दिन भर की थकान के बाद आप लो फील कर सकती हैं। इसका असर आपके सेक्सुअल लाइफ पर पड़ना लाजिमी है। थकान के कारण लो लिबिडो और सेक्सुअल डिजायर में कमी आम बात है। विशेषज्ञ बताते हैं कि बेड पर जाने से पहले स्टीम रूम या सौना में कुछ समय बिताया जा सकता है। थकान के कारण जिन मांसपेशियों में खिंचाव आया था, वे रिलैक्स हो जाती हैं। इससे बहुत आराम महसूस किया जा सकता है। मूड बूस्ट अप हो सकता है। पर क्या इस मौसम में भी यह उसी तरह काम करेगा? आइए एक सेक्सोलॉजिस्ट से जानते हैं सेक्स के लिए स्टीमिंग (steaming side effects on sex) के फायदे और नुकसान।
सौना बाथ या स्टीम रूम को कभी स्टीमिंग से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। सौना बाथ या स्टीम रूम मूड को बूस्ट किस तरह करता है, यहां गायनेकोलोजिस्ट और सेक्सोलोजिस्ट डॉ. अंजलि कुमार बता रही हैं।
स्टीम सौना या स्टीम रूम एक ऐसा स्थान है, जहां व्यक्ति गर्मी का अनुभव प्राप्त करता है। यह ड्राई और गर्म हो सकता है। एक छोटे से कमरे में आपको गर्म हवा या स्टीम का अनुभव कराया जाता है। सौना की इस सुविधा को सुदरेटरी (sudatory) भी कहा जाता है।
फ़िनलैंड, जापान जैसे देशों में सोने से पहले स्टीम बाथ या स्टीम रूम में बैठने का चलन है। इससे तनी हुई मांसपेशियां ढीली पड़ती हैं। पसीना निकलता है और स्किन पोर्स खुल जाते हैं। इससे व्यक्ति रिलैक्स महसूस करने लगता है। इसके फायदों को देखते हुए अब यह दुनिया भर के होटलों, जिम यहां तक कि निजी घरों में भी यह प्रयोग में लाया जा रहा है।
डॉ. अंजलि कुमार बता रही हैं स्टीम बाथ सेक्सुअल हेल्थ के लिए भी मददगार है। यहां हैं कुछ फायदे।
हेल्दी सेक्सुअल लाइफ में सबसे बड़ी बाधा है ओबेसिटी। आपका बढ़ा हुआ वजन।हालांकि स्टीम बाथ लेने मात्र से वजन में कोई खास बदलाव या कमी नहीं आती है। कोई व्यक्ति लगातार लंबे समय तक नियमित रूम से स्टीम बाथ लेता है। साथ ही वह स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम करता है। इससे निश्चित रूप से वजन में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखा जा सकता है।
कई बार अत्यधिक स्ट्रेस भी सेक्स लाइफ पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। स्टीम या सौना बाथ फिजिकल के साथ मेंटल स्तर पर भी राहत पहुंचाता है। गर्मी के कारण पिट्यूटरी ग्लैंड शरीर के चयापचय (body metabolism)को तेज करता है। यह शरीर के कई हार्मोनों के परस्पर क्रिया को प्रभावित करता है। इससे सेक्स ड्राइव बढ़ जाती है।
ब्लड फ्लो सही नहीं होने से सीधा प्रभाव रिप्रोडक्टिव ऑर्गन पर पड़ते हैं। आपके लो लिबिडो के साथ-साथ पार्टनर को भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile dysfunction) की समस्या हो सकती है। स्टीम बाथ से ब्लड वेसल्स को आराम मिलता है। यह पल्स रेट भी ठीक करता है। गर्म वातावरण निश्चित रूप से ब्लड सर्कुलेशन में वृद्धि और सुधार करता है।
सौना (Sauna Bath) स्किन में मौजूद विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद करता है। शायनी और हेल्दी बनाता है। इससे योनि की स्किन भी टाइट होती है।
डॉ. अंजलि कुमार बताती हैं, ‘स्टीम बाथ से बिल्कुल अलग है स्टीमिंग या भाप लेना। स्टीमिंग में बहुत अधिक गर्म पानी का प्रयोग किया जाता है, जो योनि के लिए खतरनाक हो सकता है। योनि की त्वचा बहुत नाजुक होती है। इससे जलन हो सकती है।
गर्म मौसम में या बहुत अधिक समय तक स्टीमिंग लेने पर आपको उल्टी और चक्कर आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इसमें हर्ब की भी स्टीम दी जाती है। भाप और सुगंधित जड़ी-बूटियों के संपर्क में योनि के आने पर इसका पीएच बदल सकता है। बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) और खमीर संक्रमण (yeast infection) का खतरा बढ़ जाता है।’
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज को ज्यादा स्टीम (steam bath) नहीं लेना चाहिए। क्योंकि यह रक्त प्रवाह और ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है। इसे लेने से पहले डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
यह भी पढ़ें :-डायबिटीज रोगी भी ले सकते हैं बेहतर सेक्स जीवन का आनंद, याद रखें ये 5 सेक्स टिप्स