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यूरिनेशन के दौरान जलन और दर्द महसूस होता है, तो ये 5 कारण हो सकते हैं जिम्मेदार

क्या आपको मालूम है की पेशाब करते वक़्त जलन का अनुभव क्यों होता हैं? कहीं आप इसे नजरअंदाज तो नहीं कर रहीं? तो आज से ही इसपर ध्यान देना शुरू करें।
हर 3 में से 1 महिला को यूरीन लीकेज की समस्या होती है।चित्र : शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 6 Jun 2023, 21:00 pm IST
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कई बार यूरिन पास करते वक़्त जलन का अनुभव होता है। आखिर इसकी क्या वजह हो सकती हैं क्या आपने कभी इस बारे में जानने की कोशिश की है। हर रोज आप सामान्य रूप से यूरिन पास करती हैं, तो अचानक से जलन होने के पीछे का क्या कारण हो सकता है। क्या आप इस स्थिति को नजरअंदाज कर रही हैं तो आज से ही इसपर ध्यान देना शुरू करें।

इन स्थितियों को नजरअंदाज करना आपकी सेहत के लिए उचित नहीं है। पेशाब करते वक्त जलन (Painful Urination) का अनुभव होना शरीर की सामान्य स्थितियों से अलग है। इसलिए इसे समझना और इससे बचाव के समाधान ढूंढना महत्वपूर्ण है।

हेल्थ शॉट्स ने इस बारे में ऑरा क्लिनिक, गुड़गांव की डायरेक्टर एवं क्लाउड नाइन हॉस्पिटल, गुड़गांव की सीनियर कंसलटेंट डॉ रितु सेठी से सलाह ली। उन्होंने इस विषय से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताई हैं, तो चलिए जानते हैं यूरिन पास करते वक्त जलन होने का कारण (Painful Urination)।

पहले जानें यूरिन पास करते वक़्त क्यों होता है जलन

1. आपकी डाइट हो सकती है जिम्मेदार

कई खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ बर्निंग यूरिनेशन का कारण हो सकते हैं। उच्च एसिड वाले फूड्स या ड्रिंक्स और कैफीन की अधिकता यूरिनरी लाइनिंग को प्रभावित करती हैं, साथ ही ब्लैडर और बॉवेल मूवमेंट को नियंत्रित करने वाले तंत्रिका तंत्र को भी नुक्सान पहुंचा सकती हैं।

इन खाद्य पदार्थों का सेवन बंद करें। चित्र: शटरस्‍टॉक

2. डिहाइड्रेशन है एक बड़ा कारण

जब आप डिहाइड्रेटेड होती हैं, तो आपके शरीर में तरल पदार्थ कम होता है लेकिन फिर भी टॉक्सिन्स और एक्सेस मिनरल्स को बाहर निकालना जरुरी होता है। पर्याप्त तरल पदार्थ के बिना, आपकी यूरिन अधिक कंसन्ट्रेटेड हो जाती है। कंसन्ट्रेटेड यूरिन में अधिक मात्रा में मिनरल्स मौजूद होता हैं जिसकी वजह से ब्लैडर लाइनिंग प्रभावित होती है। इस वजह से पेशाब करते वक़्त आपको जलन का अनुभव हो सकता है।

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3. स्मोकिंग से रखें परहेज

यदि आप स्मोकिंग करती हैं तो सचेत हो जाएं तमाम स्वास्थ्य समस्यायों का कारण होने के साथ ही यह ब्लैडर पर भी प्रभाव डालता है। सिगरेट में निकोटिन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है निकोटिन ब्लैडर को प्रभावित करते हुए आपके लंग्स को भी नुकसान पहुंचाता है, जिसकी वजह से पेशाब करते वक़्त जलन का अनुभव हो सकता है।

4. शराब के सेवन से हो सकती है जलन

अल्कोहल ड्यूरेटिक होती है जिसके कारण यूरिन पास करने की फ्रीक्वेंसी बढ़ जाती है। साथ ही यह डिहाइड्रेशन को बढ़ावा देता है और ब्लैडर लाइनिंग को प्रभावित कर सकता है ऐसे में जब आप यूरिन पास करती हैं तो आपको दर्द और जलन का नुभव होता है।

यह आपके शरीर को कमजोर बनाने के साथ पेशाब में जलन का कारण बन सकता है।चित्र : शटरस्टॉक

5. संक्रमण की और इशारा करती है यह स्थिति

यूटीआई, यीस्ट इन्फेक्शन से लेकर अन्य वेजाइनल इन्फेक्शन की स्थिति में भी पेशाब करते वक़्त दर्द और जलन का अनुभव हो सकता है। यदि आपको सामान्य से अधिक जलन या यूं समझे की जलन बर्दास्त क्षमता से बाहर जा चूका है, तो यह कुछ और नहीं वेजाइनल संक्रमण की और इशारा कर रहा है। इस स्थिति को भूलकर भी नजरअंदाज न करें।

जानें इसे किस तरह अवॉयड करना है

1. पेशाब को रोके न रहें

जब आपको यूरिन को बाहर निकालने की आवश्यकता हो तब अपने ब्लैडर को जल्द से जल्द खाली कर दें। आपको दिन में कम से कम हर चार घंटे में अपना मूत्राशय खाली करना चाहिए और सेक्स के तुरंत बाद पेशाब करने से बैक्टीरिया को मूत्रमार्ग से दूर करने में मदद मिलती है। ऐसा करने से पेशाब करते वक़्त आपको दर्द और जलन का अनुभव नहीं करना पड़ेगा।

2. पर्याप्त पानी पियें

पर्याप्त मात्रा में पानी पिने से यूरिनरी ट्रैक का खतरा नहीं होता साथ ही बॉडी हाइड्रेटेड रहती है और ब्लैडर भी स्वस्थ रहता है। इस स्थिति में पेशाब करते वक़्त किसी प्रकार के जलन का अनुभव नहीं होता।

3. वेजाइना को ड्राई करना है जरुरी

जब आप यूरिन पास करती हैं तो वेजाइनल लिप्स और आस पास के एरिया में यूरिन लगा रह जाता है जो बैक्टीरिया का घर बन जाता है और वेजाइनल इन्फेक्शन के खतरे को भी बढ़ा देता है। जिसकी वजह से पेशाब करते वक़्त जलन का अनुभव हो सकता है।

योनि स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चित्र : एडॉबीस्टॉक

4. हाइड्रेटिंग ड्रिंक्स से मदद मिलेगी

यदि आपको भी यूरिन पास करते वक़्त जलन महसूस होता है तो आपको कोकोनट वॉटर और क्रेनबेरी जूस का सेवन करना चाहिए इसके अलावा अन्य हेल्दी ड्रिंक्स को डाइट में शामिल करें। यह आपके ब्लैडर के लिए हेल्दी होती हैं, साथ ही इनके नियमित सेवन से यूटीआई का खतरा सिमित रहता है।

5. प्रोबायोटिक्स है जरुरी

प्रोबायोटिक्स लेने से आपके आंतों में हेल्दी बैक्टीरियल ग्रोथ बढ़ जाता है जिससे पाचन क्रिया संतुलित रहती है और यूटीआई का खतरा नहीं होता है। जब आपका ब्लैडर स्वस्थ रहता है तो पेशाब करते वक़्त जलन का अनुभव नहीं होता।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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