Postnatal Care: डिलीवरी के 6 सप्ताह बाद तक जरूरी है खुद पर ध्यान देना, ये 4 एक्सपर्ट कर सकते हैं आपकी मदद

प्रसव के बाद मां और बच्चे की देखभाल बहुत जरूरी है। यह पोस्ट नेटल केयर कहलाता है। इसके अंतर्गत हेल्थ एक्सपर्ट और अन्य हेल्थकेयर प्रोफेशनल के केयर और एडवाइस लेना भी आता है। यह पोस्ट नेटल विजिट्स कहलाता है। आइये जानते हैं प्रसव के बाद क्यों जरूरी है पोस्ट नेटल विजिट्स।
post delivery ke baad kaise rakhe apna khayal
प्रसव के बाद देखभाल का तात्पर्य जन्म से लेकर 6 सप्ताह तक मां और बच्चे से संबंधित मुद्दों से है। चित्र- अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 16 Feb 2024, 08:00 pm IST
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मेडिकली रिव्यूड

चाइल्ड बर्थ के बाद मां की देखभाल बहुत जरूरी है। प्रसव के बाद उनकी देखभाल ठीक उसी तरह होनी चाहिए, जो महिला को गर्भावस्था, प्रसव और जन्म के दौरान मिली है। इसमें महिला की व्यक्तिगत जरूरतों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए। प्रसवोत्तर अवधि या प्री नेटल पीरियड एक खास समय होता है, जब महिलाएं मातृत्व परिवर्तन से गुजरती हैं। इस दौरान डॉक्टर के पास जाना यानी प्री नेटल विजिट भी जरूरी है। प्री नेटल विजिट के दौरान महिलाएं शारीरिक के साथ-साथ मानसिक समस्याओं का भी निदान पाती हैं। इसके बारे में सभी महिलाओं को जानकारी होनी चाहिए। प्री नेटल विजिट (Postnatal Care) के बारे में जानने से पहले जानें क्या है पोस्ट नेटल पीरियड?

पोस्ट नेटल पीरियड या प्रसवोत्तर अवधि (Postnatal Period)

बच्चे के जन्म के बाद पहले 6-8 सप्ताह को पोस्ट नेटल पीरियड या प्रसवोत्तर अवधि के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। इसका उद्देश्य प्रसव के बाद मां के लिए एक हेल्पफुल वातावरण (Postnatal Care) बनाना होता है। इसमें परिवार के साथ-साथ मां और बच्चे की केयर करने के लिए हेल्थ प्रोफेशनल के सलाह की भी जरूरत पड़ती है। इसके तहत किसी भी तरह की शारीरिक, भावनात्मक, सामाजिक या मनोवैज्ञानिक कॉम्प्लिकेशन होने पर तुरंत उपचार की व्यवस्था की जाती है।

क्या है पोस्ट नेटल विजिट्स (Postnatal Visits)

पोस्ट नेटल विजिट्स पोस्ट नेटल केयर के अंतर्गत आती है। यह शिशु के जन्म के बाद की अवधि में होती है। प्रसव के बाद देखभाल का तात्पर्य जन्म से लेकर 6 सप्ताह तक मां और बच्चे से संबंधित मुद्दों से है। इसमें महिला और उसके बच्चे की नियमित क्लिनिकल टेस्ट और निगरानी (clinical examination and observation ) शामिल है। प्रसव के बाद देखभाल के लिए बच्चे के साथ अपने नजदीकी क्लिनिक ( पोस्ट नेटल विजिट्स) पर जाना चाहिए।

कब करें पोस्ट नेटल विजिट (When to do post Natal Visits)

