मूत्रनली के संक्रमण (UTI) काफी आम किस्म के संक्रमण होते हैं, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को अपनी गिरफ्त में लेते हैं, जिसमें खासतौर से महिलाएं होती हैं। ये संक्रमण उस स्थिति में होते हैं जब बैक्टीरिया मूत्रनली में प्रवेश कर जाते हैं और वहां बढ़ने और पनपने लगते हैं। हालांकि यूटीआई से बचाव के लिए एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन बार-बार संक्रमण और उनके कारण होने वाली तकलीफों से दूर रहने के लिए बचाव सबसे महत्वपूर्ण होता है। बचाव के लिए एक कारगर उपाय है पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना। आइए समझते हैं क्या है डिहाइड्रेशन और यूटीआई (Dehydration and UTI) के बीच संबंध।
इस कारण कई लक्षण दिखायी देते हैं। जैसे पेशाब करते समय दर्द महसूस होना, बार-बार पेशाब आना, और पेल्विस में दर्द।
पानी पीना वैसे भी सेहत के लिए जरूरी होता है, और यूटीआई से बचाव में इसकी भूमिका काफी ज्यादा है। जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं तो यह मूत्रनली में मौजूद किसी भी तरह के खतरनाक बैक्टीरिया और अन्य टॉक्सिन्स आपके शरीर से बाहर निकालने में मददगार होता है। इसके अलाव, पानी की पर्याप्त मात्रा शरीर में होने से पेशाब भी डाइल्यूट होता है जिससे बैक्टीरिया का जमाव घटता है और साथ ही, ब्लैडर तथा यूरेथरा में मौजूद अन्य हानिकारक तत्व/रोगाणु भी कम होते हैं।
पानी पीकर यूटीआई से बचाव के बारे में अनेक अध्ययनों में ज़ोर दिया गया है। जर्नल ऑफ इंफेक्शियस डिज़ीज़ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जो महिलाएं हर दिन छह से आठ औंस पानी पीती हैं उनमें यूटीआई की आशंका उन महिलाओं की तुलना में काफी कम होती है जो हर दिन एक गिलास से भी कम पानी का सेवन करती हैं। इसी तरह, जर्नल ऑफ यूरोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि हर रोज़ 1.5 लीटर से अधिक पानी पीने वाली महिलाओं में बार-बार यूटीआई का जोखिम 48% कम होता है।
यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यूटीआई से बचाव में हर प्रकार के तरल पदार्थ एक समान कारगर नहीं होते हैं। पानी सर्वश्रेष्ठ विकल्प होता है लेकिन अन्य तरल पदार्थ जैसे कि कॉफी,चाय और सोडा आदि से यूटीआई का जोखिम बढ़ जाता है। इसका कारण यह है कि इन पेय पदार्थों से ब्लैडर (मूत्राशय) और यूरेथरा (मूत्रमार्ग) में जलन हो सकती है और कुछ बैक्टीरिया को भी बढ़ावा देते हैं। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि यूटीआई से बचाव के लिए शरीर को हाइड्रेट करने के लिए पानी का ही सेवन अधिक करें।
पानी पीने के अलावा, जीवनशैली में कुछ और बदलाव कर भी हम यूटीआई से बच सकते हैं। जैसे, कि शौचालय का प्रयोग करने के बाद खुद को आगे से पीछे की तरफ अच्छी तरह से पोंछकर साफ करें, बहुत कसे हुए कपड़े न पहनें, यौन संसर्ग से पहले और बाद में पेशाब करें। इसी तरह, कुछ ऐसी चीज़ों से बचें जो जलन आदि का कारण बन सकती हैं जैसे बहुत अधिक रसायनयुक्त साबुनों और बब्बल बाथ वगैरह से दूर रहें क्योंकि इनकी वजह से मूत्रनली में जलन या सूजन आदि हो सकती है।
जहां एक ओर यूटीआई से बचने का सबसे कारगर उपाय है पानी का सेवन करना, वहीं यह भी जान लें कि सिर्फ इतना ही काफी नहीं है। अगर आपको बार-बार यूटीआई की शिकायत होती है या आपको अक्सर इंफेक्शन का खतरा है, तो आपके डॉक्टर कुछ और उपायों की सलाह भी दे सकते हैं। जैसे कि प्रोबायोटिक्स का सेवन या टॉपिकल इस्ट्रोजेन क्रीम का इस्तेमाल।
यूटीआई से बचने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें जो आपकी जरूरत और मेडिकल हिस्ट्री को ध्यान में रखकर आपके लिए पर्सनलाइज़्ड प्लान बना सकते हैं।
निष्कर्ष के तौर पर कहा जा सकता है कि पानी पीते रहने से यूटीआई के संक्रमणों से आसान और काफी कारगर तरीके से बचाव किया जा सकता है। आप अपने शरीर को हाइड्रेट रखकर शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया को बाहर निकालते हैं और यूरिन डाइल्यूट होने से भी इंफेक्शन का खतरा घटता है।
साथ ही, साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें और जलन/सूजन आदि पैदा करने वाले पदार्थों से बचें, पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना यूटीआई से बचाव का प्रमुख उपाय है। अगर आपको बार-बार यूटीआई का खतरा होता है या आप इंफेक्शन के किसी भी लक्षण को खुद में महसूस करें, तो तत्काल डॉक्टरी सलाह लें ताकि सही निदान हो सके और उसके मुताबिक उपयुक्त इलाज भी शुरू किया जा सके।
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