क्या आपके पार्टनर भी ब्रांड, प्रिंट,कट और डिज़ाइन देखकर अपना इनरवियर चुनते हैं? अगर आप भी बेबी प्लान करने के बारे में सोच रही हैं तो आपको अपने पार्टनर के इनरवियर सोच समझ कर चुनने चाहिए। अगर आप यह सोच रही हैं कि बेबी प्लान करने का आपके पार्टनर के अंडरवियर से क्या संबंध है, तो इससे जुड़ी सारी जानकारी के लिए अंत तक पढ़ती जाइए। क्योंकि आज आपकाे पता लगने वाला है कि क्यों आपके पार्टनर के लिए टाइट फ्रेंची से ज्यादा बेहतर है बॉक्सर शॉर्ट (Boxer shorts benefits for men)।
क्या आप जानती हैं कि आपके पार्टनर के टाइट फिटिंग वाले अंडरवियर के कारण उनके सीमेन में मौजूद शुक्राणु प्रभावित हो सकते हैं। टाइट इनरवियर के कारण न सिर्फ शुक्राणुओं की संख्या, बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है।
2018 में हावर्ड यूनिवर्सिटी में मेल फर्टिलिटी को लेकर हुए एक शोध में यह सामने आया कि अंडरवियर चुनने में आपकी पसंद और आपके आराम से कहीं अधिक यह बात मायने रखती है कि उसका फैब्रिक कैसा है और उसकी फिटिंग कैसी है। इस अध्ययन में यह पाया गया कि जिन पुरुषों ने अंडरवियर के ढीले स्टाइल जैसे कि बॉक्सर पहने, उनमें शुक्राणु न सिर्फ हेल्दी थे बल्कि कुल शुक्राणुओं की संख्या, टाइट फिटिंग वाले इनरवियर की शुक्राणुओं की तुलना में अधिक थे।
इस अध्ययन में बताया गया कि अंडकोश का तापमान ज़्यादा होना शुक्राणुओं के लिए अच्छा नहीं है । शुक्राणु शरीर में एक बहुत ही अनोखी कोशिका है और ज़्यादा तापमान इनकी गतिशीलता और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है, जिससे फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है।”
शोधकर्ताओं ने 2000 और 2017 के बीच प्रजनन केंद्र में प्रजनन उपचार की मांग करने वाले लगभग 700 पुरुषों के समूह से शुक्राणु के नमूनों की जांच की। जिन पुरुषों ने ढीले अंडरवियर पहने उनमें लगभग 25 प्रतिशत अधिक शुक्राणु थे।
नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी हॉस्पिटल, बैंगलोर की डॉक्टर पल्लवी प्रसाद कहती हैं कि टाइट फ्रेंची की वजह से स्पर्म काउंट पर पड़ने वाले असर के चलते फर्टिलिटी संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ह्यूमन बॉडी का नॉर्मल टैम्प्रेचर 98 डिग्री सेल्सियस फारेनहाइट होता है और मेल फर्टिलिटी ऑर्गन का टैम्प्रेचर 77 डिग्री सेल्सियस फारेनहाइट होना चाहिए।
टाइट फ्रेंची में यह तापमान ज़रूरत के अनुसार दिए गए तापमान से बढ़ जाता है। अगर तीन महीने लगातार यह टैम्परेचर 77 डिग्री से ज़्यादा बना रहे तो स्वस्थ स्पर्म बनने में रुकावट पैदा हो जाती है। स्पर्म को बनने के लिए तीन महीने का समय लगता है अगर इस दौरान मेल ऑर्गन का तापमान 77 डिग्री से ज़्यादा बना रहे तो इनफर्टिलिटी की समस्या पैदा हो सकती है।
सौना बाथ के अलावा गोद में लैपटॉप रख कर काम करना जैसे अन्य कारण भी इनफर्टिलिटी की वजह बन सकते हैं। इसलिए अगली बार जब आपके पार्टनर अपने लिए इनरवियर पसंद करने जाएं तो ध्यान रखें कि यह कॉटन या बढ़िया सॉफ्ट मैटेरियल वाले फैब्रिक का हो और ढीला ढाला भी ताकि मेल फर्टिलिटी ऑर्गन को ब्रीदेबल स्पेस मिल सके और उसका तापमान आवश्यकता अनुसार बना रह सके।
टाइट फ्रेंची के अलावा धूम्रपान, शराब और कुछ दवाओं सहित खराब जीवनशैली भी शुक्राणुओं की संख्या को प्रभावित कर सकते हैं। सौना, हॉट टब और यहां तक कि बिजली के कंबल, जो सभी अंडकोश का तापमान बढ़ाते हैं, शुक्राणुओं की संख्या के लिए हानिकारक हो सकते हैं।