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Bruises : जानिए क्यों पीरियड के दौरान कुछ महिलाओं की स्किन पर पड़ जाते हैं नीले निशान

ब्रूइज या त्वचा पर नीले निशानों का पड़ना ब्लड क्लोटिंग की समस्या है। मगर कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है। इसके कारणों को जानना जरूरी है।
Published On: 18 Dec 2023, 03:45 pm IST
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periods se bruises ka kaarn
त्वचा के नीचे छोटी रक्त वाहिकाओं के क्षतिग्रस्त होने के कारण नील पड़ जाते हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक

महिलाओं में पीरियड शुरू होने के पहले और उसके दौरान कई ऐसे लक्षण होते हैं, जो काफी तकलीफदेह होते हैं। इस दौरान ज्यादातर महिलाओं को ब्लोटिंग क्रैम्प्स का सामना करना पड़ता है। जबकि कुछ महिलाओं को डिप्रेशन और मूड स्विंग्स जैसी समस्या भी हो सकती है। मेंस्ट्रुअल पीरियड के दौरान कुछ लक्षण ऐसे भी होते हैं जो कम महसूस होते हैं। इन्हीं में से एक है ब्रूइज (Bruises) की समस्या। जिसमें त्वचा पर जगह-जगह नीले निशान (Blue patches during period) पड़ जाते हैं। आइए एक विशेषज्ञ से जानते हैं क्या है यह समस्या और क्या है इसका कारण।

क्या होते है मेंस्ट्रुएशन (Understanding Menstruation)

सबसे पहले, मेंस्ट्रुएशन के बारे में गहराई से जानते है। एक महिला के पारियड चक्र में हार्मोनल उतार-चढ़ाव शामिल होते हैं जो गर्भाशय की परत के टूटने का कारण बनते हैं। यह प्रक्रिया आम तौर पर विभिन्न लक्षणों के साथ होती है जैसे ऐंठन, सूजन, मूड में बदलाव और, कुछ के लिए, त्वचा की संवेदनशीलता में बदलाव। पीरियड्स के दौरान अनुभव होने वाला हार्मोनल रोलरकोस्टर शरीर की प्रतिक्रियाओं और संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकता है, जो संभावित रूप से ब्रूइज का कारण भी बन सकते है।

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पीरियड के दौरान, हार्मोन के स्तर में काफी उतार-चढ़ाव होता है, जिससे रक्त का थक्का जमने वाले कारक प्रभावित होते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

क्या है ब्रूइज या त्वचा पर नीले निशानों का पड़ना

गॉयनकलॉजिस्ट है और आर्केडी वीमेन हेल्थ केयर एंड फर्टिलिटी की डायरेक्टर डॉ. पूजा दिवान बताती हैं कि त्वचा के नीचे छोटी रक्त वाहिकाओं के क्षतिग्रस्त होने के कारण नील पड़ जाते हैं। जिससे आसपास के ऊतकों में रक्त का रिसाव होने लगता है। शरीर में खून जमाने की प्रक्रिया के माध्यम से रक्तस्राव को रोकने की कोशिश होती है। हालाँकि, विभिन्न कारक इस प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं, संभावित रूप से चोट लगने के कारण।

क्यों पीरियड्स के दौरान बढ़ जाती है ब्रूइज की समस्या (Bruises during periods)

पीरियड के दौरान, हार्मोन के स्तर में काफी उतार-चढ़ाव होता है, जिससे रक्त का थक्का जमने वाले कारक प्रभावित होते हैं। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन थक्के जमने की प्रक्रिया को रेगुलेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन हार्मोनों में उतार-चढ़ाव शरीर की सही तरीके से थक्का बनाने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है, जिससे संभावित रूप से चोट लगने की संभावना बढ़ सकती है।

क्याा हैं त्वचा पर होने वाले इन नीले निशानों का कारण (Causes of bruises)

1 कुछ खास दवाइयां (Medicines effect)

अगर आपको ब्रूइज है तो ये कुछ दवाओं के कारण भी हो सकता है। जैसे रक्त को पतला करने वाली (एंटीकोआगुलंट्स) दवाएं। जैसे एस्पिरिन, वारफारिन या क्लोपिडोग्रेल आदि दवाएं चोट लगने के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। ये सभी दवाएं रक्त के थक्के को प्रभावित करती हैं।

2 एजिंग (Aging)

कुछ महिलाओं की उम्र बढ़ने के साथ यह समस्या होने लगती है। असल में जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, त्वचा पतली हो जाती है और उसके नीचे की सुरक्षात्मक वसायुक्त परत कम हो जाती है। जिससे रक्त वाहिकाएं मामूली चोट से भी काफी ज्यादा क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। जिसके परिणामस्वरूप चोट लगने का जोखिम और भी ज्यादा बढ़ जाता है।

3 विटामिन की कमी (Vitamin deficiency)

कुछ विटामिनों, विशेष रूप से विटामिन सी (Vitamin C), विटामिन के (Vitamin k) और विटामिन डी (Vitamin D) का अपर्याप्त स्तर, रक्त वाहिकाओं के स्वास्थ्य और थक्के जमने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। जिससे चोट लगने की समस्या बढ़ सकती है। परिणामस्वरूप त्वचा पर ये नीले निशान (Blue patches) अर्थात ब्रूइज (Bruises) दिखने लगते हैं।

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4 खून की समस्या होने के कारण (Blood related problems)

कुछ खून संबंधी समस्याएं या थक्के को प्रभावित करने वाली बीमारियां, जैसे हीमोफिलिया या थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (कम प्लेटलेट काउंट) रक्त वाहिकाओं को कमजोर कर देती हैं। जिससे वे चोटिल हो जाती हैं और त्वचा के नीचे नीले निशान बनने लगते हैं।

पीरियड्स का सामान्य से हल्का होना कई स्वास्थ्य संबंधी संकेत देता है। चित्र: शटरस्टॉक
ब्रूइज के लिए उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। कुछ दिनों में ये अपने आप ठीक हो जाते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

5 सूरज की रोशनी के कारण (UV rays)

लंबे समय तक धूप में रहने से त्वचा की सहायक संरचना कमजोर हो सकती है। इससे भी चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। सूरज की कुछ हानिकारण किरणें आपकी त्वचा को प्रभावित कर सकती है और पतला बना सकती हैं। माहवारी के दिनों में यह ज्यादा तेजी से रिएक्ट करती है। जिससे रक्त वाहिकाएं चोटिल हो जाती हैं।

क्या ब्रूइज का उपचार संभव है? (How to deal with bruises)

ब्रूइज के लिए उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। अमूमन चार से पांच दिनों में ये अपने आप ठीक हो जाते हैं। जबकि गिरने, ठंड के कारण नसों के जाम होने या झटके के कारण ब्रुसीस गंभीर हो सकते हैं।

ऐसी स्थिति में इन पर बर्फ लगाने या सिकाई करने से आराम मिल सकता है। अगर आपकी त्वचा पर पीरियड के दौरान नीले निशान ज्यादा हो जाते हैं, तो हर घंटे 15 मिनट तक बर्फ लगाएं।

चोट वाले हिस्से को ऊपर उठाकर आराम दें। इससे भी नीले निशानों से राहत मिलती है।

दर्द को कम करने के लिए टाइलेनॉल (एसिटामिनोफेन) जैसी दवाएं ली जा सकती हैं। पर कोई भी दवा लेने से पहले अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ से मशविरा जरूर करें।

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लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

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