जाड़े के दिनों में सबसे अधिक जिस गर्म मसाले का उपयोग होता है, वह है लौंग। लौंग न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। लौंग एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। इसमें मौजूद कम्पाउंड शरीर को फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं। सिस्टम से फ्री रेडिकल्स को हटाकर लौंग में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट हृदय रोग, मधुमेह और कुछ कैंसर के विकास के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। शोध बताते हैं कि लौंग सेक्सुअल हेल्थ को भी इम्प्रूव करने में मदद करते हैं।
लौंग के फायदों को देखते हुए इस पर लगातार कई रिसर्च होते रहे हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं शमशाद अहमद, अब्दुल लतीफ और इकबाल अहमद कासमी के सेक्सुअल हेल्थ पर लौंग के प्रभावों का अद्धययन किया। शोध के निष्कर्ष को सप्लीमेंट मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित किया गया। यह आलेख पबमेड सेंट्रल में शामिल किया गया। शोधकर्ताओं के अनुसार, लौंग (Syzygium Aromaticum) के फूल और लौंग का उपयोग यूनानी चिकित्सा में पुरुष यौन विकारों के उपचार के लिए किया जाता रहा है। वर्तमान अध्ययन में सेक्सुअल डिजाइर और इरेक्टाइल डिसफंक्शन पर लौंग के प्रभावों की जांच की गई। इसके लिए लौंग के इथेनॉलिक अर्क के प्रभाव की जांच सबसे पहले अल्बिनो चूहों पर की गई।
इसके लिए सात दिनों तक मेल चूहों के विभिन्न समूहों को 100, 250 और 500 मिलीग्राम की खुराक दी गई। चूहों को लौंग का अर्क मौखिक रूप से दिया गया। लॉन्ग के अर्क की सिल्डेनाफिल साइट्रेट के साथ तुलना भी की गई। संभावित गैस्ट्रिक अल्सरेशन और अर्क के प्रतिकूल प्रभावों का भी मूल्यांकन किया गया। परिणाम के दौरान माउंटिंग फ्रीक्वेंसी, इंट्रोमिशन फ्रीक्वेंसी की जांच की गई। इंट्रोमिशन लेटेंसी, इरेक्शन, क्विक फ्लिप्स, लॉन्ग फ्लिप्स के साथ-साथ पेनाइल रिफ्लेक्सिस को भी देखा गया। परीक्षण दवा किसी भी विशिष्ट गैस्ट्रिक अल्सरेशन और प्रतिकूल प्रभावों से रहित पाई गई।
परिणामों ने संकेत दिया कि लौंग के 50% इथेनॉलिक अर्क ने बिना किसी विशिष्ट गैस्ट्रिक अल्सरेशन और प्रतिकूल प्रभाव के सामान्य नर चूहों की यौन गतिविधि में महत्वपूर्ण और निरंतर वृद्धि की। लौंग के अर्क को कामोत्तेजना बढ़ाने वाला माना गया। यौन विकारों में इसके पारंपरिक उपयोग के दावों का भी इस स्टडी में समर्थन किया गया।
चूहों को ओरल रूप में देने से पहले सूखी लौंग को कुचल कर दरदरा पाउडर बना लिया गया। पाउडर को छान लिया गया। 50% इथेनॉल के साथ लौंग पाउडर को मिलाकर अर्क तैयार किया गया। अर्क को फ़िल्टर किया गया। इस अर्क को तैयार कर रेफ्रिजरेटर में संरक्षित किया गया।
इंसानों पर भी इसके सकारात्मक प्रभाव देखे गये। लौंग एक औषधीय उत्पाद के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। लौंग शरीर पर वांछित और अवांछित दोनों प्रभाव पैदा कर सकती है। यह अध्ययन बताता है कि लौंग का उपयोग वैकल्पिक चिकित्सा में शीघ्रपतन (Erectile Dysfunction) के इलाज में प्रभावी सहायता के रूप में किया जा सकता है। यूजेनॉल लौंग का मुख्य बायोएक्टिव कंपाउंड है।
यह कंसन्ट्रेटेड रूप में पाया जाता है। लौंग में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव भी होते हैं। ये गुण इरेक्टाइल डिसफंक्शन को खत्म करने में मदद करते हैं। यह ब्लड वेसल्स को आराम देता है। यह लिंग में ब्लड फ्लो को बढ़ावा देता है। यह इरेक्शन को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
कुछ लोग जानकारी के अभाव में सेक्स से पहले लौंग के प्रोडक्ट का उपयोग अपने पेनिस पर कर लेते हैं। इसके परिणाम गंभीर भी हो सकते हैं। शोध इस बात की चेतावनी देता है कि बिना डॉक्टर की सलाह के लौंग की गोलियां, टिंचर, आयल, चाय आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए।
यदि आवश्यकता से अधिक लौंग के तेल की थोड़ी मात्रा भी ली जाती है, तो दौरे, लीवर की क्षति जैसे गंभीर दुष्परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं।
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