इन दिनों ज्यादातर डिलीवरी हॉस्पिटल्स या क्लिनिक में होती है। यदि किसी कारणवश बच्चे का जन्म घर पर हुआ है, तो डॉक्टर के साथ पहला पोस्टनेटल कांटेक्ट जन्म के 24 घंटों के भीतर हो जाना चाहिए। सभी मांओं और नवजात शिशुओं के लिए कम से कम तीन एक्स्ट्रा पोस्टनेटल कॉन्टैक्ट की सिफारिश की जाती है। तीसरे दिन (48-72 घंटे), जन्म के बाद 7-14 दिनों के बीच और जन्म के छह सप्ताह बाद डॉक्टर के यहां जरूर विजिट करना चाहिए।

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पोस्टनेटल कांटेक्ट जन्म के 24 घंटों के भीतर हो जाना चाहिए। चित्र : शटरस्टॉक

पोस्टनेटल केयर (Postnatal Care)

पोस्ट नेटल विजिट्स में प्रसव के बाद डॉक्टर और हेल्थकेयर एक्सपर्ट द्वारा पूरी देखभाल की जाती है, जो पोस्टनेटल केयर कहलाती है। प्रसव के बाद महिला को ब्लीडिंग या फिर एनीमिया जैसी समस्या भी हुई है, इसका आकलन किया जाता है।

किसी प्रकार के संक्रमण को मॉनिटर करना और उसके उपचार की व्यवस्था की जाती है। यह देखभाल किसी भी प्रकार के सेक्सुअली ट्रांसमिट डिजीज से पीड़ित महिला के प्रति बढ़ जाती है। कुछ महिलाओं में प्रसवोत्तर अवसाद भी देखा जाता है। उसकी पहचान कर उसका प्रबंधन करना प्रमुख है। साथ ही, स्तनपान और जरूरी पोषण के लिए भी मदद दी जाती है।

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पोस्ट नेटल केयर में आपको इन विशेषज्ञों से करना चाहिए परामर्श (Experts for post natal care)

डिलिवरी के बाद प्रीवेंशन, एलिमिनेशन, हेल्थ कॉम्प्लिकेशन (health complications ) का अर्ली डिटेक्शन बहुत जरूरी है। प्रसव के बाद किसी महिला को ब्रेस्टफीडिंग, मेन्टल हेल्थ या अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

1 वेजाइनल या सेक्स संबंधी समस्याओं के लिए

स्त्री रोग विशेषज्ञ ब्रेस्टफीडिंग, दो बच्चे के जन्म के बीच क्यों अंतर (birth spacing) जरूरी है और डिलीवरी के बाद क्यों सेक्स नहीं करना चाहिए, इसके बारे में बताती हैं।

2 टीकाकरण ( immunization)

बच्चे को होने वाली स्वास्थ्य समस्या, टीकाकरण (postnatal visits) के बारे में बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatrics) बताता है।

3 उदासी, निराशा आदि होने पर

पोस्टपार्टम डिप्रेशन से निपटने के लिए साइकोलॉजिस्ट सायको थेरेपी के जरिये महिला को सहायता प्रदान करते हैं।

4 आहार के संंबंध में

पोस्ट नेटल विजिट (Postnatal Care) के अंतर्गत डायटीशियन या न्यूट्रिसनिष्ट मां के साथ मैटरनल न्यूट्रिशन के महत्व पर इंटरैक्टिव सेशन आयोजित कर सकती हैं।

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न्यूट्रिसनिष्ट मां के साथ मैटरनल न्यूट्रिशन के महत्व पर इंटरैक्टिव सेशन आयोजित कर सकती हैं। चित्र : अडॉबी स्टॉक

5 पोस्टनेटल एक्सरसाइज (Postnatal Care)

इस दौरान फिटनेस विशेषज्ञ प्रसव के बाद (Postnatal Care) किये जाने वाले व्यायाम के बारे में भी जानकारी देते हैं। वे प्रसव के बाद पहले कुछ सप्ताह तक वाकिंग, पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज, डीप एब्डॉमिनल या कोर ट्रेनिंग के बारे में भी बताते हैं।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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