अब जब मौसम बदल रहा है और हम सब बाहर निकलने लगे हैं, तब हमें भी अपने डेली हाइजीन रुटीन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी हमने अपनी हाइजीन पर खास ध्यान दिया है। पर मौसम के साथ अब उसमें और ज्यादा बदलाव करने की जरूरत है। यहां जानिए आपके डेली हाइजीन रुटीन के लिए जरूरी कुछ खास टिप्स।
नियमित देखभाल न किए जाने पर हम जल्दी बीमार पड़ सकते हैं। त्वचा कई बाहरी कारकों से प्रभावित होती है, जैसे गंदगी, रासायनिक प्रदूषक, बैक्टीरिया और वायरस। नियमित धुलाई, स्नान और सफाई से हम इनसे बच सकते हैं और खुद को संक्रमण व बचा सकते हैं।
इससे जहरीले तत्व हमारी त्वचा में इकट्ठा नहीं हो पाते। गंदगी और प्रदूषक से त्वचा के छिद्र बंद हो जाते हैं और अपशिष्ट बाहर नहीं निकल पाते। हम जानते हैं कि पसीना आने पर अपशिष्ट पदार्थ हमारी त्वचा से बाहर निकलते हैं। यही पसीना त्वचा पर जम जाता है। इसलिए रोजाना ये पसीना हटाना चाहिए।
रोजाना नहाना और सफाई करना ज़रूरी है। शरीर के सभी अंगों को अच्छी तरह से धोना चाहिए, खासकर गर्दन, बगल और पैरों को। इन सभी जगहों पर रोगाणु जल्दी जमा होते हैं। साबुन के अलावा, साफ खुरदुरा वॉशक्लॉथ, स्पंज, पीठ के लिए लंबे हैंडल वाला ब्रश, झांवा, नाखून साफ करने के लिए ब्रश, एरोमेटिक ऑयल, कोलोन, टैल्कम पाउडर आदि का इस्तेमाल करें।
अगर आपकी त्वचा रूखी है, तो नहाने से पहले क्रीम या तेल लगाएं। त्वचा पर साबुन लगाने के लिए स्पंज का इस्तेमाल बेहतर होता है, जबकि वॉशक्लॉथ शरीर को साफ़ करने में मदद करता है। यह न केवल गंदगी और प्रदूषकों को हटाता है, बल्कि मृत कोशिकाओं को साफ करने और सर्कुलेशन को बनाए रखता है। कोहनी और एड़ी साफ करने के लिए झांवे का इस्तेमाल किया जा सकता है।
पुराने समय में, शरीर को साफ करने, स्वच्छ बनाए रखने और त्वचा को सुंदर बनाने के लिए नहाने से पहले कई तरीके अपनाए जाते थे। जैसे- बेसन, गेहूं की भूसी और हल्दी को दूध की मलाई में मिलाकर त्वचा पर लगाया जाता था। इससे त्वचा साफ और मुलायम रहती है।
नहाने के पानी में गुलाब की पंखुड़ियां, चमेली का तेल, गुलाब, चंदन आदि मिलाए जाते थे। शरीर को धोने के लिए घर में बने इन्फ्यूश़न का भी इस्तेमाल किया जाता था।
आज भी, नीम के पत्तों को गर्म पानी में भिगोकर रात भर रखकर अर्क बनाया जाता है। सुबह इस पानी का इस्तेमाल नहाने के लिए करें। इससे न केवल संक्रमण को रोका जा सकता है, बल्कि रैशेज और गर्मी से भी राहत मिलती है। इसी तरह मेथी के बीजों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
आपके कपड़े भी साफ और स्वच्छ होने चाहिए। पसीना कपड़ों से चिपक जाता है, जिससे उनमें दुर्गंध हो जाती है। रोजाना अपने कपड़े बदलें, खासकर अपने अंडरक्लॉथ्स। गर्मी के मौसम में सूती कपड़े पहनें। सूती कपड़ों से पसीना आसानी से बाहर निकलकर सूख जाता है। साफ-सुथरा व सुगंधित रहने से आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
आपकी त्वचा, बाल, दांत, नाखून और पैर, सभी को स्वस्थ और अच्छे दिखने के लिए नियमित देखभाल और सफाई की ज़रूरत होती है। अपने शरीर के हर भाग की देखभाल करने पर हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है, जिससे हम अपना सर्वश्रेष्ठ कर पाते हैं और बेहतर महसूस करते हैं।
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