चॉकलेट खाने का मन है ? हो सकता यह PMS हो। गुस्सा आ रहा है क्योंकि कोई वादा करके भी समय पर नहीं आया? बॉयफ्रेंड से झगड़ा हो गया? बस करो ! ज़्यादा सोचो मत, यह तुम नहीं हो यह तो PMS है जो तुमसे यह सब करवा रहा है।
जी हाँ ! हम सभी ऐसी बातें या तो किसी और को बोल रहें होते हैं या कोई और हमें बोल रहा होता है। बल्कि कभी-कभी तो पीरियड्स के भयानक लक्षण सामने आते हैं, जैसे- सिरदर्द, मतली, पेट में ऐंठन, मूडस्विंग, थकावट, और न जाने क्या क्या ?
लेकिन, जितना हो सके आपको PMS को गंभीरता से लेना शुरू करना होगा। क्योंचकि हो सकता है कि आप पीएमएस नहीं, बल्कि गंभीर प्रीमेन्स्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (पीएमडीडी) से पीड़ित हों।
नानावटी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, मुंबई के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. गायत्री देशपांडे कहती हैं, “पीएमएस की तुलना में, प्रीमेन्स्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (पीएमडीडी) के प्रभाव अधिक तीव्र हैं। अगर इसे प्रभावी ढंग से न लिया जाए तो यह महिलाओं के मनोवैज्ञानिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालता है। जिससे उनका निजी और व्यावसायिक जीवन डिस्टर्ब होता है।
पीएमएस में पीरियड्स के दर्द के लक्षण हमारे शरीर को असीमित क्षति पहुंचाते हैं, लेकिन पीएमएस का दर्द अक्सर हेल्दीद डाइट और व्याचयाम आदि से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
डॉ. गायत्री देशपांडे समझाती हैं, “पीएमडीडी पीएमएस का एक गंभीर रूप है जिसमें शारीरिक और व्यवहार संबंधी लक्षण शामिल हैं, जो मासिक धर्म के रक्तस्राव से पहले होते हैं”।
हम सभी जानते हैं कि माहवारी के पूरे चक्र के दौरान, आपके शरीर में प्राकृतिक रूप से हॉर्मोन में उतार-चढ़ाव आता है। हॉर्मोन जैसे- एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन। यह अन्य हार्मोनों पर प्रभाव डाल सकते हैं, विशेष रूप से सेरोटोनिन, जो आपके मूड को नियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम में प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ व वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. स्वाति मित्तल, बताती हैं- “शोध बताते हैं कि पीएमडीडी वाले लोग कई परिवर्तनों से गुजरते हैं। जो उनकी कोशिकाओं को इन हार्मोनल उतार-चढ़ाव के प्रति अति संवेदनशील बनाते हैं। यह ओवररिएक्शन है जो पीएमडीडी लक्षणों के लिए जिम्मेदार हो सकता है”।
तो आइए कुछ सवालों की मार्फत पता लगाएं कि यह पीएमएस है या पीएमडीडी (PMDD)
शरीर में किसी भी अन्य विकार की तरह, प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक विकार के कुछ निश्चित लक्षण भी हैं। आइये देखते हैं कौन से :-
डॉ. मित्तल के अनुसार, पीएमडीडी के खिलाफ यह शारीरिक लक्षण शायद आपके शरीर से मदद चाहतें हैं
मुँहासे
पीठ का दर्द
सूजन
स्तन की सूजन और टेंडरनेस
कब्ज, दस्त, मतली या उल्टी सहित गैस संबंधी समस्याएं
पेट में ऐंठन
चक्कर आना, सिरदर्द
दिल की घबराहट
भूख में परिवर्तन
जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द
मांसपेशियों की ऐंठन
दर्दनाक मासिक-धर्म
सेक्स ड्राइव में कमी
उग्रता या घबराहट
गुस्सा
डिप्रेशन
दु:ख की घडि़यां
नियंत्रण से बाहर महसूस करना
विस्मृति
गतिविधियों और संबंधों में अरुचि
चिड़चिड़ापन
मूड पर निर्भर
घबराहट के दौरे/ व्यामोह
उदासी
आत्महत्या के विचार
वह कहती हैं, “नियमित रूप से व्यायाम करना और उच्च फाइबर युक्त फल और सब्जी सहित स्वस्थ आहार का सेवन करना कुछ हद तक पीएमडीडी के लक्षणों को कम कर सकता है,”।
वह कहती हैं, ” मन को विश्राम देने की तकनीक और योग का अभ्यास करने से दर्द में काफी राहत मिलती है। ”
पीएमडीडी के लक्षण इतने तीव्र होतें हैं कि आप खुद को आघात पंहुचा सकती हैं। इससे निपटने में आप खुद सक्षम नहीं हो सकती । इसलिए डॉक्टर की सलाह लें, वह हार्मोनल गोलियां, एंटी-डिप्रेसेंट और फोलिक एसिड, कैल्शियम और विटामिन जैसे आहार की खुराक के रूप में आपका बेहतर उपचार कर सकता है।