बिना प्लैजर के सेक्स अधूरा है। ऐसे में प्लैजर की कमी के चलते कपल्स में एक गैप आने लगता है। देखते ही देखते प्लैजर गैप अक्सर रिश्तों में दूरी बढ़ाने का काम करता है। इससे महिलाओं की सेक्सुअल लाइफ काफी हद तक प्रभावित होती हैं। दरअसल, अपनी सेक्सुअल लाइफ को स्पाइस अप करने के लिए कपल्स कई तरीके अपनाते हैं। आइए जानते हैं, सेक्स कंटेंट क्रिएटर लीज़ा मंगलदास से कि आप अपने पार्टनर को प्लेज़र गैप (Bridge pleasure gap) के बारे में कैसे बता सकती हैं। लीज़ा इसके साथ ही बेहतर ऑर्गेज़्म (tips for female orgasm) के लिए कुछ टिप्स भी दे रहीं हैं।
इस बारे में बातचीत करते हुए सेक्सुएलिटी कोच डॉ पल्लवी बर्नवाल का कहना है कि हेटेरोसेक्सयुअल कपल्स में महिलाओं और पुरुषों के बीच काफ़ी बड़ा प्लेजर गैप है। दरअसल, दोनो का अराउज़ल और ऑर्गॅज़म अलग अलग तरीके से होता है। एक महिला का टाइम टू ऑर्गॅज़म कम से कम 20 मिनिट का होता है वही पुरुष को 3 से 5 मिनिट लगते हैं। आफ्टर अराउज़ल इस गैप को प्लेजर गॅप कहते हैं। इसको मिटाने के लिए सबसे पहले आपको समझना होगा लासटिंग लॉन्गर। इसका मतलब आप कितनी देर में अपनी पार्टनर को आनंदमय टच दे सकते है बिना इंटरकोर्स के। महिलाओं को इस मूमेंट को एंजॉय करना चाहिए।
इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ अंकिता घरगे का मानना है कि हमारी सोसायटी में कहीं न कहीं ऐसा पाया जाता है कि महिलाएं पुरूषों की तुलना में कम सेक्सुअल प्लैज़र फील करती है। ऑर्गेज्म गैप हमारी सोसायटी में इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि उस दौरान महिलाओं को प्लैज़र देने की ओर फोकस नहीं किया जाता है। महिलाएं भी अपने आनंद के बारे में बात करने से झिझकती हैं। इसे सोशल कंडीशनिंग का भी हिस्सा कहा जा सकता है और सेक्स के बारे में मौजूद सोशल टैबू भी।
दक्षिण फ्लोरिडा सेंट पीटर्सबर्ग युनिवर्सिटी की सेक्स एजुकेटर विक्टोरिया बेल्ट्रान का कहना है कि प्लैजर गैप के यूं तो कई कारण होते है। इनके मुताबिक पोर्न में आमतौर पर सिर्फ मेल सेक्स को दिखाया गया है। वहीं महिलाओं में इसमें भागीदारी की जगह हिंसा का शिकार ही दिखाया जाता है। ये बात इस ओर भी इशारा करती है कि एक पुरूष सेक्स के दौरान अपनी पार्टनर को किस तरह से देखते हैं।
सेक्स एजुकेटर लीज़ा मंगलदास के मुताबिक एक दूसरे से बात करें और समस्या की तह तक जाएं। उनके मुताबिक चाहे आप पहली बार सेक्स कर रही हैं या सौवीं बार, अगर आप प्लैजर हासिल नहीं कर पा रहे हैं, तो अपने पार्टनर से खुलकर बात करें। विचार करें कि आप किस प्रकार से इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। उन मूव्स और पोज़िशन्स को डिस्कस करें, जिनमें आप एजॉय कर सकते हैं।
इस बात को बताएं कि आपको कहां छुआ जाना अच्छा लगता है और कहां नहीं अच्छा लगता है। इससे आपके रिश्तों में मज़बूती आने लगेगी। साथ ही रिश्ते में प्लैजर वापिस आने लगेगा। आपकी पसंद और नापसंद को जानने के बाद रिश्तों में प्लेजर बढ़ने लगता है, जो यौन संतुष्टि का कारक साबित होता है।
रिसर्च के मुताबिक ऑर्गेज्म का प्रभाव महिलाओं के प्लेजर, सेक्स सेटिसफेक्शन और जनरल वेलनेस पर पड़ता है। हांलाकि महिलाएं इसे इग्नोर कर देती हैं। टेलर एंड फ्रासिंस के एक रिसर्च के मुताबिक अधिकतर महिलाएं अपने पार्टन्र के साथ सेक्स के मुकाबले मास्टरबेशन के ज़रिए ऑर्गेज़्म की प्राप्ति का अनुभव करती हैं। इसी प्रकार के महिलाओं को अपनी इच्छाओं का ख्याल रखना चाहिए, ताकि वे भी इस समय का एंजाय कर सके।
जब दो लोग सेक्स करते है, तो प्लैजर का अधिकार भी दोनों को ही मिलना चाहिए। जब कि आंकड़े इससे बिल्कुल उलट है। फोर्बस के मुताबिक प्लैज़र गैप को जेंडर्स के बीच असमानता के रूप में परिभाषित किया जाता है। रिसर्च में पाया गया है कि 39 फीसदी महिलाएं सेक्स के दौरान नियमित रूप से संभोग करती हैं और वहीं पुरूषों की तादाद 91 फीसदी है। महिलाओं में यौन गतिविधि के दौरान कम संतुष्टि पाई गई।
सेक्स कांटेंट क्रिएटर लीज़ा मंगलदास मानती हैं कि कपल्स को एक दूसरे की समस्याओं को समझना चाहिए और उन्हें सपोर्ट करना चाहिए। एक दूसरे की जिज्ञासाओं, इच्छाओं और चाहतों को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए। अगर आपके मध्य कोई व्यक्तिगत समस्या है, तो उसे सेक्स के दौरान अपने मध्य न आने दें। उसे अलग बैठकर सुलझाएं। अगर आप इस तरह के मतभेदों को अपने रिश्ते का हिस्सा बनाएंगे, तो आपके बीच प्लैजर गैप दिनों दिन बढ़ने लगेगा।