Postpartum Infection : डिलीवरी के बाद सबसे ज्यादा होता है इंफेक्शन का खतरा, जानिए कैसे करना है बचाव

चाइल्ड बर्थ के बाद वेजाइना अधिक संवेदनशील हो जाती है, और इसके संक्रमित होने का खतरा भी बढ़ जाता है। चाहे डिलीवरी नॉर्मल हो या सिजेरियन प्रेगनेंसी के बाद वेजाइना में कई सारे बदलाव आते हैं।
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नार्मल वेजाइनल pH 3.8 से 5.0 के बीच होता है मेन्टेन करना जरुरी है। चित्र : एडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 30 Dec 2023, 20:00 pm IST
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वेजाइनल इन्फेक्शन काफी इरिटेटिंग और पेनफुल हो सकता है। योनि हमारे शरीर का एक बेहद संवेदनशील अंग है, वहीं छोटी सी लापरवाही भी इसे संक्रमण का शिकार बना सकती है। चाइल्ड बर्थ के बाद वेजाइना अधिक संवेदनशील हो जाती है, और इसके संक्रमित होने का खतरा भी बढ़ जाता है। चाहे डिलीवरी नॉर्मल हो या सिजेरियन प्रेगनेंसी के बाद वेजाइना में कई सारे बदलाव आते हैं। ऐसे में नियमित दोनों की तुलना में वेजाइना को अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है, ताकि इसे संक्रमित होने से बचाया जा सके।

पोस्टपार्टम इन्फेक्शन (Postpartum Infection) को ट्रीट करने से जुड़ी जरूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए, हेल्थ शॉर्ट्स ने मदरहुड हॉस्पिटल, इंदिरा नगर बैंगलोर की कंसलटेंट ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ आशा से बात की। डॉक्टर ने पोस्टपार्टम इन्फेक्शन (Postpartum Infection) से संबंधित कुछ जरूरी जानकारी दी है। तो चलिए जानते हैं, इस विषय पर अधिक विस्तार से।

पहले समझें क्या है पोस्टपार्टम इंफेक्शन (Postpartum Infection)

पोस्टपार्टम इंफेक्शन की स्थिति में बैक्टीरिया और वायरस यूट्रस, ब्रेस्ट, वेजाइना और ब्लैडर को प्रभावित कर सकते हैं। इस स्थिति में सबसे अधिक खतरा वेजाइना को होता है। वहीं यदि पोस्टपार्टम इन्फेक्शन के प्रकार की बात करें तो इनमें शामिल है, एंडोमेट्राइटिस, प्यूरपेरल मस्तिटिस, यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन, पेरेन्नियल इन्फेक्शन आदि।

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इंटिमेट हायजीन का ख्याल रखने से गैस्ट्रोएंटेराइटिस, सर्दी-जुकाम, फ्लू और कोविड-19 संक्रमण से बचाव में मदद मिलती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

जानें क्या है पोस्टपार्टम इंफेक्शन का कारण

पोस्टपार्टम इंफेक्शन का सामना बहुत सी महिलाओं को करना पड़ता है। इस दौरान वेजाइना के बैक्टीरिया और जर्म्स के संपर्क में आने का खतरा बहुत अधिक होता है और वेजाइना के संवेदनशील होने की वजह से हानिकारक बैक्टीरिया आसानी से उसे प्रभावित कर सकते हैं। चलिए जानते हैं, पोस्टपार्टम इन्फेक्शन के कुछ ऐसे ही कारण।

प्रोलॉन्ग लेबर
बैक्टीरियल वेजीनोसिस
सिजेरियन डिलीवरी
एनीमिया
डायबिटीज
प्रीमेच्योर रेपचर मेम्ब्रेन
डिलीवरी प्रोसेस के दौरान बार-बार सर्वाइकल एग्जामिनेशन होना
डिलीवरी के फौरन बाद वेजाइना की साफ-सफाई के प्रति बरती गई लापरवाही

यहां हैं पोस्टपार्टम इन्फेक्शन के सामान्य लक्षण

वेजाइनल डिस्चार्ज में ब्लड आना
वेजाइना से गंध आना
डिलीवरी के बाद खून न आना या अधिक खून आना समस्या का संकेत है
बार-बार वॉमिटिंग होना
गर्म और सुस्त होना
सांस लेने में परेशानी आना
वेजाइना में खुजली होना
फ्लू जैसे लक्षण नजर आना जैसे कि हाई फीवर
यूट्रस का बड़ा होना या उसमें सूजन आना
दोनों ब्रेस्ट में दर्द महसूस होना
यूरिन पास करने में परेशानी आना

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प्रेगनेंसी में वेजाइना को सफर करना पड़ सकता है. चित्र : एडॉबीस्टॉक

अब जानें पोस्टपार्टम इंफेक्शन होने पर क्या किया जा सकता है

पोस्टपार्टम इन्फेक्शन का पता लगने पर फौरन इन्हें प्रीवेंट करने और उनके ट्रीटमेंट पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। ट्रीटमेंट में देरी होने से इनके लक्षण और ज्यादा गंभीर हो सकते हैं। इसलिए सही समय पर उचित देखभाल जरूरी है। चलिए जानते हैं, कैसे करना है बचाव।

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1. पोस्ट डिलीवरी हाइजीन और साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। खासकर वेजाइना और एनस के आसपास के हिस्सों को ठीक तरह से साफ करना जरूरी है।

2. पेरिनियल एरिया को छूने से पहले अपने हाथ को अच्छी तरह से साफ करना बेहद महत्वपूर्ण है, अन्यथा संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

3. पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखने की कोशिश करें। इससे ब्लैडर और वेजाइनल इन्फेक्शन का खतरा कम हो जाता है, क्योंकि पानी शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकाल देते हैं, साथ ही संक्रमण फैलाने वाले वायरस और बैक्टीरिया भी बाहर निकल आते हैं।

4. डिलीवरी के बाद ढीले ढाले कॉटन के अंडरवियर सहित ढीले डाले सूती पजामे पहने। इस दौरान वेजाइना अधिक संवेदनशील हो जाती है और यह आसानी से संक्रमित हो सकती है। इसलिए इन पर पसीना जमा न होने दें, ताकि बैक्टीरिया और वायरस अट्रैक्ट हो सके।

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आपकी छोटी सी भी लापरवाही बैक्टीरिया और वायरस को अट्रैक्ट कर सकती है। चित्र:शटरस्टॉक

5. डिलीवरी के बाद सेक्सुअल एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करने से पहले खुद को पूरी तरह से हिल होने का समय दें। कम से कम खुद को 6 हफ्तों का समय दे, उसके बाद डॉक्टर से मिले और उनसे इस विषय पर सलाह ले।

6. पोस्टपार्टम ब्लीडिंग की स्थिति में पैड का इस्तेमाल करें। इस दौरान यदि इन्फेक्शन को अवॉइड करना है, तो टैम्पोन और मेंस्ट्रूअल कप जैसी चीजों का इस्तेमाल न करें।

7. इंफेक्शन की स्थिति में डॉक्टर एंटीबायोटिक प्रिसक्राइब करते हैं। हालांकि, आपको खुद से इन्हें नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह ब्रेस्टफीडिंग मोटर्स के लिए खतरनाक हो सकता है।

8. डिलीवरी के बाद वेजाइना को क्लीन करने के लिए किसी भी प्रकार के वेजाइनल वॉश, वेजाइनल शैंपू, स्प्रे आदि का इस्तेमाल न करें। वेजाइना एक सेल्फ क्लींजिंग ऑर्गन है, ऐसा करने से आपका pH लेवल प्रभावित होता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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