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क्या हल्के पीरियड का अर्थ प्रजनन क्षमता का कमजोर होते जाना है? जानिए इस बारे में क्या कहती हैं स्त्री रोग विशेषज्ञ

माहवारी की शुरुआत प्रजनन क्षमता के विकसित होने का संकेत हैं, वही प्रजनन आयु समाप्त होने के साथ पीरियड्स में बंद होने लगते हैं। पर क्या हल्के पीरियड होने का अर्थ प्रजनन क्षमता की कमजोरी है?
एक्सपर्ट से जानते हैं इन सवालों के जवाब। चित्र : एडॉबीस्टॉक
संध्या सिंह Published: 16 Apr 2023, 20:00 pm IST
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भारत में पीरियड को लेकर आज में महिलाएं खुलकर बात करने से हिचकिचाती है। कई बार पीरियड को लेकर कई सवाल भी उनके मन में होते है लेकिन वो किसी से पूछ नहीं पाती है। कई बार पीरियड के बारे में कुछ चीजें नॉर्मल नहीं होती है लेकिन फिर भी महिलाएं उसे नॉर्मल समझ लेती हैं, जिसके बाद उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पीरियड के जुड़ी समस्याओं में से एक समस्या है हल्के पीरियड होना, जिसे स्कैंटी पीरियड कहा जाता है। पर क्या इसका प्रजनन क्षमता (light periods and fertility) पर भी कोई प्रभाव पड़ता है? आइए जानते हैं एक स्त्री रोग विशेषज्ञ से।

स्कैन्टी पीरियड यानी पीरियड्स के दौरान बहुत कम फ्लो होना। कई बार महिलाओं को पीरियड के दौरान कम ब्लड फ्लो होता है और कई बार कम समय के लिए होता है। ये चीजें महिलाओं को समझ नहीं आती और वो इस पर ध्यान नहीं देतीं। स्कैंटी पीरियड होने के कई कारण हो सकते हैं। इसलिए इस पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है।

क्या स्कैंटी पीरियड आपके प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते है

स्कैंटी पीरियड आपको किस तरह से प्रभावित करता है या इससे आपके प्रजनन क्षमता पर कुछ प्रभाव पड़ता है या नही ये जानने के लिए हमने बात की डॉ रितु सेठी से। डॉ रितु क्लाउड नाइन अस्पताल, सेक्टर 14 गुड़गांव और अपेक्स क्लिनिक, सेक्टर 31, गुड़गांव में सीनियर कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट हैं।

डॉ. रितु बताती है कि “स्कैंटी पीरियड, जिसे ओलिगोमेनोरिया भी कहा जाता है, संभावित रूप से कुछ महिलाओं में प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अनियमित मेंस्ट्रुअल साइकिल शरीर के अंदर हार्मोनल असंतुलन या अन्य प्रजनन स्वास्थ्य समस्या का संकेत दे सकता है जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।”

माहवारी या मेंस्ट्रुअल साइकल बहुत हद तक आपके लाइफस्टाइल और खानपान के कारण प्रभावित होते हैं। चित्र शटर स्टॉक

“स्कैंटी पीरियड होने का एक कारण कम एस्ट्रोजन का स्तर है, जो अत्याधिक व्यायाम, शरीर के कम वजन, या कुछ चिकित्सा स्थितियों के परिणामस्वरूप हो सकता है। अन्य संभावित कारणों में थायराइड विकार, पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (पीसीओएस) शामिल हैं।”

क्या हैं जो स्कैंटी पीरियड का कारण बन सकते हैं 

इसके बारे में और ज्यादा जानकारी दी हमें अपोलो दिल्ली और आर्केडी विमन हेल्थ केयर एंड फर्टिलिटी की डायरेक्टर, स्त्री रोग विशेषज्ञ और टेस्ट ट्यूब बेबी स्पेशलिस्ट डॉ. पूजा दिवान ने

हार्मोन है कारण

पूजा दिवान बताती है कि स्कैंटी पीरियड दो तरह के होते है, जिससे पीरियड पहले से कम दिन के लिए हो रहे है या फिर पीरियड में आने वाले खून की मात्रा काफी कम हो। स्कैंटी पीरियड में सिर्फ स्पोटिंग भी हो सकती है। स्कैंटी पीरियड की वजह थायराइड और प्रोलैक्टिन हार्मोन की वजह से हो सकता है। इन दोनो हार्मोन में जब असंतुलन आता है तो कंसीव करने में दिक्कत होती है क्योंकि अंडे नहीं बनते है।

बच्चेदानी की सफाई

पूजा दिवान ने बताया कि अगर आपने बच्चेदानी की सफाई या D & C करवाया है और इसमें जरूरत से ज्यादा सफाई हो गई है तो ये भी स्कैंटी पीरियड की वजह हो सकता है । इसकी वजह से यूट्रस के अंदर जो लाइनिंग है वो क्षतिग्रस्त हो गई है। लाइनिंग खराब होने से अंडे तो बनते है लेकिन यूट्रस में लाइनिंग न होने की वजह से वहां चिपक नही पाते है जिससे भी प्रगनेंसी नही हो पाती है और स्कैंटी पीरियड होते है।

IUD भी स्कैंटी पीरियड का कारण हो सकता है। चित्र:शटरस्टॉक

आइयूडी (IUD)

अगर आपने अपने गर्भाशय में मिरेना का डिवाइस IUD डाला है तो ये भी आपके शरीर में हार्मोन को प्रभावित कर सकता है, जिससे आपके पीरियड कम हो सकते है, देर से आ सकते है। बाद में हो सकता है ये फर्टिलिटी को भी प्रभावित करे।

मिरेना एक हार्मोनल अंतर्गर्भाशयी डिवाइस (आईयूडी) है जो दीर्घकालिक जन्म नियंत्रण (गर्भनिरोधक) प्रदान कर सकता है। डिवाइस एक टी-आकार का प्लास्टिक फ्रेम है जिसे गर्भाशय में डाला जाता है, जहां यह एक प्रकार का हार्मोन प्रोजेस्टिन रिलीज करता है।

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संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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