अनचाही प्रेगनेंसी की वजह से किसी भी महिला को मानसिक तनाव से गुजरना पड़ सकता है। एक प्रगनेंसी के लिए महिला को पूरी तरह शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होना पड़ता है। लेकिन जब किसी महिला को अनचाही प्रेगनेंसी होती है तो ये चीज उसके लिए सबसे बड़ा चिंता का कारण बन जाती है। इसलिए आज हम अबॉर्शन के बारे में सब कुछ बताएंगे कि आपको कब और कैसे अबॉर्शन ( safe abortion) करवाना है आपके लिए सुरक्षित।
अनचाहा गर्भ किसी के लिए भी तनावपूर्ण हो सकता है। पर बिना सही जानकारी के गर्भपात किसी भी स्त्री के लिए स्वास्थ्य संबंधी जोखिम का कारण बन सकता है। इसलिए अबॉर्शन के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने बात की डॉ. नीरज शर्मा से। डॉ नीरज विद्या नर्सिंग होम में स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं परामर्शदाता हैं।
डॉ नीरज कहती हैं, “जब बात अबॉर्शन का आती है, तो हर लड़की डर जाती है। उनके मन में इसको लेकर कई तरह के सवाल होते है जिसका जवाब उनके पास नहीं होता है जिसकी वजह से वो कई बार कुछ गलत कदम उठा लेती है या कोई ऐसी दवा खा लेती है जिससे उनके स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ता है। ज्यादातर लड़कियों महिलाओं के मन में ये सवाल होता है कि इसमें बहुत दर्द होगा या फिर ये सवाल भी होता है कि क्या अबॉर्शन कराने के बाद आगे प्रेग्नेंसी में दिक्कत होगी।”
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सेक्स के दौरान अगर इजैकुलेशन आपके वेजाइना में हो जाता है, तो इसका मतलब से नहीं है कि आप प्रेग्नेंट हो ही जाएंगी आपकी प्रेगनेंसी आपके ओवुलेशन पर निर्भर करती है। यानी अगर आप अपने ओवयूलेशन के दौरान अनसेफ सेक्स करती है, तो प्रेगनेंट होने के चांस बढ़ जाते हैं। महिलाओं में ओव्युलेशन पीरियड के 14 दिनों के बाद होता है। तो अगर आपने अनसेफ सेक्स किया है तो घबराएं नहीं अपने पीरियड का वेट करें और अगर पीरियड नहीं होते है तो पहले प्रेगनेंसी किट से प्रेग्नेंसी चेक करें फिर आगे कोई कदम उठाएं।
मेडिकल अबॉर्शन
सर्जिकल अबॉर्शन
वैक्यूम एस्पिरेशन
डाइलेशन और इवैक्यूएशन
लेबर इंडक्शन अबॉर्शन
ये मेडिकल अबॉर्शन होता है जिसमें गर्भवती महिला को अलग-अलग समय पर दवा लेने की आवश्यकता होती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार इस प्रकार के गर्भपात में दो दवाएं लेनी होती है: मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल। मिफेप्रिस्टोन की एक गोली 200 मिलीग्राम की होती है। मिफेप्रिस्टोन लेने के 24-48 घंटे बाद दूसरी दवा, मिसोप्रोस्टोल लेनी होती है।
इसे निगल कर, या योनि के माध्यम से ले सकते हैं। मिफेप्रिस्टोन गर्भावस्था को विकसित होने से रोकती है। जबकि मिसोप्रोस्टोल गर्भाशय को खाली कर देती है। गोली लेने के 2-24 घंटे बाद महिला को ब्लीडिंग शुरू हो जाती है।
सर्जिकल अबॉर्शन हॉस्पिटल में डॉक्टर द्वारा किया जाता है। सर्जिकल अबॉर्शन कई तरह के होते है।
