योनि क्षेत्र के आसपास की त्वचा आपकी बाकी त्वचा की तुलना में पतली (और इसलिए अधिक संवेदनशील) होती है। इस वजह से ऐसे अंडरवियर पहनना बहुत जरूरी है जो सही फिटिंग के हों। पुराना, रफ, सुपर-टाइट या बिगड़े शेप वाला अंडरवियर वेजाइना के आसपास की जगह में रैशेज़ का कारण बनता है। जिसके कारण आपको वेजाइना में हल्की जलन हो सकती है।
उम्र और जीवन के विभिन्न चरणों के अनुसार आपका वजन और आकार भी बदलता रहता है। इस बदलते चरण में आपको अपने अंडर वियर पर भी ध्यान देना चाहिए। ऐसा न हो कि अपनी फेवरिट और बरसों पुरानी पैंटी का अत्याचार आप अपने इंटीमेट एरिया पर करती रहें। आखिर विरासत में साड़ियां दी जा सकती हैं, पैंटी नहीं। इसलिए जरूरी है कि अपने पुराने अंडरवियर को अलविदा कह दें।
मैत्री वुमन हेल्थ की फाउंडर और गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट हेड डॉ अंजलि कुमार के अनुसार पुराने, रफ और तंग अंडरवियर यीस्ट इन्फेक्शन में योगदान कर सकते हैं। ये आपके योनि क्षेत्र में गर्मी और नमी का निर्माण करते हैं। गर्मी और नमी बैक्टीरिया को वेजाइनल एरिया में बढ़ने के लिए आदर्श माहौल देते हैं। अपनी वेजाइनल हेल्थ के लिए जरूरी है कि आप पैंटी के लिए इन बातों को ध्यान में रखें।
पुराने बेतरतीब और बहुत तंग अंडरवियर योनि में जलन को न्योता दे सकते हैं। खास तौर पर जब आपको रजोनिवृत्त हो चुका है। जिसका कारण है उनकी वेजाइनल वॉल का पतला होना ।
थोंग्स आपके बट लाइन के अंदर जाते हैं और बहुत अधिक इधर-उधर खिसकते हैं। अगर वे पुराने हो जाएं तो गुदा से होते हुए योनि में ई कोलाई बैक्टीरिया को स्थानांतरित कर सकते हैं। अगर आप पहले से ही किसी संक्रमण या यूटीआई और योनि में जलन से ग्रस्त हैं, तो आपकी पुरानी पेंटी आपकी समस्या को और बढ़ाएंगी।
पुरानी पेंटी को अधिक से अधिक 6 महीने इस्तेमाल करना ही सही है। इसके बाद इसे फेंक देना आपके वेजाइनल हेल्थ के लिए ज़रूरी है। आपको पता होना चाहिए कि पुराने ही नहीं गीले अंडरवियर भी यीस्ट और बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह बन सकते हैं
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने किस फैब्रिक या साइज़ का अंडरवियर पहना है अगर वह पूरी तरह ड्राई नहीं है। कई बार पुराने अंडरवियर में सूखने के बाद भी यीस्ट इन्फेक्शन की वजह बनते हैं।
आपका अंडरवियर किस चीज से बना है, इस बात से ज्यादा मायने रखता है कि वह कितना घिसा हुआ है। “जब आप अंडरवियर चुन रही हैं, तो ध्यान रहे कि किन नेचुरल कॉम्पोनेन्ट, रंगों और रसायनों का इस्तेमाल इसे बनाने के लिए किया गया है।
डॉक्टर अंजलि इस बारे में बात करते हुए कॉटन या सूती पड़े से बनी पेंटी पहनने की सलाह देती हैं। वे ब्रीदेबल होते हैं और नमी को आसानी से जमा नहीं होने देते हैं। दूसरी ओर, नायलॉन और स्पैन्डेक्स जैसे सिंथेटिक कपड़ों में नमी बनी रहती है। वे पुराने होकर और ज़्यादा खराब हो जाते हैं। फैंसी लेस वाली अंडर गारमेंट्स हार्श कपड़े के बने हो सकते हैं। जिससे क्रॉच एरिया कट सकता है। यह असुविधाजनक होने के साथ ही दर्दनाक भी हो सकता है।
स्वास्थ्य से जुड़े जोखिमों से बचने के लिए, घिसे हुए कपड़ों को पहनने से बचें। उन्हें घिसने से बचाने के लिए ध्यान रखें कि अंडरवियर को ठीक से साफ करना बहुत महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, लेबल पर दिए देखभाल के निर्देशों का पालन करें। कई वाशिंग मशीनों में एक रोगाणु चक्र होता है, जिसका अर्थ है कि आपको अतिरिक्त रोगाणु-नाशक उत्पाद का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है। यह चक्र सामान्य गर्म पानी के साथ उपयोग किए जा सकते हैं।
यदि आपका अंडरवियर रेशम या एसीटेट जैसे अधिक नाजुक कपड़ों से बना है, तो आप इसे हाथ से धोना चाहेंगी। ऐसे में इसकी पूरी सफाई सुनिश्चित करने के लिए एंटीबैक्टीरियल वॉश का इस्तेमाल बढ़िया रहेगा। सुखाने की प्रक्रिया भी बैक्टीरिया को मारने में मदद करती है, तो इसे धूप में सुखाने की कोशिश करें।
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