पीरियड्स के दौरान हमारी बॉडी में कई तरह के परिवर्तन नज़र आने लगते हैं। किसी को पेट दर्द सताता है, तो किसी को चक्कर आते हैं। किसी को खाना खाने में दिक्कत होती है, तो कुछ को ब्रेस्ट पेन का अनुभव होता है। रिसर्च में पाया गया है कि करीबन 70 फीसदी महिलाओं को पीरियड्स(periods) के दौरान ब्रेस्ट पेन(breast pain) की शिकायत रहती है। मासिक धर्म के समय स्तन में होने वाले दर्द को मास्टलगिया(mastalgia) कहा जाता है। मेंस्ट्रुअल साईकिल(menstrual cycle) के दौरान होने वाली ब्रेस्ट पेन के पीछे कई कारण है।
स्तन दर्द ज्यादातर प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम यानि मासिक धर्म से एक सप्ताह पहले महसूस होने लगता है। ब्रेस्ट पेन हार्मानल चेंज के कारण होता है, जो युवा महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता हैं।
रिसर्च में पाया गया है कि मेंस्ट्रुअल साईकिल के समय शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोंन के स्तर में उतार.चढ़ाव आता है। दरअसल, ये हार्मोन आपके स्तनों और रिर्पोडक्टिव सिस्टम को प्रेगनेंसी के लिए तैयार करते हैं।
स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं सलाहकार डॉ रितु सेठी बताती हैं कि वाटर रिटेंशन की वजह से ब्रैस्ट में हैवीनेस रहती है। जो स्तनों में दर्द का कारण बन जाता है। दरअसल, पीरियड्स आने से कुछ दिन पहले से बॉडी में हार्मांस का लेवल काफी उच्च हो जाता है। जब मासिक धर्म शुरू होता है, तब हार्मोंस का स्तर धीरे-धीरे डिक्रीज़ होने लगता है। जिसके बाद स्तन दर्द से राहत मिलती है।
अगर आप स्तनों में ज्यादा दर्द महसूस करती हैं तो यह जरूरी है कि आप पीरियड्स से एक सप्ताह पहले से ही ज्यादा तला भुना और नमक वाला खाना खाने से बचें। इसके अलावा कैफीन का ज्यादा इनटेक भी नुकसानदायक हो सकता है।
डॉ रितु सेठी बताती हैं कि व्यस्त दिनचर्या में बढ़ रहे तनाव को दूर करें। इसके लिए एक्सरसाइज, एरोबिक्स, योग या सैर कर सकते हैं। इससे आपका तनाव खुद ब खुद कम होता चला जाएगा। इससे आपके स्तन का दर्द खुद ही दूर होने लगेगा।
इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के हिसाब से अपनी थाली में एक छोटा भाग मीट के लिए रखें। मगर बाकी प्लेट में मौसमी फलों, सब्जियों और साबुत अनाज को शामिल करे। इससे आपको सभी पोषक तत्व आसानी से प्राप्त हो जाएंगे।
समय से सोना और समय से जागना ज़रूरी है। इसके अलावा मील्स को स्किप करने से बचें। जो आपके पीरियड्स की साइकिल को भी कहीं न कहीं प्रभावित करता है। इसके अलावा मौसमी फल और सब्जियों समेत डाइटीशियन की सलाह से हेल्दी और प्लैण्ड मील को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।
अगर आप ब्रेस्ट पेन से जूझ रही हैं, तो कम से कम दो से तीन किलो वेट ज़रूर कम करें। डॉ रितु के मुताबिक आपका मोटापा भी ब्रेस्ट पेन का एक कारक साबित हो सकता है। इंटिमेट हेल्थ को दुरूस्त रखने के लिए नियमित तौर पर वॉक करें और अपने वज़न को कुछ दिनों के अंतराल में चेक करते रहें।
दर्द से राहत के लिए तौलिए में लपेटकर कोल्ड एंड हॉट पेक्स को दर्द वाली जगह पर रखें। इन्हें आप 10 से 15 मिनट के लिए रख सकते हैं। इससे दर्द को राहत मिलती है।
एक्सपर्ट के हिसाब से ज्यादा कैफीन लगातार होने वाले स्तन दर्द को बढ़ा सकता है। इसके लिए कॉफी, चाय, शीतल पेय और यहां तक कि चॉकलेट में कैफीन का सेवन सीमित करना ज़रूरी है। ऐसे समय में कॉफी और चाय की अधिकता भी नुकसान पहुंचा सकती है। दरअसल, कैफीन प्री(caffeine free) मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम(menstrual syndrome) की समस्या को बढ़ाने में कारगर साबित होता है।
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