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वैक्यूम एस्पिरेशन एक प्रकार का सर्जिकल अबॉर्शन है जिसमें गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए हल्के सक्शन का उपयोग किया जाता है। डॉक्टर आमतौर पर पहले तीन महिने के दौरान इसकी सलाह देते हैं।
डॉक्टर योनि में एक स्पेकुलम डालकर वैक्यूम एस्पिरेशन प्रक्रिया शुरू करते है। क्षेत्र को सुन्न करने के लिए इंजेक्शन का उपयोग करते हैं। इसके बाद, वे गर्भाशय ग्रीवा (cervix) को खोलने के लिए डाइलेटर्स जो एक पतली छड़ होती है का उपयोग करते हैं, फिर गर्भाशय में एक ट्यूब डालते हैं। इसके बाद गर्भाशय को खाली करने के लिए एक मैनुअल या मैकेनिकल सक्शन डिवाइस का उपयोग करते हैं।
डीएंडई एक प्रकार का सर्जिकल गर्भपात है जिसका उपयोग डॉक्टर आमतौर पर दूसरे तीन महिने के दौरान किया जाता हैं।
डाइलेशन और इवैक्यूएशन करने से पहले एक डॉक्टर सामान्य एनेस्थीसिया देता है। एनेस्थीसिया यह सुनिश्चित करती है कि प्रक्रिया के दौरान महिला को कुछ महसूस न हो डॉक्टर योनि में एक स्पेकुलम डालकर इस प्रक्रिया की शुरुआत करते है। वे गर्भाशय ग्रीवा (cervix) को खोलने के लिए डाइलेटर्स का उपयोग करते हैं। फिर गर्भावस्था के ऊतकों को छोटे फोरसेप्स के साथ हटा देते हैं। अंत में, वे किसी भी शेष ऊतक को हटाने के लिए सक्शन का उपयोग करते हैं।
लेबर इंडक्शन एबॉर्शन दूसरी या तीसरी तिमाही में गर्भावस्था को समाप्त करने की एक लंबी प्रक्रिया होती है।
यदि गर्भवती महिला का जीवन खतरे में हो तो ही डॉक्टर इस अबॉर्शन की सलाह देते है।
लेबर इंडक्शन में लेबर शुरू करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है, जिसके कारण लगभग 12-24 घंटों में गर्भाशय खाली हो जाता है। इन दवाओं को मुंह से लिया जा सकता है या डॉक्टर दवाओं को योनि के माध्यम से दे सकते हैं या उन्हें गर्भाशय में इंजेक्ट कर सकते हैं। डॉक्टर दर्द निवारक दवा या लोकल एनेस्थीसिया भी देते हैं, क्योंकि इस प्रकार के गर्भपात के दौरान ज्यादा ऐंठन होती है।
आपको मेडिकल या सर्जिकल अबॉर्शन में से क्या करना चाहिए इस बारे में डॉ नीरज कहती हैं, “आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर होगा, इसका फैसला आप अकेले नहीं कर सकतीं। बल्कि इसके लिए जरूरी है कि आप स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। वे गर्भ के हफ्तों और आपकी सेहत को देखते हुए सही निर्णय लेने में आपकी मदद कर सकते हैं।”
वे आगे कहती हैं, “ अपनी मर्जी से दवा लेकर कुछ भी करना खतरनाक हो सकता है। गर्भ के हफ्ते बढ़ने के बाद ज्यादातर विशेषज्ञ सर्जिकल अबॉर्शन की सलाह देते हैं। ये अबॉर्शन डॉक्टर और एक्सपर्ट की निगरानी में होते हैं। जिससे कि अबॉर्शन पूरी तरह से और सुरक्षित होता है। वहीं मेडिकल अबॉर्शन में यह चांस होता है कि आपका अबॉर्शन पूरी तरह से न हुआ हो। मेडिसिन खाने के बाद आपको पता नहीं होता कि आपका अबॉर्शन ठीक से हुआ है कि नहीं। मेडिकल अबॉर्शन के बाद आपको अल्ट्रासाउंड करवाने की जरूरत पड़ती है।
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