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खराब आदतें बन सकती हैं पाइल्स का कारण, एक्सपर्ट बता रहे हैं इस दर्दनाक समस्या का उपचार

डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक नहीं रहने पर हमें कब्ज हो जाता है और कब्ज के कारण पाइल्स। पाइल्स को लेज़र तकनीक की मदद से मिनटों में ठीक किया जा सकता है। यहां हैं एक्सपर्ट के बताये टिप्स।
Published On: 27 Nov 2022, 08:00 pm IST
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piles ko door karne me kai upay kiye ja sakte hain.
पानी कम पीने या डीहाइड्रेशन की समस्या भी पाइल्स की तकलीफ को बढ़ा देती है। चित्र शटरस्टॉक

यदि हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक नहीं होता है, तो हमें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें से एक है पाइल्स की समस्या। इसके ज्यादातर मामलों में व्यक्ति का बोवेल मूवमेंट सही नहीं होता है। पाइल्स होने के क्या कारण और लक्षण हैं और इसके इलाज की क्या संभावनाएं हैं, इस पर प्रिस्टीन केयर के एमबीबीएस, एमएस- जनरल सर्जरी और डिप्लोमा इन लैपरोस्कोपी डॉ. संजीत नायर ने विस्तार से बताया।

क्यों होता है पाइल्स (cause of piles)

डॉ. संजीत नायर बताते हैं, ‘एनोरेक्टल क्षेत्र में खून की नलिकाओं में सूजन(inflammation) के कारण पाइल्स होते हैं। ये अंदरूनी और बाहरी या दोनों हो सकते हैं। पाइल्स मुख्यतः एनस के नसों पर दबाव बढ़ने के कारण होते हैं। लंबे समय तक कब्ज बने रहने या फिर मल त्याग के दौरान ज्यादा ताकत लगाने के कारण पाइल्स या बवासीर हो सकता है। यह हर आयु वर्ग के लिए एक आम समस्या है। यह समस्या महिला और पुरुष दोनों को प्रभावित करती है। पाइल्स के निदान के लिए क्लिनिकल इतिहास की जरूरत होती है। इसके आम लक्षण खुजली, दर्द, बेचैनी, आंतों के कार्य में विकार और रक्तस्राव हैं। इसके लिए लेबोरेटरी जांच की जरूरत नहीं होती। मरीजों को प्रोक्टोस्कोपी या सिग्मोइडोस्कोपी कराने का सुझाव दिया जाता है।’’

पाइल्स होने पर गुदा के क्षेत्र में अत्यधिक पीड़ा और  रक्तस्राव

जिन लोगों को अक्सर कब्ज की शिकायत रहती है, या आंतों के कार्य में लंबे समय तक विकार रहता है, उन्हें पाइल्स होने की संभावना ज्यादा होती है। भारी वजन उठाने, कम फाइबर वाला आहार लेने, गर्म और मिर्च मसाला युक्त भोजन करने, मोटापा, लंबे समय तक बैठे रहने और मल त्याग करते वक्त ज्यादा ताकत लगाने के कारण भी यह होता है। पाइल्स होने पर गुदा के क्षेत्र में अत्यधिक पीड़ा, रक्तस्राव, सूजन और खुजली हो सकती हैं।

पाइल्स से पीड़ित लोग रोज लें फाइबर युक्त आहार, सब्जियां, साबुत अनाज और फल (People suffering from piles should take fibre rich diet, vegetables, whole grains and fruits daily)

पाइल्स के इलाज में आहार की महत्वपूर्ण भूमिका है। फाइबर, हरी सब्जियों, फलों और पानी का सेवन कम मात्रा में करने और तेलयुक्त एवं तला हुआ आहार लेने से आहार में असंतुलन पैदा होता है। इससे पाचन प्रक्रिया बिगड़ जाती है। कम पानी पीने के कारण भी कब्ज बढ़ता है। कॉफी भी इसका एक कारण हो सकता है, क्योंकि बहुत ज्यादा कॉफी पीने से आंतों का कार्य प्रभावित होता है और पाइल्स बढ़ जाते हैं। हमें अपने आहार को संतुलित रखना चाहिए। नियमित तौर से फाइबरयुक्त आहार, जैसे सब्जियां, साबुत अनाज और फल खाने चाहिए और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।

लेज़र से कुछ मिनटों में हो जाता है इलाज (Laser treatment is done in a few minutes)

पाइल्स होने पर ज्यादातर लोग इलाज के लिए घरेलू नुस्खों पर निर्भर रहते हैं। इससे स्थायी आराम नहीं मिल पाता। इससे केवल कुछ देर तक दर्द और बेचैनी से राहत मिलती है। लेजर जैसी नई सर्जिकल तकनीक पाइल्स का इलाज एक दिन में कर देती है। पाइल्स या बवासीर के लिए लेजर सर्जरी में पाइल्स को जलाने और सिकोड़ने के लिए एक लेजर बीम का उपयोग किया जाता है। इसमें लाइट को ऊतकों पर केंद्रित कर ब्लड फ्लो को बाधित किया जाता है। इससे टिश्यू गिर जाता है। पूरे दिन की बजाय 15-20 मिनट में लेजर सर्जरी की मदद से पाइल्स का इलाज हो जाता है। सर्जरी हो जाने के बाद मरीज उसी दिन अपने घर वापस जा सकता है।

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बबसीर में नियमित तौर से फाइबरयुक्त आहार, जैसे सब्जियां, साबुत अनाज और फल खाने चाहिए और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। चित्र:शटरस्टॉक

यहां हैं लेजर सर्जरी के कारण मिलने वाले फायदे (Laser treatment is done in a few minutes)

स्फिंक्टर पेशियों और गुदा की एनाटॉमिकल संरचना को कोई क्षति नहीं पहुंचती है।

पाइल्स हटाने के लिए किसी बाहरी पदार्थ का इस्तेमाल नहीं होता।
ओपन (पारंपरिक) सर्जरी के मुकाबले इसे पूरा होने में कम समय लगता है।
इसमें कोई चीरा या सिलाई नहीं लगाना पड़ता है ।
दाग या घाव नहीं होते।
संक्रमण का कोई जोखिम नहीं रहता।
सर्जरी के बाद होने वाली जटिलताएं बहुत कम होती हैं।
दोबारा होने की संभावना नहीं के बराबर होती है।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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