पीरियड्स से पहले ज्यादातर महिलाएं प्रीमेंसट्रुअल सिंपटम (PMS)से पीड़ित होती हैं। हालांकि यह समस्या लंबे समय तक नहीं रहती और कुछ ही दिनों में अपने आप स्थिति सामान्य हो जाती है। मगर कुछ महिलाओं में यह समस्या ज्यादा गंभीर होती है। इतनी कि इससे उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ भी प्रभावित होने लगती है। वहीं कुछ महिलाओं को पीरियड्स से पहले दस्त लगने (Loose motion before periods) की भी शिकायत होने लगती है। अगर आपके साथ भी यही समस्या है, तो जानिए इस बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट।
100 में से 2-4 महिलाओं को पीरियड्स से पहले लूज मोशन की शिकायत हो सकती है। यदि आपको पीएमएस संबंधी समस्या परेशान करती है, तो उन लक्षणों को एक डायरी में नोट कर लें। इससे डॉक्टर को यह समझने में मदद मिल सकती है कि क्या आपको पीएमएस है या कुछ और समस्या है? इन लक्षणों में इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम या थायरॉइड डिजीज प्रमुख हैं।
इसका सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन कई कारक इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं:
मेंस्ट्रुअल साइकल के दौरान हार्मोन का स्तर बदल जाता है। कुछ महिलाएं इन हार्मोनल परिवर्तनों के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं, जिसके कारण ये लक्षण हो सकते हैं।
ये वो केमिकल सब्सटांस हैं, जो पीरियड्स से ठीक पहले ब्लड में रिलीज होते हैं। वे आंतों में संकुचन का कारण बनते हैं, जो डायरिया सहित विभिन्न गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी लक्षणों का कारण बन सकते हैं।
जो महिलाएं डिप्रेशन और एंग्जाइटी की शिकार होती हैं, वे इन लक्षणों को अधिक बार झेलती हैं। हालांकि इसके पीछे का सही कारण ज्ञात नहीं है।
जीवनशैली में बदलाव सबसे अधिक जरूरी है।
ब्लोटिंग और पेट भरे होने की अनुभूति को कम करने के लिए कम खाएं, लेकिन कई बार भोजन करें। फ्लूइड रिटेंशन को कम करने के लिए सॉल्ट और सॉल्टी फूड्स को सीमित करें।
फल, सब्जियां और साबुत अनाज जैसे कॉम्प्लैक्स कार्बोहाइड्रेट का चुनाव करें,
कैल्शियम रिच फूड खाएं। यदि डेयरी उत्पादों से एलर्जी है, तो कैल्शियम सप्लीमेंट्स ले सकती हैं। कैफीन और अल्कोहल से परहेज करें ताे बेहतर है।
सप्ताह के जयादातर दिनों में 30 मिनट तक मध्यम तीव्रता वाली एक्सरसाइज करें, जैसे- तेज चलना, तैराकी आदि।
हार्मोनल असंतुलन से संबंधित लक्षणों को कम करने के लिए दिनचर्या में हेल्दी स्लीप को शामिल करना बेहद जरूरी है। व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के आधार पर ध्यान और योग को अपने फिटनेस रुटीन में शामिल करें। अन्य लोगों से भी बात करें, जो इस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं।
डायरिया के कारण फ्लूइड लॉस को पूरा करने के लिए खूब सारे तरल पदार्थ पिएं।
फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे केला, सेब और ओट्स का सेवन करें।
दही जैसे नेचुरल प्रोबायोटिक्स का सेवन करें।
कुछ दिनों के लिए मसालेदार और तैलीय भोजन से दूर रहें।
यदि लक्षण गंभीर हैं और जीवनशैली में बदलाव के बाद भी सुधार नहीं हो रहा है, तो अपने डॉक्टर से मिलें। संभव है कि यह अंडरलाइंग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कंडिशन के कारण हो, जो पीरियड्स के दौरान बिगड़ जाती है।
डॉक्टर के सुझाव पर ही दवाएं लें। ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स, NSAIDS जिसमें इबुप्रोफेन, एंटीडिप्रेसेंट दवाएं हैं, जो लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकती हैं।
हालांकि पीरियड्स से पहले ब्लोटिंग, गैस और लूज मोशन जैसे लक्षण आम हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ये कभी-कभी अन्य समस्याओं को भी ट्रिगर कर सकते हैं।