जानिए क्यों कुछ महिलाओं को करना पड़ता है वेजानइल पीलिंग का सामना, कैसे करना है इस समस्या का समाधान

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योनि सूखापन की समस्या एस्ट्रोजन लेवल में कमी के कारण होती है। चित्र : शटरस्टॉक
ज्योति सोही Updated: 18 Oct 2023, 10:09 am IST
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इनपुट फ्राॅम

वेजाइना बॉडी का एक सेंसिटिव पार्ट है। वहां पर होने वाली मामूली बदलाव हमारी चिंता का कारण बन जाते हैं। बहुत सी महिलाओं को स्किन पीलिंग यानि योनि की त्वचा छिलने की शिकायत रहती है। बहुत से कारणों से महिलाएं इस समस्या का शिकार हो जाती है। यीस्ट इन्फ़ैक्शन से लेकर एटोपिक डर्माटाइटिस इस परेशानी का मुख्य कारण साबित होते हैं। जानते हैं इस बारे में क्या कहती हैं स्त्री रोग विशेषज्ञ। आइए जानें वेजाइनल स्किन पीलिंग (vaginal skin peeling) के कारण, लक्षण और इससे बचने के उपाय।

वेजाइनल पीलिंग (vaginal peeling) क्या है

इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रितु सेठी बताती हैं कि वेजाइनल पीलिंग (vaginal peeling) यानि योनि के आसपास की स्किन का छिलना। ऐसे कई कारण होते हैं, लिसके चलते स्किन उतरने लगती है। बार बार योनिं के आसपास खुजली करना स्किन पीलिंग का मुख्य कारण है। दरअसल, किसी संकमण की चपेट में आने से स्किन पर रैशेज बनने लगती है। इससे दर्द, जलन और खुजली का होना स्वाभाविक है।

वेजाइनल स्किन पीलिंग के लक्षण

बार बार योनि में खुजली महसूस होना
यूरिन पास करते वक्त जलन का अनुभव
स्किन पर रैशेज का बन जाना और त्वचा पर लालिमा आना
वेजाइनल डिसचार्ज होना

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वजाइनल ड्राइनेस क्यों बढ़ने लगती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

जानते हैं वेजाइनल स्किन पीलिंग के कारण

1. एक्जिमा

एक्जिमा के कई प्रकार होते है। उन्हीं में से एक है एटोपिक डार्माटाइटिस, जो कई बार खान पान या कपड़ों से होने वाली एलर्जी के कारण सि्ेकन पर उभरने लगता है। इसमें त्वचा पर जगह जगह लाल रंग के रैशेज उभरने लगते हैं। उनमें लगातार खुजली बनी रहती है। जो स्किन में रूखापन बढ़ देता है। इससे स्किन के छिलने या उतरने का भय रहता है। इस स्थिति में डॉक्टरी जांच अवश्य कराएं।

2. सोरायसिस

नेशनल सोरायसिस फाउंडेशन के अनुसार सोरायसिस की समस्या जेनिटल्स को प्रभावित करती है। दरअसल, ये एक प्रकार की क्रानिक ऑटो इम्यून कंडीशन है। इसमें स्किन सेल्स तेज़ी से बढ़ते हैं जो त्वचा पर प्लाक बनाते हैं। इससे जेनिटल्स पर सोराटिक घाव बनने लगते हैं। सोरायसिस दो प्रकार का होता है। इनवर्स सोरायसिस और प्लाक सोरायसिस।

Vaginal infection ke kaaran
इसमें व्यक्ति के जेनिटल्स पर बारीक दाने महसूस होने लगते हैं।

3. यीस्ट इन्फ़ैकशन

महिलाओं में सेक्सुअल रिलेशन बनाने और हाइजीन का ख्याल न रख पाले के चलते यीस्ट इन्फ़ैकशन की शिकायत बढ़ने लगती है। एनीसबीआई के रिसर्च के मुताबिक यीस्ट इन्फ़ैकशन कैंडिडा फंगस के कारण बढ़ने लगता है। अपनी लाइफटाइम में करीबन सभी महिलाओं को इस समस्या से कभी न कभी होकर गुज़रना पड़ता है। इससे वेजाइना का पीएच लेवल गड़बड़ाने लगता है, जो इचिंग, जलन और दर्द का कारण साबित होते हैं। इससे बचने के लिए डॉक्टरी उपचार के अलावा इंटिमेट हाइजीन को बनाए रखना ज़रूरी है।

4. कॉन्टेक्ट डर्माटाइटिस

इसमें व्यक्ति के जेनिटल्स पर बारीक दाने महसूस होने लगते हैं। कई बार कपड़ों को उचित प्रकार से न धोने के कारण ये समस्या बढ़ने लगती है। कपड़ों में से साबुन पूरी तरह से न निकलना इंफैक्शन का कारण बन जाता है। इससे स्किन पर खुजली और लाल निशान दिखने लगते हैं।

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योनि की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए नहाने के दौरान योनि को गुनगुने पानी से अवश्य साफ करें। चित्र : एडॉबीस्टॉक

जानते हैं इस समस्या से कैसे बचें

अगर आप जलन और इचिंग महसूस कर रही हैं, तो ज्यादा टाइट कपड़े पहनने से बचें। इससे स्कीन ब्रीदएबल नहीं रहती है।

देर तक गीले कपड़े पहनकर न घूमें और बैठें। योनि के गीला रहने से बैक्टीरियल इंफैक्शन का खतरा तेज़ी से बढ़ने लगता है।

सेक्स के बाद वेजाइना को अवश्य क्लीन करें। इससे इंटिमेट हाइजीन बनी रहती है।

दानों में लगातार होने वाली खुजली से राहत पाने के लिए वेजाइना पर बर्फ से सिकाई करें। कोल्ड क्रप्रेंस इचिंग से निजात दिलाता है।

इसके अलावा डॉक्टरी सलाह से एंटी फंगल क्रीम या लोशन अप्लाई करें।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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