क्या वेजाइना में रूखापन होने पर वेजाइनल मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए? जानिए गाइनोकोलॉजिस्ट का जवाब

अगर आपको कभी वेजाइना में सूखापन महसूस हुआ है तो आप जानती होंगी कि यह कितना असहज और कष्टकारी होता है। वेजाइनल मॉइस्चराइजर होते तो हैं, लेकिन क्या ये इस्तेमाल के लिए सुरक्षित हैं?
गलत तरह से धोने से वेजाइना में संक्रमण हो सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
गलत तरह से धोने से वेजाइना में संक्रमण हो सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 13:36 pm IST
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आपकी वेजाइना के सूखे और रूखे होने का सबसे बड़ा कारण है मेनोपॉज। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आपकी वेजाइना अन्य कारणों से ड्राई नहीं हो सकती। हम आपको बता दें- वेजाइनल ड्राईनेस बहुत कष्टदायक हो सकती है। अगर आपको हो चुकी है तो आप समझ गयी होंगी हम क्या कह रहे हैं। और इस समस्या से बचने के लिए ही कई महिलाएं मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करती हैं।

लेकिन क्या इस तरह वेजाइना को बाहर से लुब्रिकेट करना सुरक्षित है? इस बात को जानने के लिए हमने बात की अपोलो टेलीहेल्थ सर्विसेज की सलाहकार गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ एम शहनाज़ से। उनका कहना है,”मॉइस्चराइजर इस्तेमाल करने से पहले आपको वेजाइना के ph और अन्य बातों की जानकारी होना जरूरी है।”

आपकी वेजाइना का सामान्य ph 4 होता है। वेजाइना में रूखापन एस्ट्रोजेन स्तर कम होने से होता है और यह किसी भी उम्र में हो सकता है।

वेजाइना में रूखेपन के कारण इर्रिटेशन होती है और आपकी सेक्स लाइफ भी प्रभावित होती है। सौभाग्य से, बहुत से ट्रीटमेंट मौजूद हैं जो वेजाइनल ड्राईनेस से छुटकारा दिलाते हैं, जैसे वेजाइनल मॉइस्चराइजर।

वेजाइनल ड्राइनेस कई वजहों से हो सकती है। चित्र: शटरस्टॉक
वेजाइनल ड्राइनेस कई वजहों से हो सकती है। चित्र: शटरस्टॉक

डॉ शहनाज़ के अनुसार मॉइस्चराइजर के विभिन्न प्रकार बाजार में मौजूद हैं। ऐसे में सही विकल्प चुनना आपके लिए जरूरी है।

1. वॉटर- बेस्ड

वॉटर बेस्ड यानी पानी के बेस वाला मॉइस्चराइजर ग्लिसरीन युक्त होता है। ताकि वेजाइना को नमी मिले। ये सेक्स के दौरान आंनद को भी बढ़ाते हैं और लेटैक्स वाले कंडोम को कोई नुकसान भी नही पहुंचाते। इन्हें धोना भी आसान है और आसानी से किसी भी फॉर्मेसी में मिल जाएंगे।
इसके अतिरिक्त यह भी जान लें कि वॉटर बेस्ड मॉइस्चराइजर जल्दी सूख जाते हैं। इसलिए इन्हें बार- बार लगाना पड़ता है। कुछ में पराबीन भी हो सकती है, तो खरीदते वक्त सतर्क रहें।

2. सिलिकॉन बेस्ड

डॉ शहनाज़ कहती हैं,”सिलिकॉन वाले मॉइस्चराइजर लुब्रिकेशन के मामले में सबसे अच्छे होते हैं। ये जल्दी सूखते नहीं हैं, जैसे पानी वाले सूख जाते हैं। जिससे आपको रूखेपन को खत्म करने में मदद मिलती है।

लुब्रिकेंट आपको रगड़ से बचा सकते हैं। चित्र : शटरस्‍टॉक
लुब्रिकेंट आपको रगड़ से बचा सकते हैं। चित्र : शटरस्‍टॉक

वह समझाती हैं, “सिलिकॉन वाले वेजाइनल मॉइस्चराइजर भी लेटैक्स कंडोम पर कोई दुष्प्रभाव नहीं डालते। इनसे इर्रिटेशन भी पैदा नहीं होती।”

मगर, सिलिकॉन वाले मॉइस्चराइजर महंगे होते हैं और इन्हें साबुन और पानी से धोना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।

3. ऑयल बेस्ड

“तेल के बेस वाले मॉइस्चराइजर की बात करें, तो बाकी सभी के मुकाबले यह सबसे अधिक समय तक रहते हैं”, कहती हैं डॉ शहनाज़।

वह बताती हैं, “लेकिन आपको ऑयल बेस्ड मॉइस्चराइजर का प्रयोग सेक्स के वक्त नहीं करना चाहिए क्योंकि यह लेटैक्स कंडोम को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे आपको न सिर्फ प्रेगनेंसी बल्कि UTI और STD का खतरा भी होता है।”

इसके लिए आपको खुद का ध्‍यान रखने की जरूरत है। चित्र: शटरस्‍टॉक
इसके लिए आपको खुद का ध्‍यान रखने की जरूरत है। चित्र: शटरस्‍टॉक

क्या आपको वेजाइनल मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए?

ये मॉइस्चराइजर हल्की ड्राईनेस के लिए तो कारगर हैं, लेकिन गम्भीर मामलों में आपको गाइनोकोलॉजिस्ट से मिलना ही चाहिए। योनि के रूखेपन के पीछे कोई छिपी बीमारी भी हो सकती है। इसलिए डॉक्टर से सलाह ले लें।

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