पीरियड्स के दौरान ज्यादातर महिलाओं को पेट के निचले हिस्से, कमर और जांघों में बहुत अधिक दर्द महसूस होता है। इसे हम पीरियड क्रैम्प्स कहते हैं। हर महीने पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कभी कम तो कभी ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ता है। यही नहीं पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द उनकी नियमित दिनचर्या को भी बुरी तरह प्रभावित करने लगता है। आप में से कई महिलाएं ऐसी होंगी जो इस वजह से काफी ज्यादा परेशान रहती होंगी। मगर परेशान न हों, क्योंकि आपके घर पर ही इनका उपचार भी है। आइए जानते हैं ऐसे 6 उपाय जो पीरियड्स क्रैम्प्स (Periods cramps home remedies) में आपको राहत दे सकते हैं।
पीरियड्स के शुरुआती 24 घंटों में यह दर्द चरम पर होता है। साथ ही पीरियड शुरू होने के 2 से 3 दिनों बाद इससे राहत मिलती है। इसकी वजह से कई महिलाएं सुस्ती और चिड़चिड़ापन महसूस करती हैं। साथ ही यह पीरियड्स क्रैम्प आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। खानपान की आदतों से लेकर नियमित दिनचर्या में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने से आपको इससे निजात पाने में मदद मिलेगी। ऐसे में कुछ आसान से स्टेप्स को अपना कर आप इन समस्याओं से दूर रह सकती हैं।
ज्यादातर महिलाओं में पीरियड्स के दौरान ओवरी में प्रोस्टेग्लेंडाइन नामक एक हार्मोन रिलीज होता है, जो पीरियड्स क्रैम्प्स का एक प्रमुख कारण हो सकता है। कई महिलाएं पीरियड के दौरान असहनीय दर्द महसूस करती हैं, तो कईयों को दर्द की अनुभूति नहीं होती। यह प्रोस्टेग्लेंडाइन हार्मोन्स की वजह से होता है। वहीं पीरियड्स के दौरान ओवरी में खून की कमी हो जाने के कारण मसल्स सिकुड़ने लगती है, जिसकी वजह से पेट के निचले हिस्से में दर्द और ऐठन महसूस होती है। यदि आपको अचानक से पीरियड्स क्रैम्प्स बहुत ज्यादा असहनीय हो रहे हैं तो डॉक्टर से मिलकर सलाह लेना उचित रहेगा।
यदि आपकी उम्र 30 साल से कम है, तो आपको पीरियड्स क्रैम्प्स ज्यादा महसूस हो सकते हैं।
आपकी प्यूबर्टी 11 साल या उससे कम उम्र में ही शुरू हो गई थी, तो पीरियड्स क्रैम्प्स का खतरा लंबे समय तक बना रहता है।
यदि आपको पीरियड के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है, तो पीरियड्स क्रैम्प्स होना स्वाभाविक है।
अनियमित पीरियड्स की स्थिति में भी पीरियड्स क्रैम्प्स परेशान कर सकते हैं।
स्मोकिंग करने की आदत भी पीरियड के दौरान पेट दर्द जैसी समस्याओं को जन्म देती है।
अपने पेट के निचले हिस्से को हॉट वॉटर बैग से सिकाई करें। पब मेड द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार हीट थेरेपी पीरियड्स के दर्द से राहत पाने में मदद करती हैं। यदि आपके पास हॉट वॉटर बैग या हीटिंग पैड नहीं है, तो गर्म पानी से नहाने या तोलिया को गर्म पानी में डुबोकर पेट की सिकाई करने से राहत मिलेगी।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अध्ययन में देखा गया की पीरियड्स क्रैम्प्स में हल्के गुनगुने ऑयल से पेट के निचले हिस्से पर मसाज करने से क्रैम्प्स को कंट्रोल किया जा सकता है। साथ ही पेट और कमर की मसाज करने से भी राहत मिलेगी। मसाज करने से पहले तेल को हल्का गुनगुना करना न भूलें। साथ ही जितना हो सके उतना हल्के हाथों से मसाज करने की कोशिश करें, अन्यथा पेट पर जोर डालने से दर्द और ज्यादा ट्रिगर हो सकता है।
पीरियड्स के दौरान यदि आप डिहाइड्रेटेड रहती हैं, तो आपके पीरियड्स क्रेम्पस और ज्यादा बढ़ सकते हैं। साथ ही पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द महसूस करेंगी। इसलिए खुद को अच्छी तरह हाइड्रेटेड रखने की कोशिश करें। साथ ही एक्सपर्ट्स की मानें तो पीरियड्स में रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी पीने से मदद मिलेगी। यदि पानी गुनगुना हो तो यह और ज्यादा असरदार रहेगा।
पीरियड्स में दर्द से राहत पाने के लिए कुछ खास खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकती है। परंतु उसी जगह कुछ ऐसे भी खाद्य पदार्थ हैं, जो पीरियड क्रैम्प्स को और ज्यादा बढ़ा देते हैं। बेरीज, फैटी फिश और एवोकाडो जैसे खाद्य पदार्थ इन्फ्लेमेशन को कम करते है, और पीरियड में होने वाले दर्द से राहत पाने में मदद करते है।
साथ ही साल्टी फूड, कैफ़ीन, अल्कोहल और फैटी फूड्स जैसे खाद्य पदार्थ पीरियड्स में गैस, कब्ज और वॉटर रिटेंशन जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इसलिए पीरियड्स में अपने खानपान का विशेष रूप से ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। वहीं 2020 में पब मेड सेंट्रल द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार अल्कोहल का सेवन न करने से पीरियड्स कम दिनों के लिए आती हैं, और लबलीडिंग भी बहुत कम मात्रा में होती है। साथ ही यह पेट दर्द की समस्या को भी कम करता है।
जितना ज्यादा आप तनाव में रहेंगी उतना ही ज्यादा पीरियड्स में पेट दर्द की अनुभूति होगी। ऐसे में खुद को तनाव मुक्त रखने का प्रयास करें। इसके लिए योग, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, मेडिटेशन और काउंसलिंग की मदद ले सकती हैं। वहीं एक रिसर्च में देखा गया कि स्ट्रेस आपकी किसी भी समस्या को 2 गुना ज्यादा बढ़ा देता है। इसलिए स्ट्रेस फ्री रहना बहुत जरूरी है।
अक्सर पीरियड के दौरान लोगों को आराम करने की सलाह दी जाती है। परंतु शारीरिक रूप से सक्रिय रहना प्राकृतिक रूप से दर्द से राहत पाने में मदद करता है। ऐसे में एक्सरसाइज की मदद ले सकती हैं। हालांकि, पीरियड के दौरान हल्के और साधारण व्यायाम का अभ्यास करने की कोशिश करें। वहीं एक्सरसाइज करने से शरीर से एंडोर्फिन्स नामक हारमोंस रिलीज होता हैं, जो दर्द से राहत पाने में आपकि मदद करता हैं। साथ ही व्यायाम का अभ्यास करने से स्ट्रेस फ्री रहने में भी मदद मिलती है।
यह भी पढ़ें : पीरियड क्रैम्प्स तो हुए पर ब्लीडिंग नहीं हुई! जानिए क्या हो सकते हैं इसके कारण