फ्लेवर्ड कंडोम से मजेदार बनानी है सेक्स लाइफ, तो इसके स्वास्‍थ्‍य जोखिम भी जान लें

फ्लेवर्ड कंडोम को कैमिकली सिंथेसाइज्ड किया जाता है, यानी इन्हें इस्तेमाल करने पर आप कुछ और रसायनों के संपर्क में आती हैं। जिससे वेजाइनल इरिटेशन हो सकती है।
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सेफ सेक्स है जरुरी। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 26 Apr 2022, 09:02 am IST
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स्ट्रॉबेरी, चॉकलेट, वेनिला, आम, बबलगम, अचारी, अदरक – आप यकीन करें या न करें, पर सचमुच बाजार में इस फ्लेवर के कंडोम भी उपलब्‍ध हैं। थैंक्स टू फ्लेवर्ड कंडोम, जिनके चलते ये बाजार कुछ ज्यादा ही रचनात्मक और रोमांचक हो गया है।

कहने की जरूरत नहीं है कि इसे खरीदने वाले लोग खुद को कम रोमांचित महसूस नहीं करते। और इसमें कोई बुराई भी नहीं। अगर आप वयस्क हैं और सेक्सुअली एक्टिव हैं, तो आप अपनी सेक्स लाइफ में रोमांच घोलने की कोशिश कर सकती हैं। जो भी लोग सेक्स लाइफ में ऐसा ही कुछ खास करना चाहते हैं, वे इन फ्लेवर्ड कंडोम को लेकर काफी रोमांचित महसूस करते हैं।

अब क्योंकि हर चमकने वाली चीज सोना नहीं होती, यही बात इन फ्लेवर्ड कंडोम के साथ भी सच साबित होती है। यहां हम आपको इनके इस्तेमाल के अच्छे, बुरे और कुछ अजीब पक्षों की ओर आपका ध्यान दिलाएंगे –

अच्छा पहलू

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा किए गए एक अध्ययन के दौरान, शोधकर्ताओं ने पाया कि ओरल सेक्स करने वाली प्रोफेशनल सेक्स वर्कर्स में 50 फीसदी ने कंडोम यूज करने से इन्का‍र किया, क्योंकि इनका टेस्ट खराब होता है। जबकि फ्लेवर्ड कंडोम होने पर उन्होंने इसके इस्तेमाल पर सहमति जताई।

फ्लेवर्ड कंडोम : सेफ सेक्स के लिए कंडोम का उपयोग जरूर करें। चित्र : शटरस्टॉक

सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की ओर से जारी सुझावों के अनुसार क्लैमाइडिया, गोनोरिया, सिफलिस, एचपीवी के साथ ही एचआईवी जैसे यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) मौखिक सेक्स के माध्यम से फैल सकते हैं।

सीडीसी के आंकड़ें बताते हैं कि 85% यौन सक्रिय वयस्क मौखिक सेक्स करते हैं, लेकिन इनमें से केवल दो प्रतिशत लोग ही इस दौरान कंडोम का उपयोग करते हैं।

इस तरह, कंडोम बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले लेटेक्स में सुगंध होने से न केवल ओरल सेक्स ज्यादा आनंददायक हो गया है, बल्कि इसने महिलाओं को कई तरह के यौन रोगों के जोखिम को कम करने में भी मदद की है।

बुरा पक्ष

इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि फ्लेवर्ड कंडोम ने सेफ सेक्स को ज्यादा आनंदायक और सुविधाजनक बनाया है। यहां तक कि संयुक्त राज्य अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्‍ट्रेशन (FDA) ने भी कंडोम की स्ट्रेंथ और सुरक्षा के प्रति सहमति जताई है।

इसके बावजूद एफडीए फ्लेवर्ड कंडोम में मौजूद शुगर के प्रति भी चेतावनी देता है। लेटेक्स में मौजूद यह शुगर पेनिट्रेशन के दौरान महिलाओं के वेजाइना के पीएच लेवल को प्रभावित करती है। इससे महिलाओं में यीस्ट इंफेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है।

इसके अलावा, फ्लेवर्ड कंडोम को कैमिकली सिंथेसाइज्ड किया जाता है। इसका अर्थ है कि इन्हें इस्तेेमाल करने पर आप कुछ और रसायनों के संपर्क में आ रहे हैं। जिससे वेजाइनल इरिटेशन, इचिंग और इंफेक्शइन होने का भी खतरा रहता है।

तो अब आपको क्या करना चाहिए ?

ओरल या पेनिट्रेटिव – बिना किसी प्रोटेक्शन के सेक्स जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए जब भी जरूरत हो कंडोम को इस्तेमाल जरूर करें।

अगर ओरल सेक्स के समय एक नया टेस्ट एड करना चाहती हैं, तो आप फ्लेवर्ड कंडोम इस्तेमाल कर सकती हैं। पर इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि एक साधारण कंडोम भी अपने पास रखें, जिसका इस्तेमाल पेनिट्रेटिव सेक्स के दौरान किया जा सके।

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