एक तरफ, जहां दुनिया पीरियड पॉवर्टी जैसे गंभीर मुद्दों के बारे में बात कर रही है और कैसे काफी महिलाएं पीरियड प्रॉडक्ट नहीं खरीद पाती हैं। ऐसे में हम यहां हेल्थ शॉट्स में एक और समस्या पर भी आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं और वो है: पीएमएस।
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) उन सभी महिलाओं को होता है जो युवावस्था में कदम रखती हैं। कुछ के लिए, यह दर्द और मूड स्विंग का एक दर्दनाक सफर होता है। मगर, हमारे हेल्थ शॉट्स के पाठकों के लिए हमने कुछ घरेलू हेक्स निकाले हैं जो पीएमएस के मुद्दों को पूरी तरह से दूर कर सकते हैं।
मुझे पता है कि धूम्रपान करना सही नहीं है। मैं इस बारे में गिल्टी महसूस करती हूं। मगर, पीएमएस के दौरान मैं न चाहते हुए भी खुद को स्मोक करने से नहीं रोक पाती। जब मैं 22-23 साल की थी, तब मुझे ऐंठन महसूस हुई। इसी दौरान मुझे धूम्रपान की आदत हो गई। फिर, शुरू में तो ठीक था लेकिन 27 साल की उम्र पार करने के बाद, मेरी ऐंठन गंभीर हो गई। अपना ध्यान भटकाने के लिए, मैंने फिर से धूम्रपान करने का विकल्प चुना। यकीनन यह सबसे खराब विकल्प था। इसने ऐंठन को इतना खराब कर दिया कि दर्द के लिए ओवर-द-काउंटर गोलियां भी काम नहीं करतीं।
गंभीर ऐंठन के कारणों पर एक ऑनलाइन सर्च करने पर महसूस हुआ कि धूम्रपान असहनीय दर्द का कारण हो सकता है। यह वास्तव में आंखें खोलने वाला था। मैंने अपने अगले पीरियड के दौरान धूम्रपान छोड़ने के बारे में सोचा। मैंने अपनी सिगरेट की संख्या कम करने की कोशिश की और वास्तव में कुछ नहीं हुआ। मैंने फिर से कोशिश की, लेकिन ज्यादा अंतर नहीं देखा। मगर तीसरे महीने में जब मैंने सचमुच धूम्रपान नहीं किया, तो मैंने अपने ऐंठन में काफी बदलाव देखा। वे इतने गंभीर नहीं थे और मुझे कोई ओटीसी भी नहीं लेना पड़ा। मैं इस पर कायम हूं और आपको बता दूं कि न केवल मेरा धूम्रपान कम हुआ है, बल्कि ऐंठन भी कम है।
मुझे लगता है कि मैं इस बात के लिए गिल्टी हूं कि मैं अपने पीरियड्स के दौरान डेविल बन जाती हूं और मुझे जो कुछ भी खाने को दिखता है सब खा जाती हूं। अगर आपने इंस्टाग्राम पर उन बिंज इटिंग मीम्स को देखा है, तो आप पूरी तरह से मुझे समझ सकती हैं। मगर जब मैंने देखा कि मेरे शरीर में वाटर रिटेंशन बढ़ गया है, तो मैं थोड़ा डरी हुई हूं। आपको विश्वास नहीं होगा कि मैं इतना ब्लोट हो जाती हूं कि मेरा वजन 2 से 3 किलो तक बढ़ जाता है।
इस बारे में मैं बहुत असहज महसूस करती थी। जब मैंने इस बारे में अपनी gynae से परामर्श किया, तो उन्होनें मुझसे कहा कि मुझे प्रोसेस्द फूड को खाना बंद कर देना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत अधिक नमक होता है और मेरे पीरियड्स के दौरान उच्च सोडियम मुझे ब्लोट कर देता है।
एक छोटा सा बदलाव करना और स्वच्छ आहार खाना आपके लिए चमत्कार कर सकता है। मैंने जंक खाना कम कर दिया और इसका सबसे अच्छा तरीका था कि मैं अपनी रसोई और फ्रिज को उनसे न भरूं। न केवल मेरी सूजन कम हुई है, बल्कि मैं अपने पीरियड्स के दौरान काफी हद तक ठीक महसूस कर रही थी। यानी छोटी चीजें वास्तव में एक बड़ा बदलाव ला सकती हैं।
मुझे चाय बहुत पसंद है। मैं मजाक नहीं कर रही, लेकिन मैं दिन में 6 से 7 बार चाय पीती थी। मुझे पता है कि मुझे इसका दिखावा नहीं करना चाहिए, लेकिन मेरी मां अक्सर कहती थी कि मेरे शरीर में खून से ज़्यादा चाय है। मगर, मेरे पीरियड्स के दौरान इतनी चाय पीने से मैं चिड़चिड़ी हो जाती हूं। इसकी वजह से मुझे एसिडिटी हो जाती थी। साथ ही, इसकी वजह से मेरे क्रेंप्स भी बढ़ गए थे।
मेरी मां नें मेरा ख्याल करते हुए मुझे सुझाव दिया कि मैं अजवाइन का पानी पियूं। बस 250 मिली पानी में एक चम्मच अजवायन उबालें। और छान लें आपका चाय का पानी तैयार है। जब मैंने परिणाम देखे तो मैं चकित रह गई। यह किसी जादू की गोली की तरह काम करता है। इसकी वजह से मेरी सूजन दूर हो गई थी, ऐंठन कम हो गई। साथ ही, मुझे अपना वज़न कम करने में भी मदद मिली।
मेरी समस्या यह थी कि पीरियड्स के दौरान मेरे पैर सूज जाते थे। मेरे डॉक्टर के अनुसार, यह सामान्य है और उन्होनें मुझे एक छोटी सी तरकीब बताई जिसका मैं आज तक इस्तेमाल करती हूं। उन्होनें कहा कि बैठते समय पैरों को नीचे लटका न रहने दें, इन्हें किसी चीज़ पर टीका दें। इस एक टिप नें मेरी बहुत मदद की।
मुझे नहीं पता कि यह वैज्ञानिक रूप से सच है या नहीं, लेकिन मेरे लिए, नींबू पानी या वास्तव में, खट्टी चीजों को छोड़ना क्रेंप्स को कम करने में मददगार रहा। मैंने कई प्लेटफॉर्म पर पढ़ा है और मेरे डॉक्टर ने भी मुझे बताया कि यह वास्तव में उस तरह काम नहीं करता है। मगर इससे मुझे बहुत फर्क पड़ता है और यही कारण है कि यह पीरियड क्रैम्प्स के लिए मेरा सबसे आसान तरीका है।
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