40 की उम्र के बाद आपके शरीर को बहुत सारे बदलावों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं में से एक है मीनोपॉज। हालांकि मीनोपॉज की उम्र हर महिला में अलग-अलग होती है। साथ ही इससे जुड़ी जटिलताएं भी अलग-अलग हो सकती हैं। मगर हॉट फ्लैशेस एक ऐसी समस्या है जिसका ज्यादातर महिलाओं को सामना करना पड़ता है। आपने बॉम्बे बेगम में पूजा भट्ट को फ्रिज खोलकर खड़े होते कई बार देखा होगा। पर आप कुछ फूड्स की मदद से इस स्थिति को मैनेज कर सकती हैं। आइए जानते हैं उन फूड्स के बारे में जो मीनोपॉज में हॉट फ्लैशेस को मैनेज करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
छूने पर त्वचा गर्म महसूस होना
चेहरे, गर्दन, कान या छाती जैसे शरीर के कुछ हिस्सों पर लालिमा
पसीना आना विशेष रूप से ऊपरी शरीर में
दिल की धड़कन बढ़ना
ये दोनों ही पोषण से भरपूर होते हैं और स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इनकी तासीर ठंडी होती है, जो आपको अन्दर से रिलैक्स महसूस करवा कर हॉट फ्लैशेस की समस्या को दूर करेगी। खरबूजे में बीटा-कैरोटीन होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य और लाल रक्त कोशिकाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, तरबूज में 95% पानी होता है, जो आपके शरीर को ठंडक प्रदान करता है। इसमें मौजूद विटामिन-C रक्त वाहिकाओं, कार्टिलेज, मांसपेशियों और हड्डियों में कोलेजन का उत्पादन करता है। ये दोनों मूत्रवर्धक भी हैं, जिसका अर्थ है कि ये आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करेंगे।
नारियल पाचन के अनुकूल और संतृप्त फाइबर का एक बड़ा स्रोत है। यह विटामिन B6, आयरन और अन्य खनिजों से भी भरा है। नारियल में कई अन्य पोषक तत्व होते हैं- जैसे: मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर, मैंगनीज, और सेलेनियम आदि। नारियल चयापचय को बढ़ावा देने और रक्त शर्करा को स्थिर करने में मदद करता है।
ये दोनों इस जटिल समय में आपके हार्मोन को संतुलित रखने में मदद करते हैं। आप रोज़ नारियल पानी पी सकती हैं, ये आपको इंस्टेंट रिलीफ देगा।
हॉट फ्लैशेस के दौरान अपने आहार में मशरुम को ज़रूर शामिल करें। मशरुम में सेलेनियम होता है, जो शरीर में स्ट्रेस लेवल को मेन्टेन करता है। अगर आप तनाव मुक्त रहेंगी तो पाइनफ्रीन हॉर्मोन नहीं बनता है जो हॉट फ्लैशेस का मुख्य कारण है। तो, अगली बार जब आप पिज़्ज़ा आर्डर करें तो उस पर मशरुम टॉपिंग ज़रूर लें।
अपने पोषण मूल्य की वजह से शिमला मिर्च स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। साथ ही इसमें मौजूद हार्मोन-स्टेबलाइजिंग प्रॉपर्टीज हार्मोन को नियंत्रित करती हैं। जिससे हॉट फ्लैशेस की परेशानी से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जो शरीर में सूजन को रोकते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियों में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा होती है। इसमें आयरन, कैल्शियम, और फोलिक एसिड भी होता है, जो एस्ट्रोजन लेवल को नियंत्रित कर हॉट फ्लैशेस से आराम दिला सकता है। इसलिए, अपने आहार में पालक, बंदगोभी और अन्य साग ज़रूर शामिल करें।
ये रसदार फल फाइबर से भरपूर हैं और हॉट फ्लैशेस का मुकाबला करने की शक्ति प्रदान करता है। वे फाइटोएस्ट्रोजेन में उच्च हैं, जो हार्मोन के स्तर को संतुलित रखते हैं। स्ट्रॉबेरी विटामिन सी, और हार्मोन स्टेबलाइजर (और प्रतिरक्षा प्रणाली बूस्टर) का काम करती है।
तो लेडीज, मीनोपॉज से जूझ रही अपनी मम्मी, बड़ी बहन या किसी दोस्त का ख्याल रखें। हर औरत को इस दौर से गुजरना है। संतुलित आहार और अपनों का साथ इस स्थिति को आसान बना सकता है।
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