वियाग्रा से भी ज्यादा इफेक्टिव हैं ये 2 खास हर्ब्स, बढ़ा सकती हैं पार्टनर का टेस्टोस्टेरोन लेवल

पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल का घटना सिर्फ प्रजनन क्षमता को ही कम नहीं करता है, बल्कि इससे उनकी लिबिडो और सेक्सुअल परफॉर्मेंस भी प्रभावित होने लगती है। पर इसके लिए दवाओं पर भरोसा करने से बेहतर है कुछ नेचुरल उपाय अपनाए जाएं।
मेथी के बीज के अर्क और अश्वगंधा की जड़ या जड़ और पत्ती के अर्क का टेस्टोस्टेरोन पर सकारात्मक प्रभाव देखा गया। चित्र: शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 1 Dec 2022, 21:00 pm IST
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पुरुषों में उम्र के साथ टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन में कमी स्वाभाविक है। उम्र बढ़ने पर यह हॉर्मोन घटता है और इससे उनका रिप्रोडक्टिव सिस्टम प्रभावित होता है। इससे सेक्सुअल डिजायर और फर्टिलिटी भी प्रभावित होती है। कई बार इसे बढाने के लिए पुरुष टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन सप्लीमेंट लेने लगते हैं। अब तक कई शोध यह बता चुके हैं कि ये सप्लीमेंट असरकारक नहीं होते हैं। उलटे इनके लगातार प्रयोग से शरीर पर साइड इफ़ेक्ट जरूर हो जाते हैं। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि सप्लीमेंट की बजाय कुछ हर्ब्स (herbs that increase testosterone levels) के अर्क टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन बढ़ाने में असरकारक हैं। आइए जानते हैं कौन-से हैं वे हर्ब्स।

वैकल्पिक चिकित्सा है उपयोगी 

इंटरनेशनल रिव्यू जर्नल एडवांसेस इन न्यूट्रीशन में वर्ष 2021 में प्रकाशित ऑस्ट्रेलिया के कॉलेज ऑफ़ साइंस, हेल्थ और इंजीनियरिंग के शोधकर्ता स्टीफन जे स्मिथ, एड्रियन एल लोप्रेस्टी, शॉन वाईएम टेओ, और टिमोथी जे ने टेस्टोस्टेरोन पर हर्ब इफ़ेक्ट को मापने के लिए शोध किया। हम सभी जानते हैं कि पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का कंसंट्रेशन बढ़ती उम्र के साथ घटता जाता है।

कम टेस्टोस्टेरोन को एंड्रोजन की कमी (AD) के रूप में भी जाना जाता है। इससे बीमारी और मृत्यु दर का जोखिम बढ़ सकता है। वर्तमान में एडी के लिए प्राथमिक उपचार टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (टीआरटी) है। इसके कम प्रभाव को देखते हुए वैकल्पिक चिकित्सा विकल्पों, जैसे कि जड़ी-बूटियों, मसालों, पौधों या फूलों के अर्क के उपयोग को संभावित उपचार विकल्प के रूप में खोजा गया है।

टेस्टोस्टेरोन कंसंट्रेशन पर हर्ब के प्रभाव का परीक्षण (herb for testosterone concentration) 

इसके लिए टेस्टोस्टेरोन कंसंट्रेशन पर हर्ब के प्रभाव का परीक्षण कर मूल्यांकन किया गया। 2001-2019 के बीच 32 अध्ययन किया गया। इसमें 13 जड़ी-बूटियों की जांच की गई । समीक्षा के निष्कर्ष बताते हैं कि 2 हर्ब मेथी के बीज के अर्क और अश्वगंधा की जड़ या जड़ और पत्ती के अर्क का टेस्टोस्टेरोन पर सकारात्मक प्रभाव देखा गया। आइये पहले मेथी के बीज के अर्क के फायदों को जानते हैं।

यहां हैं वे खास हर्ब्स जो पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ा सकती हैं

1 मेथी के बीज का अर्क (Fenugreek extract )

जर्नल ऑफ़ स्पोर्ट एंड हेल्थ साइंस में सचिन वानखेड़े, विश्वरमन मोहन और प्रसाद ठाकुरदेसाई के शोध आलेख के अनुसार, मेथी के बीज ग्लाइकोसाइड और सैपोनिन जैसे कंपाउंड पाए जाते हैं। ये कंपाउंड टेस्टोस्टेरोन को बढ़ावा देने में मददगार पाए गये डायोसजेनिन, यामोजेनिन, गिटोजेनिन, टिगोजेनिन और नियोटिगेंस जैसे कंपाउंड स्टेरायडल कंपाउंड से भरपूर होते हैं।

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मेथी के बीज के अर्क टेस्टोस्टेरोन पर सकारात्मक प्रभाव देखा गया। चित्र: शटरस्टॉक

डायोसजेनिन कई सेक्स हार्मोन सिंथेसिस के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डायोसजेनिन, एक स्टेरायडल सैपोनिन है, जो समग्र वजन और मांसपेशियों की वृद्धि को बढ़ाने के लिए रिपोर्ट किया गया है। इसके अलावा, मेथी के बीज में उपलब्ध डायोसजेनिन ग्लूकोज मेटाबोलिज्म में सुधार करने के लिए एडिपोसाइट डिफरेंस और अवरोधक को बढ़ावा देने की सूचना दी गई है।

2 अश्वगंधा की पत्ती और जड़ का अर्क (Ashwagandha leaves or root extract)

अमेरिकन जर्नल ऑफ़ मेंस हेल्थ में एड्रियन लॉपरेस्टी, पीटर ड्रमंड और स्टेफन जे स्मिथ के शोध आलेख के अनुसार, 40-70 वर्ष के पुरुषों को अश्वगंधा की पत्तियों या जड़ को पीसकर तैयार किये गये अर्क को दिया गया। अस्वगंधा में विटामिन सी, डाइटरी फाइबर, प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम भी पाया जाता है। इसमें विथानिया सोम्निफेरा के केमिकल कंपाउंड पाए जाते हैं।

अश्वगंधा की पत्ती में पाए जाने वाले यौगिक 

आइसोपेलेटियरिन, एनाफेरिन, क्यूसोहाइग्रीन, एनाहाइग्रीन जैसे अल्कलॉइड्स टेस्टोस्टेरोन की संख्या को बढाने में कारगर माना गया। टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन की कमी से जूझ रहे लोगों को लगभग 8 सप्ताह तक अश्वगंधा की पत्ती और जड़ से तैयार अर्क दिया गया। उन्हें यह खुराक 8 सप्ताह तक दी गई। इस अवधि के बाद उनका हार्मोनल परिवर्तनों की परीक्षा ली गई।

Ashwagandha flavored milk ko apne aahar me kren shamil
अश्वगंधा की पत्ती या जड़  से तैयार अर्क टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ा देता है । चित्र: शटरस्टॉक

इससे यह पता चल पाया कि 8 सप्ताह के समय के दौरान में अश्वगंधा के अर्क टेस्टोस्टेरोन के स्तर को 15% तक बढ़ने में मदद की। अश्वगंधा के अर्क से डीएचईए-एस में 18% अधिक वृद्धि देखी गई। यह भी टेस्टोस्टेरोन प्रोडक्शन में शामिल सेक्स हार्मोन है।

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