सभी अंगों की तरह योनि का भी स्वस्थ रहना जरूरी है। जिस तरह हमारे खानपान का शरीर के दूसरे अंगों पर प्रभाव पड़ता है, उसी तरह इसका योनि पर भी प्रभाव पड़ता है। प्लांट बेस्ड फ़ूड (plant based food) यानी वीगन डाइट(vegan diet) वेजाइनल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद (plant based food for vaginal health) है। यह हॉर्मोन को संतुलित रखता है, पीएच बैलेंस करने के साथ ही योनि को हाइड्रेट रखता है। प्लांट बेस्ड फूड यानी फल और सब्जियां न केवल योनि क्षेत्र, बल्कि उसके आसपास, गर्भाशय ग्रीवा और पूरे प्रजनन तंत्र को सही रखने में मदद करते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं यह यूटीआई (urinary tract infection), योनि से बदबूदार, गाढ़ा फ्लूइड या अत्यधिक स्राव, क्रैम्प, ड्राईनेस, पेनफुल सेक्स जैसी समस्याओं से ये बचाव करते हैं।
इन्फेकशियस डिजीज जर्नल में कनाडाई शोधकर्ता सारा क्रीबी के शोध बताते हैं कि हम अक्सर प्रोसेस्ड फूड खाते रहते हैं। इससे हम अपने शरीर को कार्ब्स, स्टार्च और कैलोरी से भर लेते हैं। इससे शरीर में अत्यधिक वसा का निर्माण होता है। इससे हमारी कोशिकाएं और धमनियां प्रभावित हो जाती हैं। जिससे हार्मोन सीकरेशन भी बाधित हो जाता है।
जबकि प्लांट बेस्ड फूड ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर कोशिकाओं और धमनियों में भी ब्लड फ्लो को सुचारू बनाने में मदद करता है। इससे योनि क्षेत्र में भी सही तरीके से ब्लड फ्लो हो पाता है। इससे कई समस्याएं दूर हो जाती हैं और लिबिडो भी बढ़ता है।
जर्नल ऑफ़ एप्लाइड माइक्रो बायोलोजी में प्रकाशित जी अल गजवी की स्टडी के अनुसार, जब हम बहुत अधिक जंक या प्रोसेस्ड फूड लेते हैं, तो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हो सकती है। कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण शरीर में चीनी पर फीड करने वाला बैक्टीरिया ग्रो कर जाता है। इससे डिस्बिओसिस (dysbiosis) हो जाता है। इससे आंतों में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया में असंतुलन हो जाता है।
हमारी योनि में भी गुड और बैड बैक्टीरिया होते हैं। इसे माइक्रोबायम के रूप में जाना जाता है। प्लांट बेस्ड फूड खुद से साफ़-सफाई करने में योनि की मदद करते हैं। जब डिस्बिओसिस होता है, तो प्लांट बेस्ड फूड असंतुलन को खत्म कर किसी भी प्रकार के संक्रमण से योनि को बचाए रखते हैं।
ज्यादातर एनिमल बेस्ड फ़ूड एंटीबायोटिक्स और आर्टिफिशियल हार्मोन के उपयोग से तैयार होते हैं। खाने के बाद एंटीबायोटिक्स और आर्टिफिशियल हार्मोन भी हमारे शरीर में चले आते हैं। इससे हार्मोनल हेल्थ के प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है। इससे सेक्स हॉर्मोन एस्ट्रोजेन भी अवरुद्ध हो सकता है और संक्रमण का जोखिम बन जाता है।
शरीर में मौजूद एंटीबायोटिक्स यूटीआई होने पर बाहरी दवाओं के प्रभाव को निष्क्रिय कर सकते हैं। यह गुड बैक्टीरिया में भी कमी ला सकता है। वहीं प्लांट बेस्ड फूड गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देकर माइक्रोबायोम को संतुलित करने में मदद करते हैं। जबकि प्लांट बेस्ड फूड सूजन को कंट्रोल करते हैं। इनसे बॉडी में फैट का एकुमुलेशन नहीं हो पाता है।
इससे पुरानी बीमारियों और संक्रमण के जोखिम को घटाया जा सकता है। जिससे यह योनि स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होता है।
योनि स्वास्थ्य के लिए विटामिन ए जरूरी है। इसके लिए हरे पत्तेदार साग, शकरकंद, गाजर, चुकन्दर और अनार खाएं।
विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां जैसे- अनानास, शिमला मिर्च, स्ट्रॉबेरी, एवोकाडो, अखरोट, बीन्स का सेवन बढ़ा दें। इसके माध्यम से शरीर में स्वस्थ वसा जा पाएगी।
ओमेगा 3 फैटी एसिड के लिए अलसी, चिया सीड्स, पम्पकिन सीड्स आदि का प्रयोग करें।
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