स्टीमिंग यानी भाप लेना! किसी भी चीज़ को अंदर से साफ कर सकता है। फिर चाहें यह आपकी त्वचा हो या सांस की नली, खुद को अंदर से क्लीन करने के लिए स्टीम लेने की सलाह आपको हर कोई देता हुआ दिख जाएगा। कई लोग चेहरे पर स्टीम लेते हैं ताकि उनकी त्वचा में बसी किसी भी प्रकार की गंदगी दूर हो जाए। ठीक उसी तरह श्वसन तंत्र को साफ करने के लिए, बंद नाक खोलने के लिए और कफ से राहत दिलाने के लिए आज भी स्टीम का इस्तेमाल किया जाता है।
मगर क्या आप जानती हैं कि अब वेजाइनल एरिया को अंदर से साफ और हेल्दी रखने के लिए भी वेजाइनल स्टीमिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि आपको इसके बारे में पता है तो आपको इसे किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ज़रूर करना चाहिए। लेकिन यदि आप वेजाइनल स्टीमिन के बारे में अभी तक नहीं जानती हैं तो यह लेख आपके लिए है।
जैसा कि नाम से पता चलता है वेजाइनल स्टीमिंग या योनि स्टीमिंग का मतलब है वेजाइनल एरिया को स्टीम देना। यह एक तरह की प्रक्रिया है जिसमें एक टब या पॉट के ऊपर बैठना शामिल है, जिसमें गर्म पानी और कुछ हर्ब्स होते हैं। इस गर्म पानी से निकलते हुये जब स्टीम वलवर होल के अंदर यह जाती तो यह यूट्रस को क्लीन करने में मदद कर सकती है। वेजाइनल स्टीमिंग पूरी गर्भाशया प्रणाली को साफ कर सकती है। साथ ही, इसमें मौजूद बलगम और ब्लड क्लॉट को भी हटाती है।
क्लीवलैंड क्लीनिक के अनुसार वेजाइनल स्टीमिंग फायदे इस प्रकार हैं
संतुलित हार्मोन
गर्भ का साफ हो जाना, डिटॉक्सिफिकेशन
बच्चे के जन्म के बाद तेजी से ठीक होना
बवासीर से राहत
बढ़ी हुई ऊर्जा
कम सिरदर्द
दर्द से राहत।
तनाव या अवसाद से राहत।
यूटरस सेल्फ क्लेंजिंग कर सकता है। यह सच है कि वेजाइनल खुद को साफ कर सकती है। मगर हमारे शरीर के अन्य सभी अंगों की तरह इसे भी सहारे की जरूरत होती है। जबकि महिला में हार्मोनल समस्याएं होती हैं, जहां गर्भाशय सेल्फ क्लेंज करने में सक्षम नहीं होता है। इसी जगह स्टीमिंग काम आती है।
क्लीवलैंड क्लीनिक के अनुसार कोई भी महिला जिसे पीसीओएस, हार्मोनल असंतुलन, पीरियड्स की समस्या, पीरियड्स से पहले और बाद में भूरा या काला डिस्चार्ज, दर्दनाक पीरियड्स, योनि का सूखापन, बार-बार संक्रमण, फाइब्रॉएड, और अभी-अभी डिलीवरी हुई हो। वे वेजाइनल क्लीनिंग कर सकती है।
अतः, यह स्त्री रोग संबंधी समस्याओं की एक विस्तृत श्रृंखला से संबंधित है। और इसका बहुत ही आसान उपाय है। यह एक नई प्रक्रिया है और सामान्य तौर पर यह नई नहीं है। भारत और नेपाल में महिलाएं कई सालों से इस तकनीक का इस्तेमाल कर रही हैं।
अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल, मुंबई में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मिलोनी गडोया इस तथ्य से सहमत हैं कि वेजाइनल स्टीमिंग लेना कोई नई तकनीक नहीं है। योनि को साफ करने के लिए वेजाइनल स्टीमिंग का मुख्य रूप से इस्तेमाल किया जाता था क्योंकि उस समय वेजाइनल वॉश जैसे फेमिनिन हाइजीन प्रोडक्ट्स नहीं थे।इसका उपयोग गर्भाशय के लिए मासिक धर्म की ऐंठन को कम करने और सूजन को कम करने के लिए किया जाता था।
हां बिल्कुल। इसे कब तक और कितनी बार करना चाहिए? यह पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है। आदर्श रूप से वेजाइनल स्टीमिंग हमें महीने में 4-6 बार 15-20 मिनट के लिए करनी चाहिए। तो, आपको इंतजार नहीं करना चाहिए, आपको जाना चाहिए और प्रक्रिया को अपनाना चाहिए।
वेजाइनल स्टीमिंग कभी – कभी खतरनाक हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपकी योनि की त्वचा बहुत नाजुक होती है और इसमें हो जलन भी सह सकती है। इसमें हर्ब्स का इस्तेमाल करने से पीएच बदल सकता है और बैक्टीरियल वेजिनोसिस और यीस्ट संक्रमण हो सकता है।
तो आप भी अपनी डॉक्टर से पूछें इस प्रक्रिया के बारे में!
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