी खा सकते हैं।
पत्थर के समान दिखने वाली शिलाजीत प्रजनन क्षमता बढ़ाने का काम करती है। बढ़ती उम्र के असर को कम करने वाली शिलीजीत को आप कैप्सुल की फॉर्म में खा सकते हैं। शिलाजीत लिबिडो यानि कामेच्छा को बढ़ाने का काम करता है। प्रजनन क्षमता में सुधार लाने के साथ साथ मानसिक तनाव को कम करने में मददगार साबित होती हैं। इसे खाने से शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है। अगर आप हाईब्लड प्रेशर की मरीज़ है या प्रेगनेंट हैं, तो ऐसी अवस्था में इसका सेवन करने से बचें।
शिलाजीत को आप गर्म दूध के साथ ले सकते हैं। इसके अलावा आप इसे हर्बल टी में मिलाकर पी सकते है। इसे आप शहद में मिलाकर भी खा सकते हैं।
पीरियड्स से लेकर इनफर्टिलिटी की समस्या से निपटने के लिए अशोका के पेड़ की छाल का प्रयोग किया जाता है। प्रजन्न संबधी समस्याओं को दूर करने के लिए इस्तेमाल होने वाले अशोक के पेड़ में की छाल में एस्ट्रोजेनिक तत्व होते हैं, जो बॉडी में इसकी कमी को पूरा करते हैं।
पेड़ की छाल को दूध में उबालकर पीएं। इसमें मीठा एड करने के लिए आप कोकोनट शुगर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
पोटेशियम, मैग्नीशियम और विटामिन्स से भरपूर ये जड़ी बूटी शरीर में हॉर्मोनल संतुलन बनाए रखने में कारगर साबित होता है। ये शरीर में एस्ट्रोजेन के स्तर को नियंत्रित करता है। इससे महिलाओं को होने वाले रोगों से मुक्ति मिलती है।
दो गिलास पानी में रेड क्लोवर के सूखे फूलों को पानी में डालें। अब इसे उबलने दें। जब पानी आधा रह जाए, तो उस वक्त उसे छानकर उसमें शहद मिलाकर पी लें।
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