ह्यूमन पैपिलोमा वायरस एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन है, जो एक से दूसरे व्यक्ति में स्किन कांटेक्ट के जरिए फैलता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) सेक्सुअल कांटेक्ट के जरिए फैलने वाला इंफेक्शन है। इस वायरस के फैलने के अधिकतर कारणों में सेक्सुअल कांटेक्ट सबसे ज्यादा पाया गया है। शोध बताते हैं कि कुछ महिलाएं जानकारी के अभाव में लंबे समय तक इस वायरस से ग्रसित होने के बावजूद अनजान रहती हैं। विभिन्न शोधों के हवाले से लेख में जानिए एचपीवी (HPV) के बारे में सब कुछ।
यू.एस डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज के अनुसार एचवीपी के फैलने के पीछे सेक्सुअल कांटेक्ट सबसे बड़े कारणों में से एक है। आंकड़ें बताते हैं कि ये वेजाइनल, ओरल या एनल सेक्स के माध्यम से भी फैल सकता है। चिंताजनक बात यह है कि कई महिलाओं को पता नहीं होता है कि उन्हें एचपीवी है।
पर सिर्फ सेक्सुअल कांटेक्ट ही एचवीपी फैलने के लिए जिम्मेदार नहीं है, बल्कि यह इंफेक्शन स्किन कांटेक्ट के जरिए भी फैल सकता है। यू.एस डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज के अनुसार इस वायरस का कोई खास लक्षण नहीं होने के कारण कई लोगों को एचपीवी होने के बाद भी इसका पता नही चल पाता।
कई बार एचपीवी से ग्रस्त महिला की डिलीवरी के दौरान बच्चे में यह वायरस पहुंच सकता है। जब ऐसा होता है, तो बच्चे में रिकरेंट रेस्पिरेटरी पैपिलोमाटोसिस ( recurrent respiratory papillomatosis) की स्थिति पैदा हो जाती है, जिससे उसके गले या रेस्पिरेटरी सिस्टम में एचपीवी विकसित होने लगता हैं। एचपीवी सर्वाइकल कैंसर और सिर, गर्दन और गले के अन्य कैंसर का कारण भी बन सकता है। इसलिए इसके बारे में जागरुक होना सबसे ज्यादा जरूरी है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार एचपीवी के 90 प्रतिशत केस (10 में से 9) दो साल के अंदर अपने आप खत्म हो जाते हैं। लेकिन जब वायरस अपने आप खत्म नहीं होता, तो इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि जेनिटल वॉट्स और थ्रोट वॉट्स की समस्या हो सकती है।
एचपीवी में मस्से होने का कारण कैंसर पैदा करने वाले प्रकारों से अलग हैं। इसलिए एचपीवी में जेनिटल मस्से होने से कैंसर होने का सम्बन्ध नहीं है। इसके अलावा एचपीवी के कारण होने वाले कैंसर के लक्षण अक्सर तब तक नहीं दिखते हैं, जब तक कि कैंसर अगली स्टेज तक नहीं पहुच जाता।
एचपीवी का कोई खास लक्षण न होने के कारण संक्रमण को जानने में समस्या हो सकती है, लेकिन कुछ चीजों में सावधानी रख कर इस समस्या से बचा जा सकता है –
एचपीवी को रोकने का सबसे आसान तरीका कंडोम का उपयोग करके सुरक्षित यौन संबंध बनाना है।
गार्डसिल नाइन (Gardasil 9) वैक्सीन जेनिटल वॉट्स और एचपीवी के कैंसर की रोकथाम कर सकती है।
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार 27 से 45 वर्ष की आयु के लोग जिन्हें पहले एचपीवी का टीका नहीं लगाया गया था, अब गार्डासिल 9 का टीका लगवा सकते हैं।
एचपीवी से जुड़ी समस्याओं को रोकने के लिए, नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच, पैप स्मीयर करवाना मददगार हो सकता है।
यह भी पढ़े – PCOS Awareness Month : यह बीमारी नहीं, बल्कि एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है, जानिए कैसे करना है मैनेज