देवोत्थान एकादशी के साथ ही देश के एक बड़े भाग में शादियों का सीजन शुरू हो जाता है। हालांकि मिलेनियल्स के लिए शादी का कोई सीजन नहीं होता। उन्हें सीज़न और रिवाजों (rituals) से ज्यादा जरूरत होती है एक ऐसे पार्टनर की जो उनकी भावनाओं को समझें और उनके विचारों का सम्मान करे। हालांकि भारतीय परिवारों में जब शादी की बात आती है, तो हर चीज़ पर बहुत ध्यान दिया जाता है, खासकर लड़का – लड़की, उनकी एडुकेशन, परिवार के स्टेटस और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी पर। भविष्य में भी किसी तरह की तकलीफ न हो, इसके लिए कुछ लोग कुंडली मिलाना भी नहीं भूलते।
जबकि हेल्दी और हैप्पी मैरिड लाइफ के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है दोनों की सेहत का अच्छा होना। इसलिए प्रीमेरिटल चेकअप (premarital test) अथवा टेस्ट करवाना अब जरूरी हो गया है। यहां हम उन 5 टेस्ट के बारे में बता रहे हैं जो आपके सुखी दांपत्य जीवन (married life) को सुनिश्चित कर सकते हैं।
किसी भी व्यक्ति की असली संपत्ति उसकी सेहत ही होती है। हमारा कहने का मतलब है कि जब दो लोग शादी के बंधन में बंधते हैं तो उनका इंटीमेट (intimate)होना लाज़मी है। ऐसे में यदि दोनों पार्टनर पहले से सेक्सुअली एक्टिव हैं तो उनके एचआईवी, एड्स, किसी प्रकार का इन्फेक्शन (infection), एसटीआई (STI) , कोई सेक्सुअल डिसऑर्डर (Sexual Disorder) होने की संभावना भी हो सकती है। इसके अलावा भी दोनों पार्टनर कितने हेल्दी हैं उसका पता लगाने के लिए शादी से पहले कुछ टेस्ट करवा लेने ज़रूरी है।
कई बार शरीर के अंदर किस तरह का इन्फेक्शन पनप रहा है इसका पता नहीं चल पाता है, क्योंकि शरीर किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं दिखाता है। इसलिए, हेल्थ का सही स्टेटस जानने के लिए शादी से पहले कुछ टेस्ट करवाना बेहतर है। आखिर आपको उनके साथ पूरा जीवन बिताना है।
असल में फर्टिलिटी टेस्ट अंडाशय (ovary) के स्वास्थ्य और शुक्राणुओं की संख्या जानने के लिए डिज़ाइन किया गया है। चूंकि इनफर्टिलिटी के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं, इसलिए यदि आप भविष्य में बेबी प्लैन कर रही हैं या यहां तक कि एक नॉर्मल और हेल्दी सेक्स लाइफ बिताना चाहती हैं, तो यह टेस्ट करवाना महत्वपूर्ण है। इस टेस्ट की मदद से दोनों पार्टनर्स को आगे चलकर फैमिली प्लान करने में सुविधा होगी।
कुछ जेनेटिक्स कंडीशन (genetic condition) काफी आसानी से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर हो सकती हैं। इसलिए, बहुत देर होने से पहले इस तरह कि चिकित्सा स्थितियों के लिए टेस्ट करवाना महत्वपूर्ण है। जेनेटिक्स कंडीशन्स में स्तन कैंसर, पेट के कैंसर, गुर्दे के रोग और मधुमेह शामिल हैं। समय पर निदान इन चिकित्सीय स्थितियों के जोखिम को कम करने में हमारी मदद कर सकता है।
हालांकि यह बहुत महत्वपूर्ण टेस्ट नहीं है, लेकिन यदि आप एक अच्छी मैरिड लाइफ बिताना चाहती हैं, तो यह आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। आपके और आपके पार्टनर के ब्लड ग्रुप का कम्पैटेबिलिटी टेस्ट जरूर करवाएं।
क्लीवलैंड क्लीनिक के अनुसार यदि आपका ब्लड ग्रुप एक-दूसरे के अनुकूल नहीं है, तो यह गर्भावस्था के दौरान कॉम्पलिकेशन्स पैदा कर सकता है। यह बच्चे के लिए घातक हो सकता है क्योंकि यह एक ऐसी स्थिति है जहां गर्भवती महिला के ब्लड के एंटीबॉडी उसके बच्चे के ब्लड ग्रुप को नष्ट कर देते हैं।
लोगों के लिए शादी से पहले सेक्सुअल रिलेशन बनाना आम बात है। इसलिए दोनों पार्टनर के लिए यौन संचारित रोगों का टेस्ट करवाना एक अच्छा विचार है। इन बीमारियों में एचआईवी/एड्स, गोनोरिया, दाद, सिफलिस और हेपेटाइटिस सी शामिल हैं। चूंकि इनमें से कुछ स्थितियां जीवन के लिए घातक हैं और हमेशा रह सकती हैं, इसलिए एसटीडी टेस्ट करवाना जरूरी है।
यदि आपके पार्टनर की टेस्ट रिपोर्ट पॉज़िटिव आती है, तो यह आपको भविष्य में होने वाले मेंटल ट्रॉमा से बचा सकता है और आपको यह क्लियर कर सकता है कि आप शादी करना चाहते हैं या नहीं।
यह एक प्रकार का ब्लड डिसऑर्डर है, जिसकी वजह से व्यक्ति के शरीर में नॉर्मल से कम मात्रा में हीमोग्लोबिन बनता है। इसकी वजह से किसी को भी हमेशा अनीमिया यानी खून की कमी हो सकती है, साथ ही, उसे हमेशा थकान हो सकती है।
थैलेसीमिया के लिए ब्लड टेस्ट करवाना इसलिए ज़रूरी है ताकि माता – पिता आने वाले बच्चे के लिए थैलेसीमिया कैरियर न बन सकें। यह एक तरह की जेनेटिक समस्या है, जिससे आप अपने बच्चों को पहले ही बचा सकती हैं।
शादी के बाद आपको रिश्ते में हर तरह से इन्वेस्ट करना होता है, फिर चाहे वो फिजिकली हो या मेंटली। इसलिए आपके पार्टनर एक नए रिश्ते को निभाने के लिए इमोशनी फिट हैं या नहीं आपको इसकी भी जांच करनी चाहिए। अपने और अपने साथ दोनों की मेंटल हेल्थ का ख्याल रखने के लिए शादी से पहले एक मेंटल हेल्थ चेकप जरूरी है।
इन सभी टेस्ट को करवाने के लिए किसी अच्छे हेल्थ एक्सपर्ट से जाकर मिलें।
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