इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी उम्र क्या है, क्योंकि मेन्सट्रुरेशन और ब्लीडिंग को झेल पाना हमेशा मुश्किल होता है। इसके साथ ही पीरियड्स में होने वाले क्रैंम्प इसे और ज्यादा मुश्किल बना देते हैं। एक सवाल जो अक्सर लड़कियों के मन में आता है कि पीरियड्स इतने पैनफुल क्यों होते हैं और इस दर्द के कैसे छुटकारा पाया जा सकता है। जब अप छोटी उम्र में ही पीरियड्स की परेशानियां और दर्द झेलना शुरू कर देती हैं, तो ये सवाल मन में आना स्वभाविक है। आइए जानते हैं क्या है पीरियड्स में होने वाले दर्द का कारण। पीरियड्स में होने वाले दर्द के बारे में विस्तार से बता रहीं हैं वेलमी की फाउंडर प्रेक्षा चोपड़ा।
प्रेक्षा बताती हैं, “प्राइमरी डिसमेनोरीया छोटी उम्र की लड़कियों में मेन्सट्रुअल पैन होने का सबसे आम कारण हो सकता है। यह किशोर लड़कियां जिन्हें हाल ही में मेन्सट्रुरेशन शुरू हुआ हो, उनमें सबसे ज्यादा पाया जाता है। दर्द होना नॉर्मल है चूंकि हमारे शरीर में उस हार्मोन का प्रोडक्शन होता है। जिसकी वजह से युट्रिंन कॉन्ट्रैशन (uterine contraction) होता और मेन्सट्रुरेशन के टाइम युट्रिन का फ्लो होता है। कॉन्ट्रैशन की वजह से आपको जी मिचलाने जैसा महसूस हो सकता है। साथ ही कम दर्द से तेज पेट दर्द, पीठ दर्द और क्रैम्प भी हो सकते हैं।” हालांकि, प्राइमरी डिसमेनोरिया एक बहुत ही नॉर्मल कारण है और ज्यादातर उम्र के साथ कम होता जाता है। यह पीरियड्स शुरू होने से कुछ दिन पहले शुरू होने से लेकर पीरियड्स खत्म होने तक रहता है।
महिलाओं में मेन्सट्रुअल पेन होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण सेकेंडरी डिसमेनोरिया हो सकता है। हालांकि, प्राइमरी डिसमेनोरिया की तरह यह दर्द पीरियड्स शुरू होने के कुछ दिन पहले तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि पूरी मेन्सट्रुअल साइकिल तक चलता रहता है। जो महिला इस दर्द से गुजरती है, उन्हें किसी तरह का विकार या संक्रमण हो सकता है। जिस पर ध्यान देने की बेहद जरूरत है।
सेकेंडरी डिसमेनोरिया न सिर्फ पीरियड्स को दर्दनाक बना देता है। बल्कि इसमें ब्लड फ्लो भी ज्यादा होता है। हालांकि ये दोनों कारण मेन्सट्रुअल पेन होने के सबसे बड़े कारणों में हैं। जिस तरह हर महिला अलग होती है, उसी तरह शरीर के दर्द झेलने की ताकत अलग होती है। हालांकि यह ज्यादातर लड़कियों के मेन्सट्रुअल पेन का कारण हो सकता हैं। आपके शरीर में शायद मेन्सट्रुअल पेन के कुछ और भी कारण भी हो सकते हैं। लेकिन इस तरह का पेन होने पर हमेशा सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
इसलिए अपने शरीर पर ध्यान दें, कि पीरियड्स पेन होने पर आपका शरीर उसे कैसे मैनेज करता है, या क्या रिएक्ट करता है। पीरियड्स नेचुरल हैं, तो पीरियड्स पेन भी नेचुरल हुआ। लेकिन उस दर्द को झेलने या उससे राहत पाना आपके हाथ में है।
पीरियड्स पेन से राहत पाने के लिए आप होम रेमेडीज का सहारा ले सकती हैं। लेकिन अगर आपको लंबे टाइम तक पेन फ्री पीरियड्स होने के बाद अचानक दर्द होने लगे, तो जल्द से जल्द किसी गाइनोलॉजिस्ट से संपर्क करें। रेस्ट लें, रिलेक्स करें, हेल्दी डाइट लें और कुछ ऐसे चीजें शुरू करें जो आपके हार्मोन को बैलेंस रखे और मेन्सट्रुअल पेन को कंट्रोल करें।
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