निप्पल (Nipples) या एरोला (Areola) शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में ज्यादा संवेदनशील होता है। आपकी उम्र और स्थिति के साथ इस हिस्से में भी कई बदलाव महसूस हो सकते हैं। प्यूबर्टी से लेकर प्रेगनेंसी और मेनोपॉज तक इसका आकार बदलता रहता है। पर कभी-कभी इस हिस्से में बहुत ज्यादा खुजली, रैश या दाने आदि महसूस होने लगते हैं। आइए यह समझने की कोशिश करते हैं कि इनकी वजह (Itchy nipples causes) क्या है और क्या हो सकता है इससे बचाव।
कई सारे कारक हैं, जिससे इस एरिया में खुजली या इचिंग की समस्या हो सकती है। पसीना, फ्रिक्शन या किसी प्रकार की स्किन डिजीज, ब्रेस्टफीडिंग यहां तक कि प्रेगनेंसी के दौरान भी इस क्षेत्र में खुजली होती रहती है। आमतौर पर इचिंग दूर करने वाले प्रोडक्ट के खुजली वाली जगह पर लगाने से यह समस्या ठीक हो जाती है। यदि आपको कई दिनों से इस जगह पर बहुत अधिक खुजली हो रही है, तो यहां पर आपको सावधान होने की जरूरत है। आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें और इसका तुरंत इलाज कराएं। ये किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि इस क्षेत्र में खुजली होने की क्या-क्या वजहें हो सकती हैं और इन्हें कैसे दूर किया जा सकता है?
गायनेकोलॉजिस्ट एंड ऑब्सटेट्रिक्स डॉ. कृति अरोड़ा के अनुसार, जाड़े का मौसम या ड्राय वेदर ब्रेस्ट और निपल्स सहित आपके पूरे शरीर में खुजली पैदा कर सकता है। इसके कारण आपके निप्पल पर दरार या खरोंच लगने जैसा दिखाई दे सकता है।
यदि आपको लंबे समय तक स्नान करने की आदत है, तो 5-7 मिनट में स्नान या शॉवर बाथ को निपटा लें। जब भी नहाएं, तो गुनगुने पानी का प्रयोग करें। ज्यादा गर्म पानी से न नहाएं। इससे शरीर के एसेंशियल ऑयल धुल जाते हैं और आपकी स्किन ड्राय हो जाती है। अपनी स्किन को एक तौलिये से धीरे-धीरे तब तक थपथपाएं जब तक कि यह लगभग सूख न जाए। किसी बढ़िया क्रीम या मलहम से स्किन को मॉइस्चराइज़ करें। नमी सोखने के लिए ह्यूमिडिफायर भी चला सकती हैं।
यदि आपने नहाने के लिए किसी नए साबुन या लोशन का प्रयोग किया है, तो उसमें मौजूद केमिकल्स के कारण निप्पल एरिया में खुजली हो सकती है। कुछ डिटर्जेंट में मौजूद केमिकल्स भी खुजली की वजह बनते हैं। इस डिटर्जेंट से धुले कपड़े निप्पल के संपर्क में आते ही खुजली करने लगते हैं। इससे स्किन पर रेड रैशेज भी हो सकते हैं।
ऐसे सोप और स्किन क्लीन्जर का इस्तेमाल करें, जो हाइपोएलर्जेनिक, बिना गंध वाले और किसी भी प्रकार के रंग से मुक्त हों। इससे आपकी समस्या खत्म हो सकती है।
आपकी ब्रा या अंडरगारमेंट्स में उपयोग की गई इलास्टिक या डाई भी आपकी स्किन पर रिएक्शन कर सकते हैं। ये एलर्जी के लक्षण पैदा कर सकते हैं, जो कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस कहलाते हैं। ये मौसम के बदलाव के कारण भी हो सकते हैं। जैसे ही आपका कपड़ा निप्पल या एरोला से टच होता है, रेड रैशेज और इचिंग शुरू हो जाती है।
इसे चेक करने का आसान तरीका यह है कि जानने की कोशिश करें कि क्या पुरानी ब्रा के इस्तेमाल पर भी इचिंग होती है? यदि नहीं, तो नई ब्रा को पहनना छोड़ दें।
इससे बचने के लिए वर्कआउट से पहले उस एरिया पर पेट्रोलियम जेली लगा सकती हैं। इसलिए सही फिटिंग वाली ब्रा का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
यदि आपको अनियमित पीरियड हो रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आप मेनोपॉज फेज की ओर बढ़ रही हैं। इस फेज में स्किन ड्राय होने लगती है। एस्ट्रोजेन के लो लेवल और दूसरे हार्मोन्स में बदलाव के कारण बॉडी में ऑयल कम बन पाता है। इससे आपकी स्किन नेचुरल रूप से मॉयश्चराइज नहीं हो पाती है। इसके कारण निप्पल या एरोला के अलावा, किसी भी बॉडी पार्ट में खुजली हाे सकती है।
हमेशा माइल्ड क्लींजर का इस्तेमाल करें। अपने शरीर को मॉइश्चराइज रखें और खूब सारा पानी पिएं। जिससे त्वचा डिहाइड्रेट न हो। खाने में हेल्दी फैट शामिल करना भी अपनी स्किन की नमी को बनाए रखने का एक तरीका हो सकता है।
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