दैनिक योग अभ्यास पूरे दिन स्वस्थ, प्रोडक्टिव, शांत और खुश रहने में मदद कर सकता है। योग का अभ्यास मन-शरीर, मनुष्य और पर्यावरण के बीच पूर्ण संतुलन का संकेत देता है। यह हर प्रकार के तनाव को दूर करने में मदद करता है। योग और आसन शारीरिक और मानसिक स्थिरता पैदा करते हैं। यह किसी भी मुद्रा को बनाए रखने के लिए अनुशासन और ताकत देते हैं। हर स्त्री को मालासन जरूर करना चाहिए। यह एक शुरुआती स्तर का योगासन है। जानते हैं यह आसन कैसे किसी महिला को स्वस्थ (Malasana for women’s health) रख सकता है।
योग इंस्ट्रक्टर स्वाती जैन बताती हैं, ‘मलासन को माला आसन या स्क्वाट आसन के नाम से भी जाना जाता है। मालासन संस्कृत के शब्द “माला” और “आसन” से बना है। इसका अर्थ माला या हार है। तीन आसन जो मालासन के लिए तैयार करते हैं वे हैं ताड़ासन, नौकासन और पादहस्तासन। मलासन करने के बाद हम चक्रासन, हलासन और प्लैंक को छोड़कर कोई भी योग आसन कर सकते हैं। ‘
मालासन इस प्रकार किया जाता है :
योग इंस्ट्रक्टर स्वाती जैन बताती हैं,’ पैरों को कूल्हों से थोड़ा चौड़ा करके चटाई या ज़मीन पर बैठ जाएं।
अपने घुटनों को मोड़कर स्क्वाट स्थिति में आ जाएं।
इसके बाद अपने हाथों को एक साथ लाएं और अपनी हथेलियों को ‘नमस्कार’ स्थिति में जोड़ लें।
धीरे से अपनी कोहनियों को इनर थाय की ओर दबाएं।
फिर कूल्हों को ज़मीन के करीब लाने की कोशिश करें।
पूरे अभ्यास के दौरान रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।
फिर धीरे-धीरे मूल स्थिति में आ जाएं।‘
स्वाती जैन के अनुसार, इसके असंख्य लाभों के कारण योग चिकित्सक सदियों से मलासन करते आ रहे हैं। आयुर्वेद के अनुसार, तीन मुख्य अपशिष्ट उत्पाद मल, मूत्र और पसीना हैं। संस्कृत भाषा में माला अपशिष्ट उत्पादों को इंगित करती है। लोग माला का उपयोग ध्यान करने या भक्तिपूर्ण प्रार्थना करने के लिए करते हैं। ऐसी माला जुड़े हुए मोतियों (आमतौर पर 108 मोतियों) से बनी होती है। यह जीवन की वृत्ताकार प्रकृति, सृजन के चक्र या पुनर्जनन की कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया का प्रतिनिधित्व कर सकता है। जप ध्यान में लोग माला गिनते हुए मंत्र गाते हैं।
मलासन या माला आसन, एक योग आसन है जिसके कई फायदे हैं। यह पेट, जांघों, पेल्विक रीजन और रीढ़ की हड्डी में खिंचाव लाता है। यह विशेष रूप से महिलाओं के लिए बढ़िया है, क्योंकि मालासन सामान्य रूप से यूआई, पीसीओएस और पेल्विक हेल्थ में मदद करता है। यदि आपको मालासन करते समय दर्द महसूस होता है, तो डॉक्टर से जरूर परामर्श लें। यदि आप पाचन संबंधी किसी समस्या से पीड़ित हैं, तो मलासन को अपनी फिटनेस दिनचर्या में शामिल करने का प्रयास करें।
नियमित रूप से मलासन करने पर हिप्स के लचीलेपन को बढ़ावा देता है। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम में मदद करता है। शरीर के निचले हिस्से को मजबूत बनाता है। पेल्विक फ्लोर को सक्रिय करता है। यह मानसिक स्थिरता के लिए भी जरूरी आसन है।
रोज सुबह 30 सेकंड से 1 मिनट तक मलासन या माला आसन करना चाहिए। इससे कोलन को साफ करने में मदद मिल सकती है। यह मल के दैनिक निकास को सुनिश्चित कर देता है। यह योग मुद्रा न केवल संतुलन, एकाग्रता और ध्यान में सुधार करती है, बल्कि पेल्विक रीजन में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में भी मदद करता है। पीरियड होने पर भी इस आसन को करना सेफ है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी विशेष रूप से बढ़िया है। इस मुद्रा में पानी पीने से शरीर और दिमाग को हाइड्रेट करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।
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