प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (Premenstrual Syndrome) पीरियड्स से पहले होने वाले लक्षणों को कहा जाता है। यह परेशानी कुछ महिलाओं को अधिक महसूस हो सकती है तो कुछ को कम। जिन महिलाओं को ये दर्द ज्यादा होता है, उनमें से ज्यादातर इसे सामान्य प्रक्रिया मान लेती हैं। जबकि कुछ और भी कारण हैं, जो इसे ट्रिगर कर सकते हैं। तनाव उन्हीं में से एक कारण है। आइए जानें पीएमएस में दर्द की वजह (Premenstrual Syndrome causes) और इसे कंट्रोल करने के उपाय।
पीएमएस यानी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (Premenstrual syndrome), पीरियड आने से एक या दो सप्ताह पहले शुरू होता है। इस दौरान महिलाओं को सिरदर्द, जोड़ों का दर्द, चिड़चिड़ापन, मूड में बदलाव, डिप्रेशन, स्तन में सूजन की परेशानी महसूस होने लगती है।
फिलहाल इसके सही कारणों का पता नहीं लगाया जा सका है। हालांकि, पीरियड्स के दौरान होने वाले हार्मोन स्तर में बदलाव को इसके पीछे की मुख्य वजह माना जा सकता है। वहीं, कुछ मामलों में PMS के कारण सामाजिक, बायोलॉजिकल व साइकोलॉजिकल कारकों से भी संबंधित हो सकते हैं। अधिकांश महिलाएं अपने प्रजनन के वर्षों के दौरान प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षणों का अनुभव करती हैं। यह परेशानी महिलाओं में कई बार हो सकती है।
20-40 उम्र के बीच की महिलाओं में ।
जिन्हें एक बच्चा हो ।
पर्सनल या फिर पारिवारिक समस्या से की वजह से।
प्रसव के बाद डिप्रेशन या मनोदशा विकार ।
एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर मौजूद एक रिसर्च के मुताबिक, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ महिलाओं को शारीरिक लक्षण हो सकते हैं, तो कुछ महिलाओं को भावनात्मक या मानसिक, वहीं किसी-किसी महिलाओं में यह दोनों ही लक्षण हो सकते हैं।