ओरल सेक्स असुरक्षित संभोग से होने वाली परेशानियों से बचने का एक सुलभ तरीका लग सकता है। साथ ही कुछ लोगों के लिए यह मजेदार भी होता है। लेकिन सच्चाई यह है कि यह लोकप्रिय धारणा के विपरीत आपके लिए कुछ खतरे भी पैदा कर सकता है।
ओरल सेक्स ज्यादा सेफ है, जब हम ऐसा कहते हैं, तो वह काफी लॉजिकल लगता है। यानी जब पेनिस नहीं तो स्पर्म की भी एंट्री नहीं और इस तरह प्रेगनेंसी का भी डर नहीं। पर हम भूल जाते हैं कि यह हमारी योनि के लिए खतरनाक हो सकता है। ओरल सेक्स में स्लाइवा और योनि शामिल होती है। जबकि योनि आपके शरीर का सबसे संवेदनशील अंग है। जहां सबसे जल्दी संक्रमण होने का जोखिम रहता है।
असल में, जब लार योनि में मौजूद द्रव्य के संपर्क में आती है, तो यह वहां मौजूद बैक्टीरिया की उपस्थिति के कारण योनि के बायोम में गड़बड़ पैदा करने लगती है। यह अंततः आपकी खुशी को तकलीफ में बदल सकता है क्योंकि इससे आपको वहां संक्रमण होने का जोखिम हो सकता है।
इस अंतरंग समस्या को समझने के लिए हमने इनफर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ. कृतिका मखिजा से बात की। डॉ कृतिका अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, मुंबई में कार्यरत हैं। वे हमें बता रहीं हैं ओरल सेक्स के जोखिमों के बारे में।
आप भले ही हैरान हों लेकिन यह सामान्य सेक्स से ज्यादा जोखिम भरा हो सकता है। खासतौर से आपकी योनि के लिए यह घातक हो सकता है। सेक्स एक्सपर्ट मानते हैं कि सेक्स जोड़ों को एक-दूसरे के करीब लाने में मददगार हो सकता है, पर कुछ चीजों का ध्यान रखना ज्यादा जरूरी है। क्योंकि यह आपकी वेजाइनल हेल्थ का मामला है।
वह बताती हैं, “ओरल सेक्स जोखिम भरा है क्योंकि इसमें योनि शामिल होती है। योनि में मौजूद द्रव्य के अन्य डर्ट के संपर्क में आने से एसटीआई के बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। ह्यूमन पेपीलोमावायरस (एचपीवी) या जेनिटल वार्ट के होने का जोखिम बढ़ जाता है। एचपीवी एक वायरस है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकता है। यह जननांग या मौखिक सेक्स के माध्यम से संचरित होता है।”
हरपीज: यह आम एसटीआई में से एक है। जिसमें दो प्रकार हैं: ओरल हरपीज (मुंह या नाक के आसपास फफोले और घाव होना) और जेनिटल हरपीज (दर्द, खुजली, और जननांगों पर अल्सर जैसे छोटे-छोटे घाव)। यदि संक्रमित तरल पदार्थ किसी भी घाव, कट या अल्सर के संपर्क में आते हैं तो इससे एसटीआई संक्रमित होने का जोखिम बढ़ जाता है।
ये लिक्विड होंठ, मुंह, जेनिटल या एनल, आंख की झिल्ली या गले की कोशिकाओं में जाकर सूजन का भी कारण बन सकता है। यही लिक्विड अगर ब्लड में शामिल हो जाए तो और भी कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
अन्य संक्रमण : दाद के अलावा, हेपेटाइटिस ए, बी, सी, गोनोरिया, शिगेलोसिस, दाद, क्लैमाइडिया, एचआईवी और सिफलिस जैसे अन्य संक्रमण भी ओरल सेक्स के कारण हो सकते हैं।
डॉ मखिजा सुझाव देती हैं, “यदि आप एसटीआई या किसी अन्य संक्रमण से पीड़ित हैं, तो तुरंत अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें।”
लेकिन रिलैक्स रहो, हर समस्या एक समाधान के साथ आती है। यहां हम कुछ टिप्स दे रहे हैं जिनसे आप ओरल सेक्स के दौरान इन समस्याओं से बच सकती हैं:
1 किसी के डेम का उपयोग करें, जो पतला होता है और लेटेक्स या प्लास्टिक का बना होता है। इसका उपयोग करने से आप एसटीआई के प्रसार को रोक सकती हैं। यह योनि और मुंह के बीच में एक बेरियर की तरह काम करता है।
2 अगर आपको लगता है कि आपके पार्टनर के मुंह या गले में कोई घाव या कट है, तो यह संक्रमण के कारण हो सकता है। उस दौरान आपको ओरल सेक्स से बचना चाहिए।
3 यदि आपकी योनि के चारों ओर कोई एलर्जी या फफोला हैं, तो ओरल सेक्स से दूर रहें क्योंकि इससे समस्या बढ़ सकती है।
4 सुनिश्चित करें कि आप दोनों मौखिक सेक्स में शामिल होने से पहले उचित स्वच्छता बनाए रखें।
तो, क्या अब आप ओरल सेक्स को अपने सेक्स सेशन में शामिल करेंगी? खैर, हम इस बारे में हम कुछ नहीं कह सकते।
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