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Sex education : पुरुषों को भी दूर कर लेने चाहिए पीरियड, सेक्स और ऑर्गेज़्म से जुड़े ये 8 मिथ्स

जिस समाज में एक भाई पहले पीरियड का खून देखकर अपनी बहन की हत्या कर देता है, वहां सेक्स एडुकेशन की कितनी जरूरत है यह समझा जाना चाहिए। लड़कियों के जीवन के लिए भी जरूरी है कि पुरुषों को यौन शिक्षित किया जाए।
एसेक्सुअल होना किसी तरह का मनोविकार नहीं है। चित्र- अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Updated: 17 May 2023, 19:29 pm IST
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हाल ही में एक खबर सामने आई जिसने सभी को परेशान कर दिया है। खबर महाराष्ट्र के उल्हासनगर से आई। जहां एक लड़की को पहली बार पीरियड हुए और उसके भाई ने उसके कपड़ों पर लगा खून (Period blood) देख कर उसे पीट-पीट कर मार डाला। लड़के को लगा कि उसकी बहन का किसी के साथ अफेयर है और उसने पहली बार सेक्स (first time sex) किया है जिसके बाद उसके कपड़ों पर खून लगा है।

इस खबर ने सभी को शर्मिंदा किया और हमें सोचने पर मजबूर कर दिया कि यौन शिक्षा (Sex education) के मामले में हमारा समाज कितना पिछड़ा हुआ है। आज भी हम अपने देश के लड़के-लड़कियों को पीरियड और सेक्स जैसी बेसिक चीजों के बारे में नही पढ़ा पाए हैं। आज देश चांद पर तो पहुंच गया है, लेकिन सोच को अभी तक बहुत निचले स्तर पर है।

वेजाइना (Vagina), वर्जिनिटी (Virginity) और सेक्स (Sex) को लेकर अब भी इतने सारे टैबू और मिथ्स (Myths about sex) हैं समाज में, जिन्हें तोड़ना जरूरी है। इसके लिए हमने बात की डॉ. पूजा दिवान से। डॉ पूजा स्त्री रोग विशेषज्ञ और टेस्ट ट्यूब बेबी स्पेशलिस्ट होने के साथ-साथ अपोलो दिल्ली और आर्केडी वीमेन हेल्थ केयर एंड फर्टिलिटी की डायरेक्टर हैं।

यहां जानिए पीरियड, सेक्स और ऑर्गेज़्म से जुड़े मिथ्स और उनकी सच्चाई

1 मिथ – पीरियड के बारे में पिता और भाई से बात नहीं करनी चाहिए!

फैक्ट : सेक्स एजुकेशन लड़का हो या लड़की दोनो को बराबर होनी चाहिए ताकि इस विषय को लेकर कोई टैबू न बनें। परियड बायोलॉजिकल है और एक महिला के जीवन का हिस्सा है। परियड के बारे में सिर्फ मां को ही नहीं पिता को भी बात करनी चाहिए। ताकि पीरियड आने पर किसी लड़की की जान न जाए।

जाइना को साफ रखने के लिए प्यूबिक हेयर हटाना अनिवार्य नहीं है। चित्र- अडोबी स्टॉक

2 मिथ – ब्लीडिंग होना कौमार्य भंग होने की निशानी है!

फैक्ट : ये बिल्कुल भी सच नही है कि जब आप पहली बार सेक्स करेंगी तो आपको ब्लीडिंग होगी क्योंकि हाइमन फटेगा। हाइमन फटने पर हर बार ब्लीडिंग नहीं होती है। हाइमन केवल सेक्स से नही हटता है बल्कि खेल, एक्सरसाइज, साइकिलिंग जैसी चीजों से भी फटता है।

3 मिथ – हाइमन फटने का मतलब वर्जिनिटी खोना है।

फैक्ट – वर्जिनिटी को मापने का पैमाना अभी तक किसा को पास नही है और हाइमन का न होना या होना ये बिल्कुल नही दर्शाता है कि आप वर्जिन है या नही। क्योंकि हाइमन कई फिजिकल एक्टिविटी जैसे खलना, एक्सरसाइज करना या टैंपून लगाने से।

4 मिथ- टाइट वेजाइना वर्जिनिटी का संकेत है

फैक्ट – ऐसा माना जाता है कि वेजाइना जितना टाइट होगा वो इस बात का संकेत होगा कि आप सेक्सुयली एक्टिव नही है। लेकिन ये धारणा गलता है उम्र के साथ वेजाइना अपनी इलास्टिसिटी को खोता है। इसलिए ये मानना गलत है कि सेक्स करने से वेजाइना ढीला होता है।

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5 मिथ – सिर्फ आवारा लड़कियां प्यूबिक हेयर हटाती हैं!

फैक्ट – यह बहुत ही पिछड़ी साेच को दर्शाता है। वेजाइना को साफ-सुथरा और सूखा रखने के लिए प्यूबिक हेयर को हटाया जा सकता है। हालांकि अगर आप इन्हें नहीं हटाना चाहतीं, तो आप इन्हें ट्रिम कर सकती हैं।

हालांकि वेजाइना को साफ रखने के लिए प्यूबिक हेयर हटाना अनिवार्य नहीं है। वेजाइना अपनी सफाई खुद ही करता है। मगर यह किसी लड़की के कैरेक्टर का सर्टिफिकेट भी नहीं है।

6 मिथ – ऑर्गेज़्म सिर्फ पुरुषों के लिए है

फैक्ट : ऐसा माना जाता है कि सेक्स में सिर्फ पुरूषों का ऑर्गेज्म ही जरूरी होता है। महिलाओं के ऑर्गेज़्म के बारे में कोई बात नही करता है। सेक्स में जितना ऑर्गेज़्म पुरूषों के लिए जरूरी है उतना ही महिलाओं के लिए भी जरूरी है।

वजाइनल डिस्चार्ज भी हो सकता है STD संकेत। चित्र: शटरस्टॉक

7 मिथ- सिर्फ पेनिट्रेशन से ही महिलाओं को ऑर्गेज्म मिलता है!

फैक्ट – यह बिल्कुल हलत धारणा है कि पुरूषों को पीनस से ऑर्गेज्म होता है, तो महिलाओं को वेजाइना से होता होगा। हर महिला को वेजाइना से आर्गेज्म नहीं होता। जबकि वास्तविकता यह है कि महिलाओं को कई तरह से ऑर्गेज्म होता है जैसे क्लिटोरल, वेजाइनल और कॉम्बिनेशन ऑर्गेज्म।

8 मिथ – जब तक स्पर्म डिस्चार्ज न हो, महिलाओं को ऑर्गेज्म नहीं मिलता।

फैक्ट – कुछ पुरुष कंडोम इस्तेमाल न करने के लिए इस तरह के कुतर्क देते हैं। जबकि यह किसी भी महिला के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इससे न सिर्फ अवांछित गर्भ का जोखिम बढ़ जाता है।

अगर आप गर्भनिरोध के अन्य विकल्पों का इस्तेमाल कर रहीं हैं, तब भी स्पर्म को योनि के अंदर डिस्चार्ज करना संक्रमण कारक हो सकता है। स्पर्म का पीएच एल्कलाइन है और वजाइना का पीएच एसिडिक है। ऐसे में स्पर्म वेजाइना में जाने से संक्रमण हो सकता है।

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संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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