अक्सर मेनोपॉज में महिलाएं काफी ज्यादा परेशान रहती हैं। पेट और पाचन ही नहीं, यह सयम आपको त्वचा एवं बालों से संबंधित समस्याएं भी दे सकता है। हालांकि इन समस्याओं को कुछ महिलाएं इग्नोर कर देती हैं। पर अचानक गर्मी (Hot Flashes) लगना या रात के समय पसीना आना (Night sweating), दो ऐसी समस्याएं हैं जो उनके डेली रुटीन और नींद में बाधा डालने लगती हैं। तो अगर आप भी मेनाेपॉज (Menopause) में दाखिल हो रहीं हैं और इन समस्याओं का सामना कर रहीं हैं, तो हम आपको बताते हैं कि आप इनसे कैसे डील (Tips to deal with menopause issues) कर सकती हैं।
कभी भी अचानक बहुत ज्यादा गर्मी महसूस होना और रात को सोते वक्त पसीना आना किसी भी महिला की दिनचर्या को अस्त-व्यस्त कर सकता है। ऐसे में सेहत के प्रति विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। मेनोपॉज के दौरान यदि आप हॉट फ्लैशेस और नाइट स्वेट से परेशान रहती हैं, तो इसमें आप अकेली नहीं हैं। लगभग 75% महिलाएं प्रीमेनोपॉज और मेनोपॉज के दौरान इसका अनुभव करती हैं।
हालांकि, एक सही लाइफस्टाइल मेंटेन करते हुए आप इस समस्या को कंट्रोल कर सकती हैं। तो यदि आप भी अपने मेनोपॉज के नजदीक हैं, तो इस लेख के माध्यम से जानें किस तरह इस समस्या से निपटा जा सकता है।
मेनोपजल हॉट फ्लैशेस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर में अचानक से काफी ज्यादा गर्मी महसूस होती है। ये स्थिति रात और दिन किसी भी वक्त हो सकता है। वहीं नाइट स्वेट के दौरान अचानक से हैवी स्वेटिंग होना शुरू हो जाता है। यह तब होता है जब रात को हॉट फ्लैशेस की स्थिति उत्पन्न होती है। इसके कारण महिलाओं की नींद खराब हो जाती है चाहे वे कितनी भी गहरी नींद में क्यों न हो अचानक से उठ जाती हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एजिंग के अनुसार जब शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर गिरता है, तो ऐसे में थर्मोस्टेट अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। जिसकी वजह से शरीर के तापमान में बदलाव होता है, साथ ही शरीर में हो रहे हार्मोनल बदलाव की वजह से भी आपका ब्रेन बॉडी टेंपरेचर को रेगुलेट नहीं कर पाता और हॉट फ्लैशेस हो सकते हैं। हॉट प्लेसेस बढ़ते घटते रहते हैं। आमतौर पर यह रात को तेजी से बढ़ते हैं, जिसके कारण नाइट स्वेट यानी कि शरीर से अधिक पसीना आना शुरू हो जाता है।
मेनोपॉज के दौरान हॉट फ्लैशेस और नाइट स्वेट से बचने के लिए सबसे पहले इन ट्रिगर्स पर ध्यान देना जरूरी है।
स्मोकिंग और सेकंड हैंड स्मोक से दूरी बनाए रखें।
टाइट और सिंथेटिक कपड़े न पहनें।
सोते वक्त भारी ब्लैंकेट और सिंथेटिक बेडशीट को अवॉइड करें।
अधिक तीखा और मसालेदार भोजन से परहेज रखें।
शराब और कैफीन का अधिक सेवन न करें।
गर्म कमरे में जाने से बचें।
अधिक तनाव वाले माहौल से बचें।
हॉट फ्लैशेस की समस्या को कम करने के लिए कुछ ओवर दी काउंटर मेडिसिंस उपलब्ध हैं, परंतु बिना डॉक्टर की सलाह के इन्हें लेना हानिकारक हो सकता है। इसलिए इन दवाओं पर भरोसा करने से बेहतर है कि आप प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के माध्यम से मेनोपॉज की इन दोनों समस्याओं से निपटें।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार दिन में एक से दो बार सोया का सेवन हॉट फ्लैशेस की फ्रीक्वेंसी को कम कर सकता है।
फ्लैक्स सीड्स, फ्लैक्सीड ऑयल या फिर फ्लेक्जिट सप्लीमेंट भी हॉट फ्लैशेस को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
ब्लैक कोहोश फूड ग्रेड ऑयल या सप्लीमेंट कैप्सूल्स हॉट फ्लैशेस और नाइट स्वेट की स्थिति में काफी कारगर माने जाते हैं। परंतु एक सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करें।
इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल और सब्जियों का सेवन हॉट फ्लैशेस की स्थिति में कारगर रहेगा। पालक, शिमला मिर्च, ब्रोकली जैसे हरी सब्जियों का सेवन करें इसके साथ ही कुछ फल जैसे कि आम, चेरी और बेरी में भी भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। यह सभी आपके लिए कारगर रहेंगे।
यदि आप हॉट फ्लैशेस से परेशान हैं तो आपको कुछ कूलिंग फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। जैसे कि सेब, केला, पालक, ब्रोकली, ग्रीन टी इत्यादि। यह सभी खाद्य पदार्थ आपके शरीर को ठंडक प्रदान करते हैं। यह पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ ही इनमें डिजीज फाइटिंग केमिकल्स भी मौजूद होते हैं।
ऐसे तो आमतौर पर हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है। परंतु मेनोपॉज के दौरान हाइड्रेशन काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। यह आपके वजन को नियंत्रित रखता है साथ ही आपके शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालता है और पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ा देता है। ऐसे में बॉडी हाइड्रेशन शरीर को हॉट फ्लैशेस से राहत प्रदान करता है।
मेनोपॉज के दौरान हॉट फ्लैशेस और नाइट स्वेट से बचने का एक सबसे अच्छा तरीका है कि रात को सोते वक्त अपने रूम को ठंडा रखने की कोशिश करें। ज्यादा से ज्यादा समय ठंडी जगह पर बिताएं, क्योंकि गरम टेंपरेचर आपके हॉट फ्लैशेस की स्थिति को कभी ज्यादा गंभीर कर देता है।
बहुत से लोगों को लगता है कि मेनोपॉज के दौरान एक्सरसाइज करने से हॉट फ्लैशेस की स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है। परंतु आपको बताएं कि रेगुलर एक्सरसाइ आपके हॉट फ्लैशेस की फ्रीक्वेंसी को कम करने के साथ ही रात को होने वाली स्वेटिंग को भी कम कर देता है। इसके साथ ही यह वजन को नियंत्रित रखता है और आपके स्ट्रेस को कम कर देता है। साथ ही साथ इनसोम्निया और एंग्जाइटी की स्थिति में भी कारगर होता है। इस प्रकार एक्सरसाइज को मीनोपॉज में फायदेमंद माना जाता है।
सोते वक्त कॉटन के हल्के कपड़े पहनना जरूरी है। इसके साथ ही कॉटन की पतली बेडशीट पर सोएं। अपने बेड पर नीचे बिछाने के लिए एक से दो पतले लेयर का इस्तेमाल करें। मोटा कंफर्टर अधिक हिट प्रोड्यूस करता है।
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