सेक्स के बाद कहीं आप भी बर्निंग सेंसेशन या स्पॉटिंग का शिकार तो नहीं होती है। अगर हां तो डरिए नहीं बल्कि इसके बारे में जानकारी एकत्रित करना ज़रूरी हैं कि क्यों सेक्स के बाद महिलाओं के शरीर में कई प्रकार के परिवर्तन नज़र आने लगते हैं। हांलाकि कुछ लोग इन संकेतों को इग्नोर कर अपने जीवन में मसरूफ हो जाते हैं। सेक्स सेशन के बाद महिलाओं के शरीर में कई प्रकार के बदलाव हो सकते हैं। जिन्हें आफ्टर सेक्स इफेक्ट कहा जाता है। जानते हैं वो कौन से परिवर्तन हैं, जो सेक्स के बाद शरीर में महसूस हो सकते हैं (After sex effects)।
इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रितु सेठी का कहना है कि “सेक्स वयस्क महिलाओं के लिए भी उतना ही सामान्य है, जितना पुरुषों के लिए। इसलिए किसी भी महिला के शरीर में ऐसा कोई बदलाव नहीं होता, जिसे देखकर उसके सेक्सुअली एक्टिव होने का अंदाजा लगाया जाए। बल्कि यह एक तरह का टैबू है, जिसे जल्द से जल्द छोड़े जाने की जरूरत है।”
वे आगे कहती हैं, “यौन शिक्षा का अभाव, सेक्स के बारे में प्रचलित टैबूज और अनसेफ सेक्स प्रैक्टिस किसी के लिए भी नुकसानदेह हो सकता है। ऐसी स्थिति में महिला या पुरुष कोई भी यौन संक्रमण का शिकार हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि हमेशा सही समझ के साथ ही सुरक्षित सेक्स करें। ”
जब आप अपनी सेफ्टी और हाइजीन से समझौता करती हैं, तब आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर किसी भी महिला को सेक्स के बाद किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो उसका कनेक्शन वेजाइनल इंफेक्शन से हो सकता है। इंटरकोर्स के बाद महिलाएं रिलैक्स महसूस करती हैं। पर कभी-कभी मांसपेशियों में बढ़ने वाला खिंचाव ऐंठन का कारण भी बन सकता है। इसके अलावा स्पॉटिंग, इचिंग और योनि में होने वाली जलन के लिए विशेषज्ञ से अवश्य संपर्क करें।
यू एस डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसिज के अनुसार यौन संचारित रोग सेक्स के बाद होने वाली ब्लीडिंग और स्पॉटिंग का कारण साबित होते हैं। प्यूबिक लाइस (pubic lice) और जेनिटल हर्पिस (genital herpes) के चलते जहां इचिंग का सामना करना पड़ता है, तो वहीं स्पॉटिंग क्लैमाइडिया (chlamydia) के लक्षणों को दर्शाता है। एसटीआई के लक्षण शरीर में धीरे धीरे बढ़ते हैं, जो कुछ दिनों, सप्ताह या महीनों तक बने रहते हैं।
सेक्स के बाद योनि में जलन महसूस होना किसी इंफेक्शन या डिस्पेर्यूनिया का संकेत हो सकता है। दरअसल, ल्यूब्रिकेशन की कमी बर्निंग सेंसेशन का कारण बनने लगते हैं। वेजाइनल टिशूज में आने वाला खिंचाव भी जलन का कारण साबित होता है, जिसे पेनफुल सेक्स भी कहा जाता है। अगर लंबे समय तक इस तरह की समस्या परेशान कर रही हैए तो डॉक्टरी जांच करवाएं।
कुछ महिलाओं को सेक्स के बाद मांसपेशियों में ऐंठन बढ़ने लगती है। सेक्स के दौरान मसल्स में खिंचाव बढ़ने से हाथों, पैरों, काफ मसल्स और हिप्स में ऐंठन बढ़ जाती है। ऐसे में सेक्स से पहले पानी पीने से इस समस्या से बचा जा सकता है। इसके अलावा कुछ योगासनों को अभ्यास भी मसल्स क्रैंप के जोखिम को कम कर देते हैं।
सेक्स के दौरान यीस्ट इंफे्क्शन और एसटीआई संक्रमण योनि में खुजली का कारण बन जाते हैं। इसके अलावा स्किन सेंसटीविटी और कण्डोम के इस्तेमाल से भी इचिंग की समस्या बढ़ने लगती है। ऐसी समस्या को दूर करने के लिए सेक्स के बाद वेजाइना को अवश्य क्लीन कर लें।
सेक्स के दौरान स्पॉटिंग होना सामान्य लक्षण नहीं है। वेजाइनल टिशू टियर होने या किसी प्रकार के इंफेक्शन से ग्रस्त होने से ये समस्या बढ़ने लगती है। अगर हर बार इस समस्या का सामना करना पड़ता है, तो डॉक्टरी जांच अवश्य करवाएं।
सेक्स के बाद साइन ऑफ रिलीफ नज़र आता है। इसके बाद रोना और मूड सि्ंवग होना स्वाभाविक है। इसे हैप्पी टियर्स भी कहा जाता है। इस बारे में सेक्स पॉजिटिव कंटेंट क्रिएटर लीज़ा मंगलदास बताती हैं कि ऐसी स्थिति को पोस्ट कोईटल डिस्फोरिया कहा जाता है। इसके चलते महिलाएं अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाती है। ऐसे में सेक्स के बाद मूड स्विंग होना और रोना पूरी तरह से सामान्य है।